---------------------त्योहारों का सिलसिला जारी है.... किसी भी त्यौहार में खुशियाँ मनाने से पहले हमें अपने वीर सपूतों और उनके परिवारों को दिल से शुक्रिया कहना ही चाहिए वो है तो हम सुरक्षित है और खुशियाँ मन रहे हैं। एक दीपक भारत माँ के सपूतों के नाम.... इसी संकल्प के साथ चलते हैं आज की दीपावली विशेषक की ओर....---------------------------------
दोहे "त्यौहारों की शृंखला" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
दिव्य प्रकाश, उजास, बिखेरे
दीपावली तमस हर लेती,
द्युति, आलोक, ज्योति, उजियारा
हर कोना जगमग कर देती !
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बीते बरस आ गए ले
मुन्ना-मुन्नी का रेला ।
जलती फुलझड़ियों में
आधी रात चढ़ाए ठेला ॥
प्लास्टिक के खोखे से
खुश, पिचकारी खेलेंगे ॥
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है प्रारम्भ आज से पांच दिवसीय दीपों का त्यौहार
है आज धनतेरस कल होगी रूप चौदह्दस
परसों दीपावली अगले दिन गोवर्धन पूजा
‘ आखिर में यम दुतिया भाई दूज पर्व |
यह पञ्च दिवस का त्यौहार मानता
है बड़ी धूमधाम से मनाया जाता
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दीपक,
तुमसे एक विनती है,
इस बार दिवाली में
कोई भेदभाव मत करना,
अट्टालिकाओं में ही नहीं,
झोपड़ियों में भी जलना.
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एक गीत -दीवाली पर दीप जलाता मेरा हिंदुस्तान
विश्व गुरु हो भारत
जल -थल -नभ में हो खुशहाली,
पशु -पंछी सबके होठों पर
हो अमृत की प्याली,
मरुथल में भी बादल बरसे
रहे न नखलिस्तान.
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जो दिलों को रौशन करे वही दीवाली
दीपों की जगमगाहट के साथ जीवन को मिठास से भर देने की परम्परा का नाम ही दीपावली है। रौशनी के इस महापर्व की तैयारी भी शुरू हो चुकी है तो क्यों न इस बार रौशनी के पर्व की शुरुआत घर का अँधेरा मिटाने के अलावा मन का अँधेरा दूर करने से ही की जाये? इस बार उपहार के बहाने खुशियाँ बाँटी जायें? क्यों न इस बार मुँह के साथ जिंदगी को भी मीठा कर दें? क्यों न इस बार दीपों की जगमगाहट की तरह नई सोच को जीवन से जोड़ दिया जाए ताकि खुशियों को बाँटने की परंपरा जीवन में त्यौहार की तरह बस जाए।-------------------------पहले अंतस का तमस मिटा लूँ (कविता) #दिवाली
गम का अंधेरा घिरा जा रहा हैं,
काली अँधेरी निशा क्यों है आती.
कोई दीपक ऐसा ढूढ़ लाओ कहीं से
नेह के तेल में जिसकी डूबी हो बाती.
अंतस में प्रेम की कोई बूंद डालूँ
तब बाहर का दरिया बहाने चलूँ.
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मन का अँधेरा मिटेगा तभी जग उजियारा होगा
इस सुंदर संदेश के साथ आज का सफर समाप्त करते हैं
आप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें
स्वस्थ रहें सुरक्षित रहें
कामिनी सिन्हा
सार्थक चर्चा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच परिवार की ओर से सभी पाठकों को
दीपावली और उससे जु़ड़े पंच पर्वों की हार्दिक शुभकामनाएँ।
सार्थक चर्चा.दीपावली की शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत चर्चा संकलन
जवाब देंहटाएंदीपोत्सव की बहुत बहुत शुभकामनाएं
बहुत ही खूबसूरत और आकर्षक अंक ।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को शामिल करने के लिए आपका हार्दिक आभार और अभिनंदन।
सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई 🪔🪔🎆🎆🎇🎇
देर से आने के लिए खेद है, दीपावली की शुभकामनाएँ! आभार!
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