फ़ॉलोअर



यह ब्लॉग खोजें

सोमवार, जुलाई 25, 2011

"लिंक ही लिंक" (चर्चा मंच-586)

मित्रों!
आज सावन का दूसरा सोमवार है!
भोले नाथ के भक्त काँवड़ लाने के लिए शिव की नगरी हरद्वार पहुँच रहे हैं। मैं भी शिवजी महाराज का आराधन करते हुए आज की चर्चा आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ!
लेकिन एक जरूरी सूचना आपको दे दूँ कि अगले सप्ताह से सोमवार की चर्चा आदरणीय चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफिल‘ जी किया करेंगे। इसका कारण यह है कि उनकी रविवार की छुट्टी रहती है और वो आराम से रविवार की शाम तक चर्चा पूरी करके सोमवार को पोस्ट कर दिया करेंगे। मैं अब मंगलवार की चर्चा किया करूँगा।
बहुत दिन हुए तुमने कुछ कहा नही
मतभेद ही चैतन्यता की निशानी है। 
सरस पायस पर
बरखा का यह बाल गीत भी छपा है!
रवि मन पर भी एक
शब्दों की चमत्कारी रचना है!
रिल्के, मरीना और एक सिलसिला 
Sunday Blues .. टूटी चूड़ी में फंसा हुआ इतवार

मानवता    जीते    सदा,  ईश्वर   लेख   अमिट || 
नामुराद इश्क में जब से चोट खाई है मैंने 
अपनी हस्ती रोज़ आग में जलाई है मैंने .
पलकों के सपने
  मे देखिए

भीगे नैना -
*बरखा रानी * *मन भाई है* *इन्द्रधनुष को न्योता* *देकर आई है * * * *तुम ही हो * *रंगों के सौदागर* *भर देना जीवन * *रंगीन उजागर….
ब्लॉग की ख़बरें!
बहुत-बहुत बधाई! इस नन्हे मुन्ने को
     
अली अहमर ने जीता 5 हज़ार का ईनाम - अली अहमर की उम्र अभी मात्र डेढ़ साल है और ‘केरल किड्ज़ क्लब‘ द्वारा आयोजित ‘समर कॉन्टेस्ट‘ में सब पर बाज़ी मार ली है। यह सूचना हमें उनके पापा जनाब मुनव्वर अली...
हिंदुस्तान की आवाज़ -- आपकी धरोहर
 १८५७ का पूरा सच - १८५७ का पूरा सच ..... देश में एक गीत बहुत ज्यादा गाया जाता है.... " दे दी हमे आजादी बिना खडग बिना ढाल साबरमती के संत तुने कर दिया कमाल... "
मनोज
भारतीय काव्यशास्त्र – 76 - *भारतीय काव्यशास्त्र – 76* *आचार्य परशुराम राय* पिछले अंक में *अगूढ़ गुणीभूतव्यंग्य *पर चर्चा की गयी थी। इस अंक में इसके दूसरे भेद *अपरांग गुणीभूतव्यं... को देखिए-
मनोरमा
खूबसूरत ये जहाँ - दिन कटे जब ठीक से तो है इनायत ये जहाँ और गर्दिश के दिनों में बस क़यामत ये जहाँ रंग चश्मे का है कैसा देखते हैं किस तरह बात लेकिन सच यही कि है मुहब्बत…..
ज्ञान दर्पण

कविता की करामात - कवि अपनी दो पंक्तियों में भी वह सब कह देता है जितना एक गद्यकार अपने पुरे एक गद्य में नहीं कह पाता,राजा महाराजाओं के राज में कवियों को अभिव्यक्ति की पूरी ...
DR.JOGA SINGH KAIT JOGI

ACCUPRESSUR - एक्यूप्रेसर सम्पूरण शरीर का एक्यूप्रेसर करने के लिए भिन्न-भिन्न बिन्दुयों पर प्रेशर डालना होता है .इसके लिए पूरी जानकारी होना ज़रूरी है.ताकि रोग के अनुसार...
kaushal
राज्यों को और अधिक शक्तियां एवं संसाधन सौंपने से राष्ट्र की उन्नति तीव्र गति से होगी - राज्यों को और अधिक शक्तियां एवं संसाधन सौंपने से राष्ट्र की उन्नति तीव्र गति से होगी केंद्र तथा राज्यों में शक्तियों का वितरण एक ऐसी विशेषता है जो संघात्म...
मेरे सपने
दीपक जलता रहा रातभर - तन का दिया, प्राण की बाती, दीपक जलता रहा रात-भर । दु:ख की घनी बनी अँधियारी, सुख के टिमटिम दूर सितारे, उठती रही पीर की बदली, मन के पंछी उड़-उड़ हारे । बची र...
Mushayera

तन्हाई ही हमें रहना सिखाती है. - ये जिंदगी तन्हाई को साथ लाती है, हमें कुछ करने के काबिल बनती है. सच है मिलना जुलना बहुत ज़रूरी है, पर ये तन्हाई ही हमें रहना सिखाती है. यूँ तो तन...
हिंदी ब्लॉगर्स फ़ोरम इंटरनेशनल HBFI

