श्री एस.एम.मासूम जी चर्चा मंच से जुड़ गये है! मैं इनका स्वागत और अभिनन्दन करता हूँ! |
श्री अरुणेश सी. दवे जी का जन्मदिन था! इस अवसर पर चर्चा मंच की पूरी टीम की ओर से मैं उनको बधाई प्रेषित करता हूँ! |
हार्ट अटैक से बचने का एक नायाब और आसान तरीका मगर एक ब्लॉगर को यह पसंद नहीं आया और उन्होंने यह कमेंट दे दिया! हार्ट अटैक वाली जिस पोस्ट के नुस्खे को नायाब और आसान तरीका बताया गया है, वह क्या आपके द्वारा प्रमाणीकरण है, या गुडी-गुडी टाइप स्तुति मात्र. क्या आपके अथवा पोस्ट लेखक द्वारा इसका परीक्षण किया गया है या मात्र अनुभव और प्रयोग आधारित है. यदि परीक्षण किया गया है तो उल्लेख अवश्य करें कि यह लाभकारी क्यों, किस गुण के कारण होता है. यदि टिप्पणी में विवाद दिखाई दे तो मेरी ओर से निवेदन है कि इसे न प्रकाशित करें, लेकिन भविष्य में ऐसी पोस्ट चर्चा और स्तुति से परहेज करें. |
हाँ इतना जरूर है कि यदि किसी के ब्लॉग की चर्चा इस चर्चा पत्रिका में की जाती है तो यदि चर्चाकार चाहे तो वह सूचित कर सकता है कि आपके ब्लॉग की पोस्ट का लिंक हमने चर्चा मंच पर लगाया है। मगर यह बाध्यता नहीं होनी चाहिए कि लोग आयें और अपने सुझावों से हमें अवगत कराएँ या हमारा हौसला बढ़ाएँ! |
उस आबे-चश्म में ये मछलियां नहीं रुकतीं वो रुलाई रोक भी ले सिसकियां नहीं रुकतीं |
अमित श्रीवास्तव जी: बस यूं ही |
शालिनी कौशिक जी अपने् ब्लॉग: kanooni gyan पर बता रहीं हैं! |
विशाल जी दिल की कलम से लिख रहे हैं! मार डालूँगा तुझे इनायत से मार डालूँगा, तुझे शराफ़त से मार डालूँगा, |
कल ही अपना जन्म दिन मना चुकी निवेदिता जी झरोख़ा में पूछ रहीं है! हथेली से खिसकती जाती रेत सा बढ़ चला हठीला समय अवसान की ओर.... पत्ते भी हैं कुछ ज्यादा ही जल्दी में प्यास बुझाने को सूर्य-किरणों के आने के पहले .... ओस की बूँदें मुँह छुपाती निगाहें चुरा बचाना चाहती हैं खुद को पता नहीं किससे ....... |
: नीम-निम्बौरी में दिनेशचन्द्र गुप्ता रविकर जी लाए हैं! स्लीपर-सेल शक्ल-सूरत एक सी, हाथ पैर एक जैसे नाक कान आँख मुंह, एक से दिखात हैं |.. |
अब देखिए कुछ और लिंक! |
अंतर्मंथन पर डॉ.टी.एस. दराल जी बता रहे हैं *बुरा मत सुनो , बुरा मत देखो , बुरा मत कहो . गाँधी जी का यह कथन बचपन से सुनते आए है . इनमे से केवल कहना ही अपने हाथ में होता है . हालाँकि सभी तरह की बुराई... |
अमृतरस पर डॉ. नूतन गैरोला लेकर आईं हैं! रुक्मणि जी जो कि मेरे पड़ोस में रहती हैं, अधेड़ उम्र की भद्र महिला हैं। आज मैं उनके साथ खरीदारी के लिए आयी थी... |
लेखनी है परेशां, न रच रही कोई गजल | गर्भ से क्या हो गई, चूस स्याही दे उगल || शब्द तो स्वर बोध केवल, भाव ही मतलब असल | दिनेश की दिल्लगी, दिल की सगीपर पढ़िए |
