स्नेहिल अभिवादन।
विशेष शनिवासरीय प्रस्तुति में हार्दिक स्वागत है।
शब्द-सृजन-८ के लिये
विषय दिया गया था 'पराग'
विशेष शनिवासरीय प्रस्तुति में हार्दिक स्वागत है।
शब्द-सृजन-८ के लिये
विषय दिया गया था 'पराग'
पराग फूल का महत्त्वपूर्ण उत्पाद है जो फूल में मिठास के रूप में घुलमिलकर प्रकृति का अनमोल उपहार बनकर नये आयाम देता है. रंग-विरंगे फूलों से पराग एकत्रकर मधुमक्खियाँ मधु /शहद का निर्माण करती हैं जिसे समाज उपभोग करता है.
प्रकृति प्रदत्त उपहारों में पराग अनूठा है. फूलों के आसपास तितलियों, भँवरों को मडराते देख कवि/ कवयित्री का हृदय झूम उठता है और कल्पनालोक में विचरण करते हुए मनमोहिनी रचनाओं का सृजन करता है. अतः पराग अदृश्य रहकर भी जीवन में मृदुल एहसासों को जाग्रत करता है, हमारे दृष्टिकोण को व्यापक बनाता है.
आइए पढ़ते हैं पराग विषयक अनूठा सृजन लिये कुछ रचनाएँ-
-अनीता सैनी
**दोहे
सुमनों से करते सभी, प्यार और अनुराग।
खेतों में मधुमक्खियाँ, लेने चलीं पराग।।
आते ही मधुमास के, जीवित हुआ पराग।
वासन्ती परिवेश में, रंगों का है फाग।।
उपवन में आकर मधुप, छेड़ रहे हैं राग।
आम-नीम के बौर में, जीवित हुआ पराग।।
**
एक आवारा बदली
एक आवारा बदली
रंग-विरंगे सुकोमल सुमनों से सजीं सुरम्य क्यारियाँ
पुकारतीं तितलियों को
कुसुम-दलों पर छिटकीं धारियाँ
मधुमक्खियाँ मधुर पराग पीने पधारतीं
एक आवारा बदली
बरसने से पहले
निहारती दोनों दृश्य।
पुकारतीं तितलियों को
कुसुम-दलों पर छिटकीं धारियाँ
मधुमक्खियाँ मधुर पराग पीने पधारतीं
एक आवारा बदली
बरसने से पहले
निहारती दोनों दृश्य।
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गुरु पद पदुम पराग ...
परंतु ये कलियाँ क्यों इठला रही हैं,
अभी तो परिपक्व भी नहीं हुई हैं ,
फिर प्रेम और वासना में भिन्नता को कैसे समझेंगी ?
गुरु पद पदुम पराग ...
परंतु ये कलियाँ क्यों इठला रही हैं,
अभी तो परिपक्व भी नहीं हुई हैं ,
फिर प्रेम और वासना में भिन्नता को कैसे समझेंगी ?
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पन्ना धाय तुम्हारे आँसुओं से भीगे,
खुरदरे मोटे इतिहास के पन्ने,
जिनमें सीलन मिलती है आज भी,
कर्तव्यनिष्ठा राष्ट्रप्रेम की।
**
आज का सफ़र यहीं तक
कल फिर मिलेंगे।
- अनीता सैनी
पराग विषय पर मनमोहक अंक है । कली, पुष्प, पाँखुरी, पराग, परागकोष, परागकण, परागण और भँवरे आदि पर चिंतन करने पर लौकिक प्रेम और उसमें निहित स्वार्थ का बोध तो होता ही है साथ ही आध्यात्मिक दृष्टिकोण भी विकसित होता है।
जवाब देंहटाएंइन्हीं शब्दों के साथ आप सभी रचनाकारों को सादर प्रणाम।
मेरे लेख को भी मंच पर इन सुंदर रचनाओं के मध्य स्थान देने के लिए अनीता बहन हृदय से आपका आभार।
शब्द सृजन-8 पर आधारित सुन्दर शनीवासरीय अंक।
जवाब देंहटाएंसभी रचनाएँ सार्थक और सुन्दर हैं।
आपका आभार अनीता सैनी जी।
बहुत बढ़िया प्रस्तुती.
जवाब देंहटाएं'शब्द सृजन' आधारित बहुत सुन्दर प्रस्तुती । मेरे सृजन को सम्मिलित कर मान देने के लिए हार्दिक आभार अनीता जी ।
जवाब देंहटाएंपराग अदृश्य रहकर भी जीवन में मृदुल एहसासों को जाग्रत करता है, हमारे दृष्टिकोण को ____ सच में पराग ने आज चर्चा मंच पर भी अपनी सशक्त उपस्थिति से अपनी सुगंध बिखेरी है ।शानदार भूमिका के साथ बहुत ही प्यारी प्रस्तुति प्रिय अनीता। सभी रचनाकारों को शुभकामनायें सर युमहे बधाई इस प्रस्तुति विशेष के लिए ।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना पराग को शामिल करने ले लिए आभार सहित धन्यवाद अनीता जी |उम्दा लिंक्स आज की |
जवाब देंहटाएंशब्द सृजन का लाज़बाब अंक ,सुंदर भूमिका के साथ बेहतरीन प्रस्तुति अनीता जी ,सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंउम्दा लिंकों से सजा शानदार चर्चा मंच ...
जवाब देंहटाएंलाजवाब प्रस्तुति।
मेरी रचना को स्थान देने के लिए हृदयतल से धन्यवाद एवं आभार अनीता जी !
बहुत शानदार प्रस्तुति, शानदार भूमिका , एक से बढ़कर एक सृजन सभी रचनाकारों को बधाई ,मेरी रचना को शामिल करने केलिए हृदय तल से आभार।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुतीकरण शब्द-सृजन का। पराग विषय पर बेहतरीन रचनाएँ सृजित हुईं हैं। पराग पर भूमिका सराहनीय है। सभी रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना सम्मिलित करने हेतु बहुत-बहुत आभार।
सुंदर प्रस्तुति हेतु बधाई आदरणीया।
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