स्नेहिल अभिवादन।
विशेष सोमवारीय प्रस्तुति में आपका स्वागत है।
आजकल उभर आया है
विशेष सोमवारीय प्रस्तुति में आपका स्वागत है।
आजकल उभर आया है
बातों में है विरोधाभास,
ख़लिश रहती है दिल में
ओस में भीगे हैं एहसास।
-अनीता सैनी
आइए पढ़ते हैं मेरी पसंद की कुछ रचनाएँ-
-अनीता सैनी
आइए पढ़ते हैं मेरी पसंद की कुछ रचनाएँ-
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गीत
"निर्मल गंगा धार कहाँ है"
(डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
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बेनाम रिश्ते
गीत के इस दो पंक्तियों में जीवन के कितने गहरे राज छिपे हैं ,है न ।
कभी कभी खून के रिश्ते भी शूल बन चुभते हैं
और कभी जिनसे कोई नाता नहीं होता ,
जो जाने -अनजाने कब आपके जीवन में चले आते हैं
आपको इसका पता भी नहीं चलता, वो आपके दिल में फूल बन बसे होते हैं
,जिसकी खुशबु तक को आप सारी दुनिया से छिपा कर रखते हैं।
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बेनाम रिश्ते
गीत के इस दो पंक्तियों में जीवन के कितने गहरे राज छिपे हैं ,है न ।
कभी कभी खून के रिश्ते भी शूल बन चुभते हैं
और कभी जिनसे कोई नाता नहीं होता ,
जो जाने -अनजाने कब आपके जीवन में चले आते हैं
आपको इसका पता भी नहीं चलता, वो आपके दिल में फूल बन बसे होते हैं
,जिसकी खुशबु तक को आप सारी दुनिया से छिपा कर रखते हैं।
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३९८.पुरानी कुरसी
एक हाथ टूट गया है उसका,
एक पांव भी ग़ायब है,
अगर धीरे से भी हवा चलती है,
तो कांपती है वह कुरसी.
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यूँ बन्दगी में
कविता "जीवन कलश"
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कुसुम की कुण्डलियाँ-७
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ग़ज़ल : 285 -
बदनसीब हरगिज़ न हो
चोर हो , डाकू हो , क़ातिल हो , ग़रीब हरगिज़ न हो ।।
आदमी कुछ हो , न हो बस , बदनसीब हरगिज़ न हो ।।
ज़िंदगी उस शख़्स की , क्या ज़िंदगी है दोस्तों ,
गर जहाँ में एक भी , जिसका हबीब हरगिज़ न हो ।।
**●नवगीत● ■◆संजय कौशिक 'विज्ञात'◆■
षड्यंत्रों का दौर चला है
केवल व्यर्थ दिखावा जो
लक्ष्य साधना है वो कैसी
पाकर दे पछतावा जो
"तलबे "
" इस मौसम तक आते आते तुम कितना बुझी बुझी सी हो जाती हो ?
मोहब्बत में इतना पागलपन सिर्फ औरतो के दिल में होता है
मर्द अपने दिल का इस्तेमाल सिर्फ फुरसत में करते है."
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Sandip Ki Rasoi uttapam and Paranthe 15 Jan 2020
चावल के आटे और रवे को बराबरी से
मिलाकर स्वादानुसार नमक और एक नींबू निचोड़कर अच्छे से मिला लें,
फिर इसमें आवश्यकता अनुसार पानी मिलाकर एक घोल तैयार कर लें
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वैश्या कहीं की ! ( लघुकथा )
"अरि ओ पहुनिया!"
""करम जली कहीं की!"
"कहाँ मर गई ?"
"पहिले खसम खा गई!"
"अब का हम सबको खायेगी!"
"भतार सीमा पर जान गँवा बैठा, न जाने कउने देश की खातिर!"
"अउरे छोड़ गया ई बवाल हम पर!"
**विश्व योग दिवस
आज का दिन काफी व्यस्त रहा और काफी अलग भी. प्रातः भ्रमण के समय फूलों से लदे वृक्षों की तस्वीरें उतारीं, बाकी दिन घर आने की जल्दी होती है सो वे कैमरा लेकर नहीं जाते. बड़े भाई से बात हुई वे एक प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र में नौ दिन रहकर आये हैं,
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आज का सफ़र यही तक
फिर मिलेंगे आगामी अंक में
- अनीता सैनी
आज का सफ़र यही तक
फिर मिलेंगे आगामी अंक में
- अनीता सैनी
बेनाम रिश्तेः गुलजार साहब की यह गीत याद आ गयी, आपकी प्रस्तुति के शीर्षक से-
जवाब देंहटाएंकोई होता जिसको अपना
हम अपना कह लेते यारों
पास नहीं तो दूर ही होता
लेकिन कोई मेरा अपना ...
सत्य तो यह है कि ऐसे रिश्ते कभी तो इतने सुखद लगते हैं कि मानों दुनिया की हर खुशबू इसमें समाहित हो ।
इसमें स्वार्थ का दुर्गंध जो नहीं रहता है, परंतु इसमें कोई अनुबंध भी तो नहीं होता है न ।
अतः ऐसे रिश्ते कच्चे धागे से भी कमजोर हैं, तनिक-से तनाव को सहन नहीं कर पाते हैं ऐसे रिश्ते और फिर दर्द की वही दास्तान ...
परंतु दिल में सदैव यह कामना तो जगी रहती ही है कि कोई तो होता मेरा अपना, पास नहीं तो दूर ही होता...।
एक ऐसा सच्चा मित्र जिससे हम अपना दुःख-सुख बढ़ सकें। अपने दिल के बोझ को हल्का कर सकें।
सुंदर एवं सार्थक प्रस्तुति अनीता बहन,सभी रचनाकारों को प्रणाम।
अद्यतन लिंकों के साथ बहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआपका आभार अनीता सैनी जी।
लाजवाब प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसुंदर लिंको को का संयोजन ....सभी रचनाएं एक से बढ़कर एक है. पुरानी कुर्सी जीवन के यथार्थ से संपर्क करवाती है अन्य रचनाएं भी बहुत अच्छी हैं धन्यवाद
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा अंक ,सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनाएं , मेरे लेख को चर्चा मंच पर स्थान देने के लिए आभार आपका अनीता जी
जवाब देंहटाएंbahot hi achha..
जवाब देंहटाएं200+ Mahakal Status In Hindi 2020 | Mahakal Attitude Status
बेहतरीन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा.मेरी कविता को स्थान देने के लिए आभार
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर व श्रमसाध्य प्रस्तुति मेरी अनुपस्थिति में आदरणीया अनीता जी द्वारा।
जवाब देंहटाएंसराहनीय एवं सरस रचनाओं का चयन। सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएँ। भूमिका में अनूठा मुक्तक जो गागर में सागर की तरह है।
बहुत-बहुत आभार चर्चामंच को रोचकता प्रदान करने के लिये।
देर से आने के लिए खेद है, पठनीय रचनाओं का संकलन, मुझे भी स्थान देने के लिए शुक्रिया !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर संयोजन
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