बुधवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
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ट्रिपल तलक आस्था नही,
अधिकारों की लड़ाई है ।
ट्रिपल तलाक पर रोक लगाने का बिल लोकसभा से तीसरी बार पारित होने के बाद एक बार फिर चर्चा में है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में ही इसे असंवैधानिक करार दे दिया था लेकिन इसे एक कानून का रूप लेने के लिए अभी और कितना इंतज़ार करना होगा यह तो समय ही बताएगा। क्योंकि बीजेपी सरकार भले ही अकेले अपने दम पर इस बिल को लोकसभा में 82 के मुकाबले 303 वोटों से पास कराने में आसानी से सफल हो गई हो लेकिन इस बिल के प्रति विपक्षी दलों के रवैये को देखते हुए इसे राज्यसभा से पास कराना ही उसके लिए असली चुनौती है...
भारतीय नारी पर
dr neelam mahendra
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बाज नहीं क्यों आते
बाज नहीं क्यों आते अपनी आदत से
और बदजुबानी करते हो औरत से
जिसने भेजा है तुझको अब संसद में
बच के रहना तू जनता की ताकत से...
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वो बच्ची
दद्दू उसे बुलाती रही
गलत उसकी नजरों को भांपती रही
ताड़ती थी निगाहे उसे
तार तार वो होती रही
कातर नजरे गुहार लगाती रही...
आत्ममुग्धा
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सुन्दर अंक।
जवाब देंहटाएंशानदार..... मेरी रचना को स्थान देने का शुक्रिया
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसादर
शानदार प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंलाजवाब प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंदेर से आने के लिए खेद है, सुंदर प्रस्तुतिकरण, आभार
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