फ़ॉलोअर



यह ब्लॉग खोजें

सोमवार, जुलाई 04, 2011

आज का अंदाज़-ए-बयाँ कैसा लगा ?......... चर्चा मंच

सोमवार की चर्चा में 
आपका स्वागत है 
आपके पेश-ए-खिदमत है 
आज की चर्चा 


मीठी यादें आ गयीं
मन को मेरे लुभा गयीं 
 

जब तक न कोई सवेरा होगा 

आज वादे और इंतजार में ठन गयी
और माशूक की जान पर बन गयी  


आना जाना यहाँ निरंतर
कोई न परमानेंट   
तू भज ले राम नाम अर्जेंट


रोज तस्वीर जिसकी उधडती है
रोज ही नयी तस्वीर फिर बनती है  



 सितारों से आगे जहाँ और भी है


देख तेरे संसार की हालत क्या हो गयी भगवान
किसको ठहराएँ दहेज़ का जिम्मेदार 
 


 देने के कायदे हमको आते नहीं
व्यंग्य सन्देश दुनिया को भाते नहीं 


 अरे दीवानों मुझे पहचानो 
ब्लोगिंग की ताकत को ज़रा आजमा लो 


यह नहीं अभिमान मेरा
ये तो है समर्पण भाव मेरा  



हर चीज यहाँ पर बिकती है
खरीदार के हाथों में सजती है 



उड़न गति न रुक पाती है
मन से न कभी जीत पाती है   


 हम यथार्थ कहते रहे
और बहरी दुनिया सुनती रही  


 कब एकांत पाया है
एकांत में भी खुद से न बच पाया है  


यादों की धरोहर बना लिया
ऐसे पिता का जन्मदिन मना लिया  



कहिये दोस्तों 
आज का अंदाज़-ए-बयाँ कैसा लगा ?
पसंद आये तो टिपण्णी दे देना
नहीं आये तो बिना दिए चल देना
हम समझ जायेंगे 
हुजूर आये तो थे 
मगर खातिरदारी पसंद नहीं आई 
तो अगले सोमवार तक 
हमें इंतजार रहेगा 
आपके आगमन का


 

27 टिप्‍पणियां:

  1. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  2. चर्चा का अन्दाजे बयान बहुत अच्छा रहा!
    सुबह-सुबह पढ़ने के लिए लिंक मिल गये!

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुंदर रचनाओं का संकलन , सराहनीय है , बधाई जी /

    जवाब देंहटाएं
  4. YAH ANDAJTO AAPKA BAHUT ACHHA LAGA
    ARE MAIN YAHAN BHI HUN SHUKRIYA MUJHE LANE KA

    जवाब देंहटाएं
  5. nice links, thanks. and thanks -meree post ko shaamil kiya aapne ... :)

    जवाब देंहटाएं
  6. आप का बहुत-बहुत धन्यवाद वंदना जी ,कि आप ने मेरा ब्लॉग चर्चा मंच के लिए चुना... और हार्दिक धन्यवाद उन सभी पाठकों का भी जिन्होने मेरे ब्लॉग को पसंद किया और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियों देकर मेरा होंसला बढ़ाया।

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत सुंदर चर्चा...अच्छा अंदाज।

    जवाब देंहटाएं
  8. बढ़िया अंदाज...अच्छे लिंक्स!!!

    जवाब देंहटाएं
  9. बढ़िया अंदाज
    अच्छे लिंक्स

    जवाब देंहटाएं
  10. वंदना जी... आज की चर्चा भी उतनी खास सादगी भरी सुन्दर ..लिंक्स भी बहुत अच्छे.. :))

    जवाब देंहटाएं

"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" पर

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथा सम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।