तुम्ही ने तो कहा था कितना काला हूँ अँधेरे में नज़र नहीं आता साक्षात अँधेरे की तरह पर क्या तुम्हें एक पल भी जीवन में अँधेरे का एहसास हुआ... यह बता रहे हैं दिगम्बर नासवा जी! स्वप्न मेरे.....पर अँधेरा ... क्या होता है? |
दे रहे हैं कुन्दन जी के बारे में इनकी रचना पढ़िए! |
विज्ञान की यह पोस्ट भी देख लीजिए! |
सप्रमाण कह रहे हैं! एक और दिल दहला देने वाला वीडियो लाइवलीक डाट काम पर आया है जिसमें पाकिस्तान के स्वात में तालिबानियों ने सुरक्षा-कर्मियों पर छ: बच्चों की हत्या का आरोप लगाते... |
पर एक सकारात्मक सोच की पोस्ट लगी हुई है! |
मेरे अरमान.. मेरे सपने.. में सजा है आज सपने देखती वो नन्ही परी... अपने सपनो में मग्न -- उड़ानों में व्यस्त, अपने घर की खिड़की मैं बैठी श्रीमती दर्शनकौर धनोए सपनो का महल देखती थी! |
* पाषाण नगरी में * *हम हो गए * *पत्थर * *तो क्या होगा * * * *गढ़ उठेगी * *एक मूरत * *बोलती सी * *तो क्या होगा * * * *बज उठेगा * *उसमें गीत * एक पत्थर |
भारत की इंजीनियरिंग कॉलेज में पढाने वाली शिक्षिका सुश्री शिल्पा मेहता जी का परिचय देखिए! BLOG WORLD.COM पर! |
Author: Priyankaabhilaashi | प्रियंकाभिलाषी.. |
akhtar khan akela |: Akhtar Khan Akela |
' नीम ' पेड़ एक गुण अनेक..........अन्त में उन सभी चर्चाकारों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूँ! जिन्होंने चर्चाकार के रूप में चर्चा मंच की सेवा की है! |
चर्चा के पूर्व टिप्पणी की बात पर भी
जवाब देंहटाएंसहमत । सार्थक चर्चा के साथ बेहतरीन
लिंक्स ..आभार
मयंक जी, आपकी यह लगनशीलता देख कर अभिभूत हो जात हूं।
जवाब देंहटाएं------
ब्लॉग समीक्षा की 23वीं कड़ी।
अल्पना वर्मा सुना रही हैं समाचार..।
बड़े ही सुन्दर लिंक्स।
जवाब देंहटाएंसादर अभिनन्दन ||
जवाब देंहटाएंआपकी कीर्ति-पताका और लहराए ||
इस वय में भी अथक परिश्रम ||
ईश्वर आपको सक्रिय स्वास्थ्य दे और
वर्षों तक चर्चा-मंच पर आपकी कृपा-दृष्टि रहे ||
behtareen charcha...dhanybad babu ji meri post ko charchamanch pr lane ke liye....aabhar...
जवाब देंहटाएंबढ़िया लिंक्स.
जवाब देंहटाएंअच्छे लिन्क सुलभ कराने के लिये धन्यवाद .....
जवाब देंहटाएंअपनी चर्चा में पहली बार आपने ’झरोखा’ को भी स्थान दिया ..आभारी हूँ !
सार्थक चर्चा .........मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए आपका बहुत बहुत आभार !
जवाब देंहटाएंमयंक जी ,चर्चा मंच के विषय में मुझे कुछ ही दिनों पहले पता चला जब रविकर जी ने चर्चा मंच - 576 पर मेरी कविता "पापा तुम घर क्यों ना लौटे ? "की लिंक डाली थी .मुझे तो पता ही नहीं था की चर्चा मंच जेअस कुछ है ब्लॉग संसार में.पर जब यहाँ आई तो बहुत अच्छा लगा.नए ब्लॉग देखने मिले.आपका बहुत बहुत धन्यवाद् आपने मेरी कविता को आज के चर्च मंच में शामिल किया....
