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शनिवार, अक्टूबर 15, 2022

"प्रीतम को तू भा जाना" (चर्चा अंक-4582)

 मित्रों!

शनिवार की चर्चा में आपका स्वागत है।

कृपया कुछ लिंकों का अवलोकन करें 

और सकारात्मक टिप्पणी भी दें।

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अभय 

सूरज की एक किरण 

सागर की एक बून्द 

सारी पृथ्वी की धूल का एक कण 

अनंत ध्वनियों में एक स्वर 

हम वही हैं 

पर जब जुड़े हैं स्रोत से 

तो कोई भय नहीं !

मन पाए विश्राम जहाँ अनीता

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"एक मुलाकात संगीता दी के साथ" 

ब्लॉग जगत एक ऐसा संसार जहाँ अपनी काबिलियत और शिष्टाचार से किसी की नज़र में अपनी पहचान तो बना सकते हैं परंतु सबके दिलों पर राज वहीं कर सकता है जिसके व्यवहार में एक ठहराव हो, जिसके कुछ भी कहने के लहजे में अपनत्व हो, जिसका भाव निष्पक्ष हो,जो सांकेतिक शब्दों में ही आपके गुणों की भी प्रशंसा कर दें और आपकी कमियों को भी समझा दें । हमारे ब्लॉग जगत की एक ऐसी ही  शख्सियत है हमारी प्रिय संगीता दीदी। 

मेरी नज़र से कामिनी सिन्हा

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करवाचौथ और अमृता प्रीतम 

और रात मेरी आँख से गुजरती रही 

मेरे इश्क के बदन में , 

जाने कितनी सुइयां उतर गई हैं . 

पूरी नज़्म और रोचक करवाचौथ की बातें 

यहाँ इस चैनल पर सुनिए , 

लाइक और सब्सक्राइब जरूर कीजिए।

 

कुछ मेरी कलम से  kuch meri kalam se ** 

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कर सारे श्रृंगार ... सज धज कर के सारे श्रृंगार छत पर गोरी आ जाना। ओढ़ चुनरिया लाल रंग की प्रीतम को तू भा जाना। 

निवेदिता श्रीवास्तव 'निवी' लखनऊ  झरोख़ा 

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जीवन साथी 

तुम जो आए साथ मेरे फिजा बदल गई,

तुमसे मिलकर जीवन जीने की चाह बढ़ गई,

ओ जीवन साथी मेरे जीवन साथी

तुम हो मेरे साथ तो हर मौसम रंगीन है,

हर तरफ फूल खिले बगिया महक गई। 

aashaye गरिमा लखनवी

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पिता आकांक्षाओं की उड़ान होता है (कविता ) 

वह चिलचिलाती धूप सहता है,
वह मौसम की मार सहता है।
तूफानों का बिगड़ा रूप सहता है
वह बताश, बयार सहता है।
मजबूत अंगद का पाँव होता है।
पिता बरगद की छाँव होता है।
पिता नीली छतरी का वितान होता है।
पिता आकांक्षाओं की उड़ान होता है.  
marmagya.net 

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मेरी कलम से टंगी खामोशी संग्रह  समीक्षा.....लेखिका रचना दीक्षित :) 

कुछ दिनों से व्यस्तताएँ बढ़ गई है पर व्यस्त जीवन से कुछ समय बचाकर....आज दीदी रचना दीक्षित जी के संग्रह "टंगी खामोशी" की चर्चा......पहले रचना दी के संग्रह की कविता.......विकास की इबारत पढ़ते है फिर आगे

विकास की इबारत
आज कल देखती हूँ 
हर शाम
लोगों को बतियाते, फुसफुसाते
जाती हूँ करीब 

शब्दों की मुस्कुराहट :) 

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आईने के उस पार 

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कल्याण 

रज्जो बर्तन घिस रही थी तभी पड़ोस वाली कमली दौड़ती हुई आई-"ओ रज्जो!सुन जल्दी से काम निपटा ले,स्कूल वाली बहनजी बुला रही हैं, कोई बड़ी मैडम जी आई हैं, औरतों का कल्याण होगा उनकी बातों को सुन कर।"

