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रविवार, अक्तूबर 16, 2022

"नभ है मेघाछन्न" (चर्चा अंक-4583)

 सादर अभिवादन 

आज की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है 

(शीर्षक आदरणीय शास्त्री सर जी की रचना से) 

चलते-चलते है आज की कुछ खास रचनाओं की ओर.....

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दोहे "नभ है मेघाछन्न" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')


चित्र स्वयं का देखकरमन होता प्रसन्न।

धन-दौलत के बिन मनुज, हो जाता सम्पन्न।।

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चाहे हों धनवान हम, चाहे रहें विपन्न।

सुखी कहाते हैं तभी, जब घर में हो अन्न।।

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बीता चौमासा

भूले क्या इंद्र देव ?

रुकी न वर्षा

 

शरद पूनो

ढूँढती रही कोना

भोग के लिए

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पछताते हैं लोग भी अक्सरएक विशाल पेड़ था हरा भरा
था छाया में जिसके ऊंट खड़ा
पथिक बैठते छांव में थककर
खग कुल गीत गाते थे सुखकर
तभी प्रलय बन आया तूफान
गिर पड़ा वृक्ष नीचे धड़ाम
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चुभते कांटे

अब अपने से लगते हैं वो चुभते कांटे...

हरेक अंतराल,
जो पूछते ही रहे, मेरा हाल,
बार-बार, वही सवाल,
बिन मलाल!

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जीवन शतरंज बिछा

जो दर्द छुपा भीतर 

खुद हमने गढ़ा जिसको, 

नाजों से पाला है 

स्वयं बड़ा किया उसको !


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तुन कैसे भूले

जब बांह थामीं थी मेरी

वादा किया था साथ निभाने का

जन्म जन्मान्तर तक 

मध्य मार्ग में  क्यूं छोड़ा |

आशा न की थी वादा  

जो साथ निभाने का था

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पिता आकांक्षाओं की उड़ान होता है (कविता)जब पिता है, तो हमारा अस्तिव है,
जब पिता हैं, तो हमारा व्यक्तित्व है।
जब पिता है, तो हम विस्तार होते हैं।
जब पिता हैं, तो हम साकार होते हैं.
जब पिता है, तो हम सनाथ होते हैं.
जब पिता है, तो हम विश्वनाथ होते है.
वह हमारी उपलब्धियों का प्रतिमान होता है,
वह हमारी आकांक्षाओं की उड़ान होता हैं।
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कवि सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' की पुण्‍यतिथि आज, पढ़िए उनकी रचना - कुकुरमुत्‍ता

 'निराला' भारतीय संस्कृति के द्रष्टा कवि हैं-वे गलित रूढ़ियों के विरोधी तथा संस्कृति के युगानुरूप पक्षों के उद्घाटक और पोषक रहे हैं पर काव्य तथा जीवन में निरन्तर रूढ़ियों का मूलोच्छेद करते हुए इन्हें अनेक संघर्षों का सामना करना पड़ा। मध्यम श्रेणी में उत्पन्न होकर परिस्थितियों के घात-प्रतिघात से मोर्चा लेता हुआ आदर्श के लिए सब कुछ उत्सर्ग करने वाला महापुरुष जिस मानसिक स्थिति को पहुँचा, उसे बहुत से लोग व्यक्तित्व की अपूर्णता कहते हैं। पर जहाँ व्यक्ति के आदर्शों और सामाजिक हीनताओं में निरन्तर संघर्ष हो, वहाँ व्यक्ति का ऐसी स्थिति में पड़ना स्वाभाविक ही है।


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6 आसान दिवाली नमकीन/स्नैक्स रेसिपी दोस्तों, दिवाली में हर घर में मिठाई और नमकीन बनाये जाते है। आपको ब्लॉग में रेसिपी ढूंढने में परेशानी ना हो इसलिए 6 चुनिंदा नमकीन रेसिपिज आज शेयर कर रही हूं ताकि आपका समय बचे। ये रेसिपिज है...आटे की कुरकुरी चकली, बाजार जैसी कुरकुरी भाकरवड़ी, मसाला मठरी, खस्ता काजू नमकपारे, पतले पोहे का चिवडा और पालक के नमकपारे। आइए देखते है ये 6 चुनिंदा नमकीन रेसिपिज... --------------------------------आज का सफर यही तक,अब आज्ञा दे आपका दिन मंगलमय हो कामिनी सिन्हा 

7 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर और सार्थक चर्चा प्रस्तुति।
    मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए
    आपका आभार कामिनी सिन्हा जी।

    जवाब देंहटाएं
  2. सुप्रभात ! एक से बढ़कर एक रचनाओं के सूत्रों से सजा चर्चा मंच ! आभार !

    जवाब देंहटाएं
  3. आदरणीया कामिनी सिन्हा जी, नमस्ते 🙏❗️एक सार्थक चर्चा अंक के लिए अच्छी रचनाओं का चुनाव कर आपने इसे सफलतापूर्वक आयोजित किया, इसके लिए आपकी भूरी भूरी प्रशंसा करता हूँ. हार्दिक साधुवाद!--ब्रजेन्द्र नाथ

    जवाब देंहटाएं
  4. मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, कामिनी दी।

    जवाब देंहटाएं

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