सादर अभिवादन।
सोमवारीय प्रस्तुति में आपका स्वागत है।
जीत-हार के फेर में
फिर दुनिया हुई हैरान,
उड़ीं किसी की धज्जियाँ
बढ़ी किसी की शान।
#रवीन्द्र_सिंह_यादव
आइए पढ़ते हैं विभिन्न ब्लॉग्स पर प्रकाशित कुछ रचनाएँ-
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सादर अभिवादन।
सोमवारीय प्रस्तुति में आपका स्वागत है।
जीत-हार के फेर में
फिर दुनिया हुई हैरान,
उड़ीं किसी की धज्जियाँ
बढ़ी किसी की शान।
#रवीन्द्र_सिंह_यादव
आइए पढ़ते हैं विभिन्न ब्लॉग्स पर प्रकाशित कुछ रचनाएँ-
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(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
नये अर्थ दे कर
दर्द...
जिंदगी को मांजता है
अंधेरों से डर कर
भागती जिंदगी की
अंगुली थाम..
ला खड़ा करता है
धूप-छाँव की
आँख-मिचौली के
आँगन में...
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शुक्रगुज़ार हूँ मैं इस ज़िन्दगी का !
महीना कब शुरू हुआ कब ख़त्म
सब कुछ तो उन्नीस- बीस है यहाँ
कोविड ने इस तरह गले लगाया के
किसी से गले मिलने लायक न रखा
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'शरद' ने पूछ लिया आज | ग़ज़ल | डॉ. (सुश्री) शरद सिंह
भोली भाली मुनिया रानी । पीती थी वह दिनभर पानी ।।
दादा के सिर पर चढ़ जाती। बड़े मजे से गाना गाती ।।
दादा दादी ताऊ भैया । नाच नचाती ताता थैया।।
खेल खिलौने रोज मँगाती। हाथों अपने रंग लगाती।।
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उदास दिनों में क्षणभंगुर होते सबके सब
उदास दिनों में
किससे कहे और
क्या कहे,
कहाँ से कहे,
किस ओर से पहले
और किस ओर से नहीं ,
क्या है सही और क्या है ग़लत
इन सबके बीच फँस जाती हैं साँसे
किस दिशा में सूरज होगा
रौशनी भी क्या हाथ चूमेगा
जीवन चक्र में फँसी हुई राहें
उदास दिनों की सौ बात बताये
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बहुत सुंदर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति. मेरी कविता शामिल करने के लिए आभार.
जवाब देंहटाएंरवीन्द्र सिंह यादव जी,
जवाब देंहटाएंआभारी हूं कि आपने चर्चा मंच में मेरी पोस्ट को स्थान दिया। चर्चा मंच के सुधी साहित्यकारों एवं पाठकों से जुड़ना सदा सुखद लगता है।
आपको हार्दिक धन्यवाद 🙏
- डॉ शरद सिंह
बहुत रोचक एवं सुंदर पठन सामग्रियां।
जवाब देंहटाएंपठनीय लिंकों के साथ सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआपका आभार आदरणीय रवीन्द्र सिंह यादव जी।।
वाह... उत्तम पठन सामग्रियों का सुंदर संयोजन...
जवाब देंहटाएंबहुत शुभकामनाएं रवीन्द्र सिंह यादव जी
सादर,
डॉ. वर्षा सिंह
बहुत सुन्दर सूत्र संयोजन। मेरी रचना को संकलन में स्थान देने के लिए सादर आभार रवीन्द्र सिंह जी ।
जवाब देंहटाएंलिंक के साथ प्रस्तुति बहुत ही सुंदर।
जवाब देंहटाएंश्री रवीन्द्र सिंह यादव जी आप का बहुत बहुत आभार।
बहुत सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसप्तरंगों से सजा चर्चा मंच दीपोत्सव को और अधिक ख़ूबसूरत बनाता हैं, मुझे शामिल करने हेतु हार्दिक आभार - - दीप पर्व की शुभकामनाएं सभी को।
जवाब देंहटाएंसराहनीय संग्रहनीय संकलन हेतु साधुवाद
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर संकलन।मेरे सृजन को स्थान देने हेतु सादर आभार सर।
जवाब देंहटाएंआपका बहुत बहुत शुक्रिया और आभार ।
जवाब देंहटाएंआपका बहुत बहुत शुक्रिया और आभार ।
जवाब देंहटाएंआपका बहुत बहुत शुक्रिया और आभार ।
जवाब देंहटाएंAabhari hun aapka ke aapne charcha manch par meri kavita ko pradarshit kiya, dhanyavaad, aapko deepawali ki hardhik shubhkamanayein aabhaar
जवाब देंहटाएं