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Friday, July 26, 2019

"करगिल विजय दिवस" (चर्चा अंक- 3408)

स्नेहिल अभिवादन   
शुक्रवार की  चर्चा में आप का हार्दिक स्वागत है|  
देखिये मेरी पसन्द की कुछ रचनाओं के लिंक |  
 - अनीता सैनी
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दोहे 

 "करगिल विजय दिवस" 

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 

उच्चारण 

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कारगिल विजय 

मन की वीणा - कुसुम कोठारी। 

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कैसी होंगी? 

 मन के पाखी 

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कारगिल दिवस  

 हिन्दी-आभा*भारत  
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कारगिल की यहीं कहानी।

कारगिल विजय दिवस 

Poet and Thoughts 
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कारगिल विजय दिवस 

 Experience of Indian Life 
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जा पिया! (सुहागन का समर घोष) 

 VISHWAMOHAN UWAACH विश्वमोहन उवाच 
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लौटा माटी का लाल ! 
Image result for तिरंगे में लिपटे शहीद चित्र
 क्षितिज 
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मेरी जन्मभूमि 

 कविता "जीवन कलश" 
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सैनिक की जली हुई रोटियाँ 

 हिन्दी-आभा*भारत 
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कारगिल पर था तिरंगा लहराया 

गूँगी गुड़िया
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11 comments:

  1. नमन वीरों को। बहुत सुन्दर चर्चा।

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  2. बहुत उम्दा रचनाएं
    बेहतरीन प्रस्तुति

    ReplyDelete
  3. बहुत सुन्दर चर्चा।
    करगिल के शहीदों को नमन।
    जय हिन्द । वन्दे मातरम्।
    --
    आपका आभार अनीता सैनी जी।

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  4. बहुत सुंदर व सार्थक चर्चा, नमन हमारे जवानों को

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  5. बेहतरीन चर्चा अंक,मेरी रचना को स्थान देने के लिए सहृदय आभार प्रिय सखी अनीता सादर

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  6. राष्ट्रीयता से अनुप्राणित और राष्ट्रोत्सर्ग से ओत-प्रोत गीतों का सुंदर समर्पण कारगिल के वीरों के नाम। बधाई और आभार।

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  7. सुंदर चर्चा प्रस्तुति सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई मेरी रचना को चर्चा मंच पर स्थान देने के लिए आपका बहुत बहुत आभार प्रिय अनिता जी

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  8. कारगिल दिवस पर तुम्हारे आह्वान पर रची गयी सुंदर देशभक्ति से परिपूर्ण रचनाओं से ब्लॉग जगत गूँज रहा है अनु।
    सबने बहुत सुंदर लिखा पूरे मन से सारी रचनाएँ बहुत सराहनीय है और अनु तुम सच में इस संयोजन के लिए बधाई की पात्र हो।
    मेरी रचना शामिल करने के लिए बहुत बहुत आभार अनु।

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  9. तहे दिल से आभार प्रिय श्वेता दी |सुन्दर समीक्षा और अपार स्नेह के लिए|
    कारगिल दिवस पर वीरों को श्रद्धा पूर्वक श्रद्धांजलि से ब्लॉग जगत गूँज उठा, मन को बहुत सुकून मिला |आप सभी से मन से सहयोग किया शब्द नहीं है इस ख़ुशी के लिए |मेरे शब्दों का मान रखने के लिए |तहे दिल से आभार सभी रचनाकारों|हमेशा ऐसे ही प्यार बांटते रहेगें |
    सादर स्नेह

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  10. चर्चा मंच पर आज करगिल विजय दिवस का शानदार रचनाओं के साथ आयोजन उत्कृष्ट प्रयास है। शहीदों के सर्वोच्च बलिदान को याद करती रचनाओं से सुसज्जित अंक एक श्रमसाध्य प्रस्तुति है। शहीदों को हमारा शत-शत नमन।

    मेरी रचनाओं को चर्चा मंच में शामिल करने के लिये सादर आभार।


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  11. बहुत ही भावपूर्ण चर्चा अंक अमर शहीदों के नाम प्रिय अनिता | शहीदों का सम्मान राष्ट्र का प्रथम कर्तव्य है |तुमने मुझे प्रेरित किया तो मैं भी कारगिल की विजय गाथा पर कुछ लिख पाई जिसके लिए आभारी रहूंगी | सभी रचनाकारों को मेरी और से हार्दिक बधाई और शुभकामनायें |
    दो शब्द शहीदों के नाम ---

    वे भी किसी की आँखों का सपना

    माता पिता के दुलारे थे

    नन्हे बच्चों का संसार- सम्पूर्ण

    बहनों के भाई प्यारे थे !


    ' जग में तेरा वैभव बना रहे

    माँ दे अपना बलिदान चले ''

    ये कहकर मिटे लाल माँ के

    जो घर आंगन के उजियारे थे !



    धुन थी ना झुके तिरंगा ,

    तन जान भले ही मिट जाए ;

    शत्रु ने लाख जतन किये -

    पर ये दीवाने कब हारे थे ?


    उनकी याद मिटादें जो ,

    कहाँ हम सा कोई कृतघ्न होगा ?

    उनकी क़ुर्बानी याद रहे ;

    यही उनका पूजन -वन्दन होगा |

    वीर शहीदों को कोटि कोटि नमन !
    सार्थक अंक के प्रस्तुतिकरण और मेरी रचना शामिल करने के लिए सस्नेह आभार

    ReplyDelete

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