डॉ.सुशील कुमार जोशी जी
सादर अभिवादन।
सोमवारीय प्रस्तुति में आपका स्वागत है।
आज की प्रस्तुति का आरंभ वरिष्ठ साहित्यकार आदरणीय डॉ. सुशील कुमार जोशी के काव्यांश से-
इंगित करता हुआ
महसूस कराता लगता है
समुद्र मंथन इसी तरह हुआ होगा
निकल कर आई होंगी
लक्ष्मी भी शायद
आँखें बंद कर लेने के बाद
दिख रहे प्रकाश को
दीपावली कहा गया होगा
--
"भ्रातृ दूज का तिलक"
कर रही हूँ प्रभू से यही कामना।
लग जाये किसी की न तुमको नजर,
दूज के इस तिलक में यही भावना।।
सुख की शहनाइयाँ रोज बजती रहें,
हों सफल भाइयों की सभी साधना।
दूज के इस तिलक में यही भावना।।
हर्षोल्लास
चकाचौँध रोशनी
पठाकों के शोर
और बहुत सारे
आभासी सत्यों की भीड़
बीच से
गुजरते हुऐ
कोशिश करना
पंक्तियों से नजरें चुराते हुऐ
लग जाना
बीच के निर्वात को
परिभाषित करने में
--
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दिवाली पर्व~
हरे गहन तम
मृतिका दीप ।
☀️
अमा की रात~
जगमग करती
तम मे दीप्ति ।
--कमजोरी
मत करो प्रदर्शन ताहि , जो कमजोरी होय।
नहि छोड़े फुसकार अहि , भले विषहीन होय।।
मित्र
भले ही हो अच्छा मित्र ,कम करियो विश्वास।
मित्र होये यदि नाराज ,खोल भेद उपहास।।--अफ़सोसअफ़सरअफ़वाहअफ़सानाअज़ीमअर्ज़ीआवाज़आज़माइशऔज़ारआज़ाद/आज़ादीअंदाज़अख़बार--आज का सफ़र यहीं तक फिर फिलेंगे आगामी अंक में
@अनीता सैनी 'दीप्ति'
दिवाली पर्व~
हरे गहन तम
मृतिका दीप ।
☀️
अमा की रात~
जगमग करती
तम मे दीप्ति ।
मत करो प्रदर्शन ताहि , जो कमजोरी होय।
नहि छोड़े फुसकार अहि , भले विषहीन होय।।
मित्र
भले ही हो अच्छा मित्र ,कम करियो विश्वास।
मित्र होये यदि नाराज ,खोल भेद उपहास।।
दीप पर्व मंगलमय हो। आभार अनीता जी।
जवाब देंहटाएंसुन्दर पुष्प गुच्छ से सजी प्रस्तुति में सृजन को सम्मिलित करने के लिए आपका हार्दिक आभार अनीता ।
जवाब देंहटाएं'जो मेरा मन कहे' को स्थान देने के लिये बहुत बहुत धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंआदरणीया अनिता सैनी जी,मेरी रचना को चर्चा मंच के गरिमामय पटल पर शामिल करने के लिए आपका हार्दिक आभार 🙏
जवाब देंहटाएंदीपावली की असीम शुभकामनाएं 🌷🚩🌷
- डॉ शरद सिंह
बहुत रोचक एवं भावपूर्ण रचनाओं को संजोने के लिए आपको साधुवाद 🙏
जवाब देंहटाएंआदरणीया बहिन सुनीता जी आपने अपने गरिमामय पटल पर हमारे दोहों को सम्मिलित कर हमारा मान बढ़ाया है इसके लिए आप का हृदय से बहुत बहुत आभार।
जवाब देंहटाएंभइया दूज के अवसर पर सार्थक चर्चा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआपका आभार अनीता सैमी जी।
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चर्चा मंच के सभी पाठकों को भाई दूज का हार्दिक शुभकामनाएँ।
व्यवस्थित और सार्थक चर्चा में सम्मिलित करने के लिए आभार ,अनीता जी .
जवाब देंहटाएंसभी रचनाएँ बहुत सुन्दर व पर्व को गरिमा प्रदान करने वाली हैं | पर्व की बधाई भी और शुभ कामनाएं भी |
जवाब देंहटाएंदीपोत्सव की असंख्य शुभकामनाएं सभी को। विविध किरणों से आलोकित चर्चा मंच, मुग्धता बिखेरता हुआ जीवन में नव संचार लाता है,मेरी रचना शामिल करने हेतु, हार्दिक आभार - - नमन सह।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंSundar kavitaon se saji prastuti mein srijan ko sammillit karne ke liye aapka aabhar , Dhanyawaad !
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