जवाब देंहटाएंसफल चर्चा बढ़िया लिंक्स
जवाब देंहटाएंधन्यवाद शास्त्री जी! सुन्दर चर्चा के लिए तथा मेरी पोस्ट को यहाँ एक स्थान देने के लिए.. सादर
जवाब देंहटाएंबहुत सार्थक प्रयास.आज की चर्चा शानदार लिंक्स समेटे हुए है मेरे दो ब्लोग्स[कौशल , कानूनी ज्ञान ] को आपने यहाँ स्थान दिया है इसके लिए मैं ह्रदय से आपकी आभारी हूँ.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद मयंक साहब..!!! आभारी हूँ..!!
जवाब देंहटाएंअलग तेवर और अलग कलेवर के साथ चर्चा.. कुछ लिनक्स अच्छे लगे... एक पत्थर कविता अच्छी लगी...
जवाब देंहटाएंअच्छी लिंक हैं सभी ...
जवाब देंहटाएंमुझे स्थान देने का शुक्रिया ..
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा चर्चा ... आभार
जवाब देंहटाएंशास्त्री जी ,
बस एक बात कहना चाहती हूँ .....आपने लिखा है --
मुझे गर्व है कि आज हमारे पास ऐसा एक भी चर्चाकार नहीं है जो आपसे यह कहे कि
"आप चर्चा मंच पर आयें और ..नीचे दिए लिंक पर कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ! "
ऊपर लिखे शब्द क्यों कि मेरे हैं इसलिए आपसे पूछना चाहूंगी कि
यदि आपको आपत्ति थी मेरे इस तरह से सूचित करने पर तो इतना इंतज़ार क्यों किया ? पहली ही बार के बाद आप मुझसे कह सकते थे ... एक साल तक मैंने यही शब्द हर जगह सूचित करते हुए कहे .. केवल इस मकसद से कि नए लोंग भी इस मंच से जुड़ें ... और लिख कर आना बाध्य करना तो नहीं होता ..इस अंतरजाल पर वैसे भी कौन किसको बाध्य कर सकता है कुछ लिखने या पढने के लिए ..जब कि मैं चर्चा मंच पर चर्चा करना छोड़ चुकी हूँ उसके बाद आपका यह लिखना और मुझे गलत ठहराना उचित सा नहीं प्रतीत हो रहा ... खैर
अच्छा ही हुआ जो अब मेरे जैसा अयोग्य चर्चाकार आपके साथ नहीं हैं ... और आप अपने आज के चर्चाकारों पर गर्व करें ...इससे ज्यादा खुशी की बात हो ही नहीं सकती ... सादर
--
चर्चा अच्छी लगी।
जवाब देंहटाएंलिंक्स चयन भी उम्दा।
sundar charcha.achchhe links.
जवाब देंहटाएंis baat se bhi sahmat....yadi kisi lekh ke bare me kuchh jaankari leni hai to seedhe lekhak ke blaag par jaakar le.charchamanch jo kar raha hai wah hindi blogars ke liye kam hai kya?
आपकी चर्चा अच्छी लगी और यह सच है कि आपकी वजह से मेरा एग्रीगेटर देखना भी अब ज़रूरी नहीं रहा। एक एग्रीगेटर में तो लॉगिन हुए महीनों हो गए हैं। आपकी मेहनत हमारे लिए आसानी पैदा कर देती है। आपका शुक्रिया !
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा,
जवाब देंहटाएंविवेक जैन vivj2000.blogspot.com
मैंने स्पष्ट किया है चर्चाकार महोदय कि प्रश्न मैंने ब्लागर से पहले किया है फिर यहां दुहराया है और यहां सिर्फ लिंक नहीं है, इसमें हार्ट अटैक से बचने के नायाब और आसान तरीके की बात आपकी ओर से कही गई थी इसलिए जवाबदेही आप पर भी बनती है. मेरी आपत्ति और आपसे निवेदन अभी भी है, जो पहलेकर चुका हूं.
जवाब देंहटाएं@ ''कोई शुल्क थोड़े ही लेते हैं'', लेकिन मुफ्त में बंट रहे खतरे का मुफ्त में प्रचार क्यों कर रहे हैं आप, यह प्रश्न तो आपसे ही पूछना होगा हमें.
जवाब देंहटाएंनमस्कार शास्त्री जी....आप हमारे श्रेष्ठ है.....आदरणीय है......जैसा कि संगीता आंटी ने कहा कि आप उनके ही बात को लेकर आज पुराने किये गये कार्यों से रंजीश जता रहे है......मै तो आजकल अपनी व्यस्तता के कारण चर्चा मंच से दूर हूँ.......पर फिर भी जितने दिन मैने चर्चा की अपनी पूरी लगन और निष्ठा से...क्या स्वार्थ था मेरा...बस एक अच्छी चर्चा करना.....पर दिल अंदर से पूरी तरह टुट गया जब यह पता चला कि जिस व्यक्ति के सम्मान में और प्रेम के कारण हम इतनी मेहनत करते है...उसे तो जरा भी हमारी भावनाओं की कद्र नहीं......कोई भी इंसान छोटा नहीं होता.....और अभी तो मै बहुत छोटा हूँ आपके सामने.....पर संगीता आंटी जो कि इस ब्लागजगत के लिए एक आदरणीय और सम्मानित है......जो कि शायद आपके चर्चा मंच पे १ साल या उससे ज्यादा समय से सेवा दे रही थी....और साथ ही उनकी चर्चा हर बार बेहतरीन होती थी...उनके जाने पर भी ना आपने कभी अफसोस जताया और ना ही उन्हें रोका ......हमें भी खुशी है इन नये आदरणीय चर्चाकारों के आगमन से...ये सभी बहुत ही गुणवान है....और आपके संरक्षण में तो सभी गुणवान बन ही जाते है......पर बस आपसे एक अपील है मेरी...जब आपने हमारे जाने पर कभी दुख नहीं जताया...तो हमारे बाद हमारी कोई बात का मुद्दा भी ना बनाये...सभी अपने अपने कार्यों में व्यस्त है.........और जहा तक ब्लागजगत कि बात है तो किसी की भी पहचान उसकी स्वयं की गुणवता से है...उसके व्यवहार से....आपने बस एक बार कहा था और मै अपनी इंजीनियरींग की पढ़ाई के साथ ही आपकी चर्चा भी करने लगा.........खैर वो तो बात पुरानी हो गई.....धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंअच्छे लिंक्स के लिए आभार शास्त्री जी .
जवाब देंहटाएंराहुल सिंह जी की बातों पर दुखी न हों .
इस लेख से हम भी सहमत नहीं हैं .
चर्चा मंच पर शामिल करके आप भी भागीदार बन ही जाते हैं . इसलिए छान बीन कर के ही शामिल करना चाहिए .
हालाँकि मैं समझ सकता हूँ की आपको शायद इसमें कोई गलती नज़र न आई हो . कृपया अन्यथा न लें .
अच्छे लिंक्स मिले आभार.
जवाब देंहटाएंकुछ लिंक्स पर हो आया हूँ. मंच के लिए शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएं@ मयंक जी ,
जवाब देंहटाएंयह आपका ब्लॉग है इसमें जितने और जैसे चाहें लिंक बिखेरें , पैसा लें याकि ना लें ,निश्चय ही यह आपका अधिकार है ! सहमत हूं !
...पर राहुल सिंह जी की आपत्ति अमूल्य जीवन धन को लेकर है उन्होंने एक संवेदनशील मुद्दा उठाया है , जिसे मेरा ब्लाग , मेरा सर्वाधिकार , मेरी पसंद , जो चाहे छापूँ , कहके ख़ारिज नहीं किया जाना चाहिए , लिंक देकर गलत बात के सह प्रचार की जिम्मेदारी तो बनती ही है चन्द्र भूषण मिश्र गाफिल साहब पर !
अगर आप अपनी पसंद के लिंक अपने मित्रों को देते हैं तो मित्रों के अनुरोध का मान भी रखना चाहिए !
@ राहुल सिंह जी ,
चंद्रभूषण मिश्र जी गाफिल हैं सो उनसे शिकायत कैसी :)
आदरणीय श्री डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक जी
जवाब देंहटाएंमेरी पोस्ट "बोलो-बोलो सब मिल बोलो ओम नमः शिवाय" को शामिल करने के लिए आपका बहुत बहुत आभार!
9 दिन तक ब्लोगिंग से दूर रहा इस लिए आपकी इस पोस्ट पर नहीं आया उसके लिए क्षमा चाहता हूँ ...आपका सवाई सिंह