सादर अभिवादन
आज की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है
(शीर्षक और भुमिका आदरणीया रंजू भाटिया जी की रचना से)
रंजू जी की रचना से एक पुराने गीत का बोल याद आ गया
डाकिया डाक लाया
खुशी का पयाम कहीं
कहीं दर्दनाक लाया
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सही कहा है रंजू जी ने
डाकिया ,बना एक कहानी
रिश्तों पर भी पड़ा ठंडा पानी
रिश्ते अब अजनबी से हो गए हैं।
बड़ी शिद्दत से याद आती है डाकिया और खत की खैर, चलते हैं आज की कुछ खास रचनाओं की ओर...
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ग़ज़ल "मँहगाई को दुनिया में बढ़ाया है"
(डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
जलाया खून है अपना, पसीना भी बहाया है
कृषक ने अन्न खेतों में, परिश्रम से कमाया है
सुलगते हैं घरों में, जिसके दम पर शान से चूल्हे,
उसी पालक को, साहूकार ने भिक्षुक बनाया है
पढ़ कर खतों की इबारतें
कई सपनों को सजाया जाता जाता था
सुख हो या दुख के पल
सब को सांझा अपनाया जाता था
कभी छिपा कर उसको किताबों में
कभी कोने में लटकती तार की कुण्डी से
अटकाया जाता था
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हे अक्टूबर के अनाहूत अभ्र !
ये अल्हड़ आवारगी क्यों ?
प्रौढ़ पावस की छोड़ वयस्कता
चिंघाड़ों सी गरजन क्यों ?
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मैं जब, तुम बनकर जीती हूँ
तब मैं जी रही होती हूँ आकाश
हृदय पर उगते उन्मुक्त भाव
धूप के टुकड़े से सींच रही होती हूँ
भोर के क़दमों की आहट पर
क्षितिज-सा समर्पण जी रही होती हूँ
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जीने की तैयारी में ही
लग जाती है सारी ऊर्जा
घर को सजाते-सँवारते
थक जाते हैं प्राण
मन को सहेजते-सहेजते
चुक जाती है शक्ति
फिर कब जियेगा कोई
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मांडवी, उर्मिला,यशोधरा,सीता
हर घर में आज भी है!
परिणीता होकर परित्यकता सा
जीवन जीती आज भी हैं!
सप्तपदी के वचनों में बंधी
चलती पीछे-पीछे आज भी हैं!
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टाँक दिया रूह को उस पीपल की शाखों पर l
दर्द कभी रिस्ता था जिसकी कोमल डालों से ll
सावन में भी पतझड़ बातों से मुरझा गया पीपल l
सूना हो गया चौराहा उजड़ गया पीपल राहों से ll
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मेहंदी डिज़ाइन- भाग 10
बहुत सार्थक चर्चा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआपका आभार कामिनी सिन्हा जी।
बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं मेरी रचना को चयनित करने के लिए सहृदय आभार सखी सादर
जवाब देंहटाएंसुप्रभात! विविधरंगी रचनाओं का सुंदर गुलदस्ता! आभार मुझे भी आज के मंच पर स्थान देने के लिए कामिनी जी!
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंविविध रचनाओं से सज्जित सुंदर सराहनीय अंक।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को शामिल करने के लिए आपका हार्दिक आभार और अभिनंदन।
मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, कामिनी दी।
जवाब देंहटाएंउत्कृष्ट लिंको से सजी लाजवाब चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को चर्चा में सम्मिलित करने हेतु दिल से धन्यवाद कामिनी जी !
बहुत सुंदर संकलन।
जवाब देंहटाएंस्थान देने हेतु हार्दिक आभार।
सादर
बहुत खूबसूरत चर्चा संकलन
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