अरे काहे का कल्याण,अभी तो दो घर और पड़े हैं,तेरे निपट गए।

अरे नहीं, मालकिन भी जा रहीं हैं,सो उन्होंने कहा-आकर कर लेना।चल अब जल्दी कर। 

मन के मोती अभिलाषा चौहान

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दैनिक जंगल समाचार पत्र में जांबाज बाघ की चर्चा 

दैनिक जंगल समाचार पत्र में इन दिनों एक जांबाज बाघ के शहीद होने की खबर सुर्खियों में है । खबर कि अपने जंगल और जमीन पर कब्जा कर बैठे जंगल, जानवर और जमीनखोर आदमजात से लड़ते-लड़ते एक जांबाज बाघ शहीद हो गया।  खबर में यह भी लिखा गया है कि जंगल जमीन और जानवरों से जंगल को बचाने के लिए लड़ते लड़ते शहीद हुए बाघ की तरह का हौसला कोई कोई ही कर पाता है । 
चौथाखंभा 

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कारोबारी जनता का मूड भाँप लेते हैं. कुमुद सिंह 

कारोबारी जनता का मूड भाँप लेते हैं..

हाल ही में प्रकाशित एक पॉलिसीसेटर

अमेरिकी पत्रिका में

राहुल गांधी को लेकर रपट छपी है.

रपट के अनुसार राहुल गांधी

एक बड़ी राजनीतिक ताकत बन कर उभरनेवाले हैं,

जो भारत की आगामी सरकार के गठन में म

हत्वपूर्ण रोल अदा करेंगे.

क्रांति स्वर

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क्या भारतीय भाषाओं में पढ़ाई की पहल को हिंदी थोपना माना जाए? 

हिंदी को लेकर दक्षिण के दो राज्यों ने विरोध काझंडा फिर उठाया है। पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने और बाद में केरल के मुख्यमंत्री  पिनाराई विजयन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। केरल के मुख्यमंत्री ने लिखा है कि राजभाषा को लेकर बनी संसदीय समिति की सिफारिशों को केरल स्वीकार नहीं करेगा। किसी एक भाषा को दूसरों से ऊपर बढ़ावा देना अखंडता को नष्ट कर देगा। इस मामले में उन्होंने प्रधानमंत्री से दखल देने की मांग की है। जिज्ञासा 

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बालकविता "मेरी बिल्ली प्यारी-प्यारी" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’) 

कितनी सुन्दर प्यारी-प्यारी।

यह मोनी है सबसे न्यारी।। 

उच्चारण 

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आज के लिए बस इतना ही...!

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9 टिप्‍पणियां:

  1. सकारात्मक और प्रेरक रचनाओं का संकलन, आभार

    जवाब देंहटाएं
  2. करवाचौथ के रंग में रँगी तथा विविध विषयों पर अन्य सराहनीय रचनाओं के सूत्र सुझाती सुंदर चर्चा, मन पाए विश्राम जहाँ को भी आज के अंक में शामिल करने हेतु आभार !

    जवाब देंहटाएं
  3. सुन्दर चर्चा अंक यहाँ स्थान देने के लिए आभार.... शास्त्री जी

    जवाब देंहटाएं
  4. बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं मेरी रचना को चयनित करने के लिए सहृदय आभार आदरणीय सादर

    जवाब देंहटाएं
  5. श्रमसाध्य प्रस्तुति आदरणीय सर, मेरी रचना को भी स्थान देने के लिए हृदयतल से धन्यवाद एवं आभार 🙏

    जवाब देंहटाएं
  6. वाह वाह ! विविध रंगी फूलों का बहुत ही सुन्दर एवं सुरभित गुलदस्ता आज के चर्चामंच में ! सभी सूत्र बहुत ही शानदार ! हार्दिक बधाई रवीन्द्र जी ! एवं मेरी रचना को काज की चर्चा में सम्मिलित किया आपका हृदय से बहुत बहुत आभार रवीन्द्र जी ! सादर वन्दे !

    जवाब देंहटाएं

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