स्नेहिल अभिवादन
आज की प्रस्तुति में आदरणीय शास्त्री जी की अनुपस्थिति में मैं आपका हार्दिक स्वागत करती हूँ । धर्मपत्नी के अस्वस्थ होने के कारण वे उनकी देखभाल में व्यस्त है । आदरणीया श्रीमती शास्त्री जी के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना के साथ आपके सम्मुख आज की प्रस्तुति में मेरी पसंद की कुछ रचनाएँ-
- अनीता सैनी
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बात सत्तावन साल पुरानी है हमारे पड़ोस में एक वृद्ध महिला रहती थी। जिसको पूरा मुहल्ला अम्मा के नाम से पुकारता था, लेकिन उनका नाम हरदेई था।
उन दिनों हमने एक गइया पाली हुई थी। घर में हम लोग सुबह गुड़ के साथ मट्ठा पी लिया करते थे। और माता जी उसके लिए घास लेने चली जातीं थी। उस समय मेरी अवस्था 12 साल की थी। बाल मन था अतः मन में विचार आया कि माता जी के आने से पहले क्यों न कढ़ी और चावल बना लिया जाये।
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प्रीत अवगुंठन हटा कर
खिलखिलाई रात भर
बैठ तरुवर ज्यों चकोरी
चाँदनी बिखरी छटा में
शाख-पल्लव-ओट में थी
उमड़ती काली घटा में
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गुलाबी झुमके -
नमस्ते namaste
गुलाबी रंग के क्या कहने !
और उस पर गुलाबी झुमके !
चेहरे की रंगत बदल देंगे !
गाल ग़ुलाबी कर देंगे !
जब हौले-हौले हिलेंगे
जी की बतियाँ कह देंगे ।
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ज़ख्म दिल के
(जीवन की पाठशाला)-
व्याकुल पथिक
कांटों पे खिलने की चाहत थी तुझमें,
राह जैसी भी रही हो चला करते थे ।
न मिली मंज़िल ,हर मोड़ पर फिरभी
अपनी पहचान तुम बनाया करते थे।
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मैं देख रहा हूँ - अम्मा सुबह से ही भाभी पर गुस्सा हो रही हैं | हर बात पर कुछ - न - कुछ कह रही हैं , भाभी के लिए जहर भरे शब्द ! भाभी चुपचाप सुन रही हैं | आज ही नहीं ... पहले भी कई बार ऐसा हुआ है | अम्मा सुनाती रहती हैं ... भाभी सुनती रहती हैं | कोई हस्तक्षेप नहीं कर पाता ... जो करे , उसी की शामत ... जैसे गेहूँ के साथ घुन पिस जाता है ... बिलकुल वैसे ही !
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प्राण-पतंगा मन बसा,धड़कन करती शोर।
धड़कन करती शोर,करें तू क्यों मनमानी।
तेरा किस पर जोर,समझ पर फेरा पानी।
कहती 'अभि' निज बात,घड़ी मस्ती में काटी।
धड़कन होगी बंद,मिले माटी में माटी।
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सफ़हा-सफ़हा से
वे हर्फ़-हर्फ़ सारे
दीमक चाट गयी
डगमगाया है
काग़ज़ से
विश्वास हमारा
पत्थर पर लिखेंगे
इबारत नयी
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जली बाती खिले सपने
लहरा साँझ का आँचल श्याम
जली बात्ती ,खिले सपने।।
भाल निशा के चाँद चमकता
उपवन का कोना महका
खिली खिली थी रजत चाँदनी
तारों का सुंदर डेरा
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ओस -
कविता "जीवन कलश"
गोल-गोल, कुछ उजली-उजली,
पात-पात, पर थी फिसली,
अंग-अंग, प्रकृति संग लिपटी,
चढ़ दूब पर, इतराई,
ओस कण, मन को थी भरमाई!
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चीखें…
अनु की दुनिया : भावों का सफ़र
एक बस्ती में
एक चीख उभरी थी,
जवाब देंहटाएंममता जिसके भीतर होती, माता वही कहाती है।।"
बहुत ही भावपूर्ण संस्मरण , पढ़ते-पढ़ते मुझे भी माँ की याद आ गयी । कोलकाता में जब 12 वर्ष का था , तो इसी तरह जब आटा में अधिक पानी डाल देता था अथवा परांठे बिल्कुल अपने देश के नक्शे की तरह हो जाते थे या फिर मटर आलू की सब्जी बनाते समय समुंदर में मटर और आलू तैरते नजर आते थे , तो मैं बिल्कुल उदास हो जाता था। तब बेड पर बैठे-बैठे माँ मुझे समझाती थी। वैसे, थी तो वह मेरी नानी माँ परंतु माँ से कहीं अधिक और आज भी जब मेरी भावनाओं को ठेस पहुँचता है, किसी पीड़ा की अनुभूति होती है, मैं उन्हें याद करता हूँ।
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अनीता बहन, आज आपकी प्रस्तुति में गुरुजी के संस्मरण को पढ़ कर सुबह - सुबह माँ की याद आ गयी।
साथ अपनी रचना को भी मंच पर पाकर अत्यंत हर्ष हुआ। आपसभी को प्रणाम।
भावुक हुआ मन ।
हटाएंआभार आपका
हटाएंस्नेह और सानिध्य हेतु बहुत बहुत आभार शशि भाई.
हटाएंसादर
अनीता सैनी जी आपको श्रम को सलाम।
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच को मेरी अनुपस्थिति में सजाने के लिए हृदय से धन्यवाद।
सही कहा शशि जी ने आज आपकी प्रस्तुति में और गुरु जी के द्वारा बताया गया संस्मरण में मुझे भी मां की याद आ गई.. मेरी मां पिताजी हमेशा सुबह के वक्त नींबू पानी पिया करते थे उसमें नमक डाल के और मुझे और मेरे भैया को भी वह कहते थे कि तुम दोनों भी पियो लेकिन हम दोनों पीते जरूर थे लेकिन उसमें चीनी मिला दिया करते थे वह भी उनकी नजरें बचाकर.. शास्त्री जी की अनुपस्थिति में आपने आज का संकलन हमेशा की तरह बेहद खूबसूरत संजोया है
जवाब देंहटाएंआपकी तारीफ करना चाहूंगी और दिल से धन्यवाद देना चाहूंगी कि जब भी चर्चा मंच के सदस्य किसी कार्यवश प्रस्तुति तैयार करने में असमर्थ होते हैं आप हमेशा उनकी मदद को आगे आती हैं.. और हमेशा ही बेहतर परिणाम देती हैं हमेशा की तरह आज की सभी रचनाओं में आपकी शख्सियत की मुस्कान फैली है... जीबी सम्मिलित करने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद अनीता जी
मन विगलित नयन अश्रुपूरित
हटाएंआभार प्रिय अनु इस अपार स्नेह के लिये.
हटाएंसुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद अनीताजी ।
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को बधाई !
चर्चा की विविधता दिलचस्प रही ।
सहृदय आभार सखी बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना संकलन
जवाब देंहटाएंमुझे यह आर्टिकल पड कर बहुत अच्छा लगा कि हमारे देश भी technlogy के मामले आगे बड रहा है। मैंने भी अपना ब्लॉग बनाया है चाहे तो आप एक बार अवश्य visit करें ।
जवाब देंहटाएंLyricsharmony