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शुक्रवार, अक्टूबर 14, 2022

'मंज़र वही पर रौनक़े-महफ़िल नहीं है' (चर्चा अंक 4581 )

शीर्षक पंक्ति:आदरणीया शैल रचना जी की रचना से। 

 सादर अभिवादन। 

शुक्रवारीय प्रस्तुति में आपका स्वागत है। 

आइए पढ़ते हैं चंद चुनिंदा रचनाएँ-

गीत "करवाचौथ विशेष" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

चन्द्रमा की कला की तरह तुम बढ़ो,
उन्नति की सदा सीढ़ियाँ तुम चढ़ो,
आपकी सहचरी की यही कामना।
*****

*****

शशि धवल निहारे अम्बर में

सजती गलियाँ, सजते द्वारा
फूलन की बंदनवार चली 
डोली पहुँची प्रिय मन आँगन
पग पायल झन झनकार चली।।
*****

करवा चौथ

पीहर से पी-घर चली,
स्वप्न सुनहरे बाँध
मन मंदिर में साजना
मिले तुम्हारा काँध
प्रेम-कवच विश्वास का 
संबंधों की जीत
पावन परिणय में बँधे
साथ चले मनमीत।

*****
करवा चौथ : हमारी संस्कृति और परंपरा को सुदृढ़ करता त्योहार
छलनी  में  से चाँद का,  करने  को   दीदार,
छत पर सभी सुहागिनें,नभ को रहीं निहार।
सूचना : इस ब्लॉग पर आमंत्रण हेतु टिप्पणी को अस्वीकार किया गया। रचना उत्कृष्ट है अतः प्रस्तुति हेतु चुनी गई। रचनाकार को बधाई। 
*****
क्या भारतीय भाषाओं में पढ़ाई की पहल को हिंदी थोपना माना जाए?
संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में आईआईटीआईआईएमएम्सकेंद्रीय विश्वविद्यालयों और केंद्रीय विद्यालयों में हिंदी को भी माध्यम बनाने की सिफारिश की है। स्टालिन ने कहा कि संविधान की आठवीं अनुसूची में तमिल समेत 22 भाषाएं हैं। *****ऐसी वाणी बोलिए
हमारी वाणी के दोष हमें अपनी मंज़िल पर जाने से रोकते हैं। वाणी शुद्द्ध हो, कल्याणकारी हो, रूक्ष ना हो, दोहरे अर्थों वाली न हो।उसमें लोच हो पर स्थिरता भी हो।*****फिर मिलेंगे। रवीन्द्र सिंह यादव

8 टिप्‍पणियां:

  1. वाह लाजबाव चर्चा प्रस्तुति
    करवाचौथ की हार्दिक शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुन्दर और सार्थक चर्चा प्रस्तुति।
    आपका धन्यवाद आदरणीय रवीन्द्र सिंह यादव जी।

    जवाब देंहटाएं
  3. आदरणीय मेरी रचना को चर्चा में शामिल करने के लिए हार्दिक आभार।

    कमेंट्स की सेटिंग अचानक परिवर्तित हो जाने के कारण पाठकों के कॉमेंट्स अंकित नहीं हो पा रहे थे।अब सेटिंग ठीक कर दी गई है 🙏🙏🌹🌹

    जवाब देंहटाएं
  4. करवा चौथ पर सुंदर सामयिक प्रस्तुति । पठनीय और सार्थक रचनाएँ। मेरी रचना को शामिल करने के लिए बहुत बहुत आभार आदरणीय सर।

    जवाब देंहटाएं
  5. सुप्रभात! करवाचौथ पर सुंदर आलेखों के साथ साहित्य की अन्य विधाओं को प्रस्तुत करती सुंदर चर्चा! आभार!

    जवाब देंहटाएं

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