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शुक्रवार, सितंबर 23, 2022

'तेरे कल्याणकारी स्पर्श में समा जाती है हर पीड़ा' ( चर्चा अंक 4561)

शीर्षक पंक्ति:आदरणीय ज्योति खरे जी की रचना से।  

सादर अभिवादन। 

शुक्रवारीय प्रस्तुति में आपका स्वागत है। 

आइए पढ़तें आज की चुनिंदा रचनाएँ-

गीत "रंग-बिरंगी दुनिया में, मत कोई उत्पात करो" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

लक्ष्य नहीं हो जिन राहों में,
कभी न उन पर कदम धरो,
जिनसे औंधे मुँह गिर जाओ,
ऐसी नहीं उड़ान भरो,
रंग-बिरंगी इस दुनिया में,
मत कोई उत्पात करो।
सपने कब अपने होते हैं,
सपनों की मत बात करो।।
*****
तुम्हें उजालों की कसम
मेरे घायल मस्तिष्क की पीड़ा को
तेरी स्मृतियों का छूना
तेरे कल्याणकारी स्पर्श में
समा जाती है
हर पीड़ा
*****
कविता | बारिश | डॉ (सुश्री) शरद सिंह
पागल बूंदें
पिघला नहीं सकतीं
उदासी के कोलोस्ट्रोल को,
न ही कर सकती हैं 
इसका अनुभव कि
कैसे तंग हो रही हैं सांसें
शुद्ध प्रेम के बिना
*****
तमिल भाषा लेखक अशोकमित्रन का जन्‍मदिन आज,पढ़िए उनकी प्रसिद्ध कहानी 'सुंदर'
उस वक्त यह सब मुझे सूझा ही नहीं। संकोच का अनुभव करते हुए मैंने कहा, 'गाय को दुह लेता हूँ।' उस स्त्री ने बड़े दानवीर की भाँति स्वीकृति दी। सुंदर को दुहने के लिए मुझे आया देख सात-आठ बच्चों और बुजुर्गों ने मुझे घेर लिया। सुंदर ने लात नहीं मारी। यह आश्चर्य की बात थी। जब मैं घर लौटा तो माँ ने पूछा, 'गाय कहाँ है?' मैंने माँ की ओर दूध का बरतन बढ़ाया। उसे पकड़ते हुए माँ ने दुबारा प्रश्न किया, 'गाय कहाँ...?'
*****

7 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर और सन्तुलित चर्चा प्रस्तुति।
    आपका आभार आदरणीय चर्चाकारः रवीन्द्र सिंह यादव जी।

    जवाब देंहटाएं
  2. सुप्रभात! वाह !! एक से बढ़कर एक लिंक्स का सुंदर संयोजन, आभार!

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुंदर । उत्कृष्ट रचनाओं से परिपूर्ण प्रस्तुति सुजाता प्रिय

    जवाब देंहटाएं
  4. सदा की तरह ही , अनुपम लिंक और बेजोड़ पठनीय सामग्री के संकलन के लिए सम्पूर्ण चर्चामंच को बहुत बहुत अभिनन्दन !
    आपके  व सम्पूर्ण चर्चामंच के स्नेह एवं प्रोत्साहन के लिए दिल से धन्यवाद् !
    सादर वन्दे !

    जवाब देंहटाएं
  5. धन्‍यवाद रवींद्र जी, मेरी रचना को इस नायाब मंच में शामिल करने के लिए बहुत बहुत आभार

    जवाब देंहटाएं
  6. सार्थक लिंक्स से सुसज्जित शानदार चर्चा।
    सभी रचनाकारों को बधाई।
    सभी रचनाएं पठनीय सुंदर।
    मेरी रचना को शामिल करने के लिए हृदय से आभार।
    सादर सस्नेह।

    जवाब देंहटाएं
  7. दिनकर जी को सादर नमन
    सार्थक और सुंदर चर्चा के लिए आपको साधुवाद

    सभी रचनाकारों को बधाई
    मुझे सम्मलित करने का आभार

    जवाब देंहटाएं

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