मित्रों!
रविवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
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आज की शीर्ष पंक्ति
आदरणीय रवीन्द्र सिंह यादव जी के ब्लॉग से
अपने छोटे से जीवन में
कितने सपने देखे मन में
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नारी की तो कथा यही है
आदि काल से प्रथा रही है
पली कहीं तो, फली कहीं है
पली कहीं तो, फली कहीं है
दुनिया के उन्मुक्त गगन में
कितने सपने देखे मन में
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- साँसें दिल्ली में
- (वर्ण पिरामिड)
- ले
आया
बाज़ार
समाधान
साँस के लिये
ख़रीदो मास्क या
वायु प्यूरीफायर।
Ravindra Singh Yadav, हिन्दी-आभा*भारत
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- बने दिवाली
- प्रयास करोदीप से दीप जलेबने दिवालीरोशनी से नहाएहर घर आँगन ।
दिलबागसिंह विर्क, Sahitya Surbhi
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पंकज सुबीर, सुबीर संवाद सेवा
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Dr.Manoj Rastogi, साहित्यिक मुरादाबाद
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हाथों में लिए छाता, ये हैं
मशहूर भविष्यवेत्ता,
लेके आए हमें
शून्य में
इन्द्र -
धनुष को दिखलाने, टूटे बटन छोड़
गए धागों के ठिकाने।
मशहूर भविष्यवेत्ता,
लेके आए हमें
शून्य में
इन्द्र -
धनुष को दिखलाने, टूटे बटन छोड़
गए धागों के ठिकाने।
शांतनु सान्याल, अग्निशिखा
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रात की ठंडक बढी
आसमान में जब चन्दा चमकता
कभी छोटा कभी बड़ा वह बारबार रूप बदलता
पन्द्रह दिन में पूर्ण चन्द्र होता |
नाम कई रखे गए उसके
कभी गुरू पूर्णिमा कभी शरद पूर्णिमा
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एक साथ, क्या-क्या चलता है दिमाग़ में ज़ाहिर कर दें तो मुसीबत, न करें तो ऐसा लगे कि ख़ुद के साथ ही धोखा। कई बार लगता है कि जिस रास्ते से गुज़र रहे हैं, सही नहीं है। न हो सकता है। क्योंकि आस पास किसी को उस रास्ते से गुज़रकर मंज़िल नहीं मिली। सबने ख़ुद को खो दिया है। एक क़रार कर लिया है, ज़िन्दगी के साथ कि अब जो चल रहा है, चलने दो। आधे रास्ते में हैं, आधा ही तो पार करना है।
पर पता नहीं क्यों लगता है कि उसी आधे रास्ते में गड्ढा है, जिसमें से गिरेंगे आंख मूंदकर एक रास्ते पर चलने वाले।
अभिषेक शुक्ल, वंदे मातरम्
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जी!
ख़्याली
वाताली
प्रेम पगी
रची पत्राली
थामी चाय प्याली
कथा तान दे डाली।
विभा रानी श्रीवास्तव, "सोच का सृजन"
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Randhir Singh Suman, लो क सं घ र्ष !
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आज के लिए बस इतना ही...।
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वन्दन आदरणीय
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार व साधुवाद
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंउम्दा चर्चा आज की |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार सहित धन्यवाद |
सुंदर संकलन।अत्यंत आभार और बधाई!!!
जवाब देंहटाएंउम्दा सूत्रों से सुसज्जित सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति । सभी रचनाकारों को सुन्दर सृजन हेतु बहुत बहुत बधाई ।
जवाब देंहटाएंसार्थक चर्चा. मेरी रचना को शामिल करने के लिए शुक्रिया सर.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
जवाब देंहटाएंThis is a great blogg
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