मित्रों!
बुधवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
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Pramod Joshi, जिज्ञासा
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- तुम्हारे मीठे-तीखे शब्दों की एकखेप को बड़ा संभाल के रखा था।सोचा, कभी मिलेंगे तोमय सूद तुम्हें लौटा दूंगी।अचानक कल तुम मिले भीअचेतन मन ने धरोहर टटोली भी।मगर तुम्हारी धरोहर लौटाने से पहले हीभावनाओं के दरिया की बाढ़ बह निकली।और मैं न चाहते हुए अनचाहे में ही सहीफिर से तुम्हारी कर्ज़दार ही ठहरी।
- मंथन पर मीना भारद्वाज
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- आज कल के दौड के टूटते बिखरते रिश्तो को देख दिल बहुत व्यथित हो जाता है और सोचने पे मज़बूर हो जाता है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है ? आखिर क्या थी पहले के रिश्तो की खुबियां और क्या है आज के टूटते बिखरते रिश्तो की वज़ह ? आज के इस व्यवसायिकता के दौड में रिश्ते- नातो को भी लाभ हानि के तराज़ू में ही तोला जाने लगा है. ज़िंदगी छोटी होती जा रही है और ख्वाइशे बड़ी होती जा रही है. मैं ये नही कहूँगी कि मैं आप को रिश्तो को संभालना सिखाऊंगी,उसको निभाने की कोई टिप्स बताऊँगी .मैं ऐसा बिलकुल नहीं करुँगी क्युकि " रिश्ते" समझाने का बिषय बस्तु नहीं है . रिश्तो को निभाने के लिए समझ से ज्यादा भावनाओ की जरुरत होती है. रिश्तो के प्रति आप का खूबसूरत एहसास ,आप की भावनायें ही आप को रिश्ते निभाना सिखाता है और आज के दौड में इंसान भावनाहीन ही तो होता जा रहा है. मैं तो बस रिश्तो के बिखरने की बजह ढूढ़ना चाहती हूँ . मेरी नज़र से-कामिनी सिन्हा
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कोई स्वामी है कोई दास
है अपनी-अपनी फितरत की बात
किसका ? यह है वक्त का तकाजा
स्वामी माया का चैन की नींद सोता
क्षीर सागर में भी
सर्पों की शैया पर !
Anita, मन पाए विश्राम जहाँ
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देह पड़ी रहती
है पृथ्वी पर
है पृथ्वी पर
शांतनु सान्याल, अग्निशिखा
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Dr.Manoj Rastogi, साहित्यिक मुरादाबाद
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anita _sudhir, काव्य कूची
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आज के लिए बस इतना ही...।
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विविधरंगी विषयों पर आधारित रचनाओं से सजी सुन्दर सराहनीय प्रस्तुति मे मेरी रचना को सम्मिलित करने हेतु हार्दिक आभार सर !
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसजीव प्रस्तुतीकरण
जवाब देंहटाएंबेहतरीन संकलन
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान देने के लिए हार्दिक आभार
उम्दा चर्चा। मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, आदरणीय शास्त्री जी।
जवाब देंहटाएंसुंदर बाल रचना के साथ पठनीय रचनाओं का संकलन, मेरी रचना को आज के अंक में शामिल करने हेतु आभार !
जवाब देंहटाएंबेहतरीन चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर प्रस्तुति आदरणीय सर।
जवाब देंहटाएंमेरे सृजन को स्थान देने हेतु सादर आभार आदरणीय सर।
सादर
सभी रचनाएँ अपने आप में असाधारण हैं सुन्दर संकलन व प्रस्तुति, मेरी रचना को स्थान देने हेतु आभार।
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा संकलन
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