स्नेहिल अभिवादन।
विशेष शनिवासरीय प्रस्तुति में हार्दिक स्वागत है।
महाशिवरात्रि का पावन पर्व भारतीय संस्कृति की उत्कृष्ट पहचान है. एक धार्मिक पर्व से अनेक सामाजिक आर्थिक एवं बौद्धिक पहलू जुड़े होते हैं. भोलेनाथ को भारत की श्रद्धालु जनता अगाध आस्था से अपनाये हुए है. आशु यानी थोड़ा, महादेव का एक नाम आशुतोष भी है जिसका भावार्थ यह है कि थोड़े में प्रसन्न होने वाला अर्थात भगवान शंकर को उनके भक्तों द्वारा शीघ्र प्रसन्न किया जा सकता है।
महादेव को प्रसन्न करने के लिये आज कांवड़ में गंगा मैया से भरकर लाया गया गंगाजल, बेल-पत्र, दूध आदि से अभिषेक करते है।
महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ।
-अनीता सैनी
सूचना-
शब्द-सृजन का अंक आज के बजाय कल प्रस्तुत किया जायेगा. असुविधा के लिये खेद है।
आइए अब पढ़ते हैं मेरी पसंद की कुछ रचनाएँ-
**
दोहे
"हर-हर बम-बम बोल"
विशेष शनिवासरीय प्रस्तुति में हार्दिक स्वागत है।
महाशिवरात्रि का पावन पर्व भारतीय संस्कृति की उत्कृष्ट पहचान है. एक धार्मिक पर्व से अनेक सामाजिक आर्थिक एवं बौद्धिक पहलू जुड़े होते हैं. भोलेनाथ को भारत की श्रद्धालु जनता अगाध आस्था से अपनाये हुए है. आशु यानी थोड़ा, महादेव का एक नाम आशुतोष भी है जिसका भावार्थ यह है कि थोड़े में प्रसन्न होने वाला अर्थात भगवान शंकर को उनके भक्तों द्वारा शीघ्र प्रसन्न किया जा सकता है।
महादेव को प्रसन्न करने के लिये आज कांवड़ में गंगा मैया से भरकर लाया गया गंगाजल, बेल-पत्र, दूध आदि से अभिषेक करते है।
महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ।
-अनीता सैनी
सूचना-
शब्द-सृजन का अंक आज के बजाय कल प्रस्तुत किया जायेगा. असुविधा के लिये खेद है।
आइए अब पढ़ते हैं मेरी पसंद की कुछ रचनाएँ-
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दोहे
"हर-हर बम-बम बोल"
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हे शिव!
हे शिव!
शिव की बनी रहे हमेशा
सभी पर छाया,
पलट दे जो कभी भी सब की
किस्मत की काया;
मिले वो सब
जिसे सब ने अपनी
ज़िन्दगी में,
**
हे शिव!
हे शिव!
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शिव की बनी रहे हमेशा
सभी पर छाया,
पलट दे जो कभी भी सब की
किस्मत की काया;
मिले वो सब
जिसे सब ने अपनी
ज़िन्दगी में,
है शिव शंकर जय गंगाधर
महा शंभू शिव जय जटाधर
भुजंग धारी जय शिवशंकर
क्रोध रूप शिव महा भयंकर
**
शिव स्तुति
ललाट भी विशाल है,गले भुजंग नाग है।
तरंग शीश गंग की,त्रिनेत्र लाल आग है।।
किरीट चंद्र शोभता,शुभा सती समीप है।
गणेश भी बसे वहाँ,जले जहाँ प्रदीप है।।
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शिव स्तुति
ललाट भी विशाल है,गले भुजंग नाग है।
तरंग शीश गंग की,त्रिनेत्र लाल आग है।।
किरीट चंद्र शोभता,शुभा सती समीप है।
गणेश भी बसे वहाँ,जले जहाँ प्रदीप है।।
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भोले हैं शिव हैं
शम्भू हैं शंकर हैं
आज शिव-सती के
विवाह की रात्रि है
श्रद्धा से अभिषेक कर
जो चाहो मांग लो
सब देंगे भोले भंडारी
आज महा शिवरात्रि है
**
नाम शिव का जपते रहिये ,
भक्ति शिव की करते रहिये,
लोक त्रिय के स्वामी भोले,
शम्भु शिव दुख हरते रहिये ।
**
असीम वेदना
दीवार उठती है
बाँटती है
आचार-विचार
रहन-सहन
दशा-दिशा
कोई सेंध लगाकर
देख लेता है आरपार
दीवार ढोती है
**
राधा जी की विरह वेदना।
**
तुम्हारे कांधे पर सर रख कर
सुकून महसूस करना इश्क है
नज़र भर तुम्हें देखना और बस
देखते रह जाना इश्क है
आईने में संवरना और तुम्हें याद कर
मुस्कुराना इश्क है
राधा जी की विरह वेदना।
**
तुम्हारे कांधे पर सर रख कर
सुकून महसूस करना इश्क है
नज़र भर तुम्हें देखना और बस
देखते रह जाना इश्क है
आईने में संवरना और तुम्हें याद कर
मुस्कुराना इश्क है
*
मोए का पतो....
