सादर अभिवादन
आज की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है
(शीर्षक और भूमिका आदरणीया अनीता जी की रचना से)
आज भारत के ज्ञान के प्रभाव से विश्व में परिवर्तन हो रहा है, अब ईश्वर के बताये मार्ग पर अनेक लोग चलने को उत्सुक हैं. वह दिन दूर नहीं जब भारत की बात सुनी जाएगी और सतयुग का सब जगह दर्शन होगा।
आपने बिल्कुल सही कहा अनीता जी,वो दिन अब दूर नहीं
भारत के लोग अपनी ज्ञान,संस्कार और संस्कृति को फिर से अपनाने
में भले ही झिझक रहें हो मगर, पश्चिमी देशो ने हमारी महत्ता को स्वीकार
कर लिया है।आपका एक-एक कथन सत्य हो....
इसी शुभकामना के साथ चलते हैं,आज की कुछ खास रहनाओं की ओर....
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(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
नारी नर की खान है, जग की सिरजनहार।
माता अपनी कोख में, बेटी को मत मार।।
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बेटों जैसा दीजिए, बेटी को भी मान।
सभ्य-सुघड़ सन्तान से, होता देश महान।।
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यदा यदा ही धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत:संत कहते हैं, इस जगत के और हमारे भी केंद्र में जो होना चाहिए, वह ईश्वर है. असल में वह जगह तो भगवान की है; किंतु आज उसकी जगह को अहंकार ने घेरा हुआ है. मुल्कों के अहंकार ने, शासकों के अहंकार ने। अहंकर केवल सेवक है, पर मानव भूल गया है कि वह ईश्वर की सत्ता के कारण अपना काम कर रहा है. मानव इस मूलभूत तथ्य को भूल गया है और मनमानी करता है; तब उसे लगता है कि जगत सुंदर नहीं है-----------------------सच तो सच है
जब कुचल रहे पैरों में
दीनों के सपने में
आग लगाकर सुख में
बनते हैं अपने
नदी नाव से पूछ रही
लहरें हैं कितनी...
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मन चंचल हुआ कैसे
बेमुरब्बत हुआ
किसी का कोई
ख्याल नहीं रखा |
सिर्फ खुद की ही सोची
और किसी की नहीं
हुआ ऐसा किस कारण
जान न पाई |
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और
आकाश । उम्र के सभी पृष्ठ क्रमशः झर
जाते हैं आख़िर में रह जाता है देह
का कमज़ोर जिल्द बाकि, फिर
भी अनपढ़ा रहता है सांसों
का किताब, हज़ारों
से मुलाक़ात
हुई फिर
भी----------------------आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया
दिल तो दर्पण है टूट जाएगा !!!!!!
काव्य पाठ की दो शैलियाँ तहत और तरन्नुम हैं।तहत में काव्य पाठ का अर्थ है सीधे-सीधे अपनी रचना को बिना गाए हुए श्रोताओं के सम्मुख प्रस्तुत करना और तरन्नुम में पढ़ने का अर्थ है रचना को गाकर प्रस्तुत करना। मंच पर लोग अक्सर दोनों ही तरह से अपनी अपनी रचनाएँ प्रस्तुत करते हैं।यह बिल्कुल ठीक बात है कि गायन शैली में रचना प्रस्तुति का अपना एक अलग प्रभाव होता है परंतु तहत में रचना पाठ भी अपने ढंग से श्रोताओं पर असर छोड़ता है।
-----------------------------------आज का सफर यही तकमिलते हैं अगले अंक में आपका दिन मंगलमय हो कामिनी सिन्हा
अद्यतन लिकों के साथ सुन्दर चर्चा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआपका आभार कामिनी सिन्हा जी।
वाह वाह! सुंदर प्रस्तुति!!!!
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा
जवाब देंहटाएंसुप्रभात! आशा और विश्वास जगाती भूमिका और विविध विषयों पर आधारित रचनाओं के लिंक्स से सजा मंच! आभार कामिनी जी!
जवाब देंहटाएंविविध रंगों से सजा हुआ चर्चा मंच हमेशा की तरह मंत्रमुग्ध करता है, मुझे शामिल करने हेतु असंख्य धन्यवाद आदरणीया कामिनी जी।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं मेरी रचना को चयनित करने के लिए सहृदय आभार सखी सादर
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत चर्चा संकलन
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चर्चा अंक
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