मित्रों!
बुधवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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गीत लिखूँ प्रीत में मनमीत के लिखूँ
भावना में बज रहे संगीत के लिखूँ।।
मन्त्रमुग्ध ही रहा हूँ मोहपाश में
दृष्टिपथ निहार रहीं पलकें साथ में
गर्मीयों की बात करूँ शीत के लिखूँ
भावना में बज रहे संगीत के लिखूँ...
Jaiprakash
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कोई दवा न मिली
फेफड़ों को खुली हवा न मिली
न मिली आपसे वफ़ा न मिली
दुश्मनी ढूँढ़-ढूँढ़ कर हारी
दोस्ती है जो लापता, न मिली...
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सुगर बढा तो बढ़ गया, रविकर अंतरद्वंद-
सुगर बढा तो बढ़ गया, रविकर अंतरद्वंद।
मीठा खाना ही नहीं, अपितु बोलना बन्द।।
बेवकूफ वाचाल है, समझदार हैं मौन।
उस समाज परिवार को, बचा सके फिर कौन...
"लिंक-लिक्खाड़" पर रविकर
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आशीषें हो जो देते हैं
मातृ देवो भव', 'पितृ देवो भव', 'गुरू देवो भव' और 'अतिथि देवो भव' का अतुलित संदेश वेदों में दिया गया है. गुरू में दिव्यता का अनुभव हम कर सकते हैं, क्योंकि वह ईश्वर का प्रतिनिधित्व करता है, अतिथि में भी हम दिव्यता की धारणा कर सकते हैं, किंतु जिसने माँ और पिता में दिव्यता के दर्शन कर लिए उसके जीवन में सहजता अपने आप आ जाती है...
डायरी के पन्नों से पर Anita
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जीयें तो जियें ऐसे ही.....
सुबह अखबार पढ़ लो या टीवी पर समाचार देख लो, मन खराब होना ही है. गलती उनकी इतनी नहीं है, चौबीस घंटे समाचार दिखाने वाले दो चार घंटा अपराध की खबरें न दिखायेंगे तो क्या करेंगे!
अपराध की सूचना देना आवश्यक है मगर जिस तरह दिखाये या लिखे जाते हैं, उन लोगों की मानसिकता पर दुख और भय दोनों की ही अनुभूति होती है. मुझे घटनाओं में होने वाली हिंसा से अधिक उनको लिखने वालों के शब्दों और चेहरे पर नजर आती है .सख्त शब्दों में कहूँ तो जुगुप्सा होती है...
अपराध की सूचना देना आवश्यक है मगर जिस तरह दिखाये या लिखे जाते हैं, उन लोगों की मानसिकता पर दुख और भय दोनों की ही अनुभूति होती है. मुझे घटनाओं में होने वाली हिंसा से अधिक उनको लिखने वालों के शब्दों और चेहरे पर नजर आती है .सख्त शब्दों में कहूँ तो जुगुप्सा होती है...
ज्ञानवाणी पर वाणी गीत
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नज़रअंदाज़
हुनर ना आया उन्हें नज़रअंदाज़ करने कास्वांग रचा मशरूफ होने का
पर अंदाज़ गुस्ताख़ नयनों का
दिल ए नादान संभाल ना पाया...
RAAGDEVRAN पर
MANOJ KAYAL -
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शुभ दिवस!
जवाब देंहटाएंसादर आभार!
सुंदर पठनीय लिंक्स। मुझे भी स्थान देने के लिए आभार।
जवाब देंहटाएंसुप्रभात ! बेहतरीन सूत्रों की खबर देती सुंदर चर्चा..आभार !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुरंगी सूत्रों से सजा आज का चर्चा मंच ! मेरे आलेख को स्थान देने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार शास्त्री जी ! सादर वन्दे !
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना एम सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंवाह!!सुंदर प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर संकलन।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति शानदार लिंकों का चयन।
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को बधाई।