पेड़ गिरा कें बिल्डिंग बन गईं
खाट झुपड़ियाँ संग उखड़ गईं
सांस घुटे ल्यो घामऊ बढ़ गई
जे का भओ?मो
ए का पतो…
**
आज का सफ़र यहीं तक
कल फिर मिलेंगे।
- अनीता सैनी
सदैव भोलेनाथ की महत्वता को दर्शाती भूमिका के साथ ही की तरह श्रेष्ठ प्रस्तुति है।
जवाब देंहटाएंअनिता बहन कांवड़ यात्रा हम श्रावण मास में करते हैं। तब हम कावर अथार्त कंधे पर जल लेकर निकलते हैं। फाल्गुन कांवड़ यात्रा का प्रचलन कम है।
अतः शिवरात्रि और सामान्य दिनों अधिकांश भक्त कमंडल अथवा लोटा में गंगाजल आदि लेकर शिव मंदिर को जाते हैं।
सादर...।
भोलेनाथ की महत्वता को दर्शाती भूमिका के साथ ही सदैव की तरह श्रेष्ठ प्रस्तुति है।
हटाएंअनीता बहन कांवड़ यात्रा हम श्रावण मास में करते हैं। तब हम कावर अथार्त कंधे पर जल लेकर निकलते हैं। फाल्गुन कांवड़ यात्रा का प्रचलन कम है।
अतः शिवरात्रि और सामान्य दिनों अधिकांश भक्त कमंडल अथवा लोटा में गंगाजल आदि लेकर शिव मंदिर को जाते हैं।
सादर...।
महाशिवरात्रि पर्व पर लिखी गयी सुन्दर रचनााओं का संकलन।
जवाब देंहटाएंआपका आभार अनीता सैनी जी।
जय हो शिव-शंभूनाथ की। आज की यह प्रस्तुति कालजयी होने जैसी है। महाशिवरात्रि पर जिस तरह रचनाओं को लगन से पिरोया गया है कि शिव भी प्रसन्न हो उठे होंगे।
जवाब देंहटाएंसमस्त रचनाकारों व मंच से जुड़े सभी गुणीजनों को महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं ।
सुन्दर चर्चा. मेरी कविता शामिल की. शुक्रिया.
जवाब देंहटाएंप्रिय अनीता ,आज तो चर्चामंच को आपने शिव के रंग में रंग दिया हैं ,पूरा वातावरण ही शिवमय हो गया हैं।
जवाब देंहटाएंसत्यम ,शिवम ,सुन्दरम के भाव को जागृत करता इस सुंदर प्रस्तुति के लिए ढेरों बधाई बहन
सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनाएं एवं सादर नमन
बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंजय शिव-शम्भू!
सुन्दर रचनाये
जवाब देंहटाएंशिव भक्ति में रंगी हुई बहुत सुंदर प्रस्तुति, मेरी रचनाओं को स्थान देने के लिए हार्दिक आभार अनीता जी।
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