कंप्यूटर क्रांति खा रही है याददाश्त इंसान की Hindi Blogging Guide (18) - अभी हाल ही में एक शोध में यह बात सामने आई है कि लोग अब चीज़ों को अपने दिमाग़ में याद रखने के बजाय गूगल के भरोसे रहने लगे हैं। वे चीज़ों को याद रखने की आदत खो...
रिंकू का भोजपुरी धमाल

कंप्यूटर से फाइल को पूरी तरह से डिलीट करने का तरीका | - आप के कंप्यूटर से किसी भी फाइल को पूरी तरह से डिलीट करने के लिए एक बहु उपयोगी सॉफ्टवेर | इस्तेमाल में बहुत ही आसन और साइज़ में सिर्फ* 646 Kb* का है ये सॉफ्ट...
हे गाँव
| Author: कुश्वंश | Source: अनुभूतियो का आकाश
हे गाँव बस पहुचने वाली है  अभिलाषित खुशहाली तुम तक  एक नदी का सपना जो  तुमने  सालों से देखा था अब बाढ़ ने कर दिया है पूरा  बस पहुचनेवाली है नावें तुम तक देखना बाढ़ उतरने न पाए  सस्ते घर की फ़ाइल  तैयार है  बस शीघ्र ही  बनेगे और बनेंगे  ही नहीं  मिलेंगे भी  बस थोड़ी सी  जमीन  तुम्हारे औद्योगिक विकाश के लिए लेंगे  बिल्डरों को देनी है  ...
एक स्कूल, जहां पढ़ते हैं 18 जुड़वा बच्चे
| Author: akhtar khan akela | Source: Akhtar Khan Akela
रोहतक. शहर में एक ऐसा स्कूल है, जिसमें 18 जुड़वा बच्चे पढ़ते हैं। इनके नैन नक्श इतने मिलते हैं कि पहली बार देखने पर कोई भी धोखा खा सकता है। स्कूल के टीचर भी कन्फ्यूज हो जाते हैं
मेरी नेपाल यात्रा ( चौथी किस्त )
अशोक बजाज | Source: ग्राम चौपाल
गूगल से प्राप्त पशुपतिनाथ की तस्वीर हिमालय पर्वतमाला की वादियों में बसे प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण पावन धरा नेपाल  में 9 जुलाई से 12 जुलाई 2011 को आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय  सहकारी सेमीनार में भाग लेने का अवसर मिला.इस सेमीनार का आयोजन राष्ट्रीय सहकारी बैंक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान बैंगलोर ने किया था…..
JHAROKHA

सावन की छ्टा - ** *सावन की छाई प्यारी छ्टा* * मदमस्त पवन घनघोर घटा बरसो रे मतवारी बदरिया जरा झूम बरसो रे। बरसो रे---------------। नील गगन में ताने चादर अपनी काली ...
चाहत...

- *!!!मैं इतनी लालची भी नही!!!* * * * * *तुम एक बार कहो तो सही,* *मैं इस दुनिया का,* *सब कुछ छोड़ सकती हु,* *तुम्हारे लिए,* *ये कपडे ये गहने,* *ये झुमके ये कंग...
पिया बसंती
| Author: ana | Source: गीत
Read piya basanti Self Publishing with YUDU
नेकी कर दरिया में डाल
| Author: शिखा कौशिक | Source: नेता जी क्या कहते हैं ?
नेकी   कर    दरिया   में   डाल
रात की तंग गलियां
| Author: ѕнαιя ∂я. ѕαηנαу ∂αηι | Source: Khuda Khair kare
रात की तंग गलियों में सपने मेरे गुम रहे, उनकी यादों के बेदर्द तूफ़ां भी मद्ध्म रहे।
गुरु आख़िर गुरु है..................
| Author: Sunil Kumar | Source: दिल की बातें
अक्सर हम यह कहावत सुनते है की गुरु गुड़ रह गया और चेला शक्कर बन गया | मगर यह वास्तविकता नहीं है |इसका प्रमाण मैं एक दन्त कथा के माध्यम से देना चाहता हूँ |किसी गाँव में एक पहलवान गुरु रहते थे | और अपने अखाड़े के सभी शिष्यों को कुश्ती की शिक्षा दिया करते थे | उनके चेलों ने भी उनकी शिक्षा का लाभ उठा कर दूर दूर तक अपने गुरु  का नाम रोशन किया | एक द ..
मै तलाशता खुद को...
| Author: Bimal Raturi | Source: Feelings of bimal...
मै तलाशता खुद को ... कभी सागर की गहराई में.... कभी पहाड़ो की ऊंचाई में... कभी बादलों की काली घटाओ में... कभी सावन में महकती लताओं में ... मै तलाशता खुद को... कभी ऑरकुट के अंधियारे में.. कभी फेसबुक के उजाले में... कभी गूगल में खोजता खुद को ... कभी याहू में खुद को तलाशता .... कभी मंदिरों में भगवान् से पूछता... कभी मस्जिद में खुद को खोज ...
HINDI KAVITAYEN ,AAPKE VICHAAR

ख़्वाब एक ग़ज़ल - *तू एक ऐसा ख़्वाब है * *जो जिस्म में ढलता ही नहीं * *मेरा ही हमसाया * *जो मेरे साथ चलता ही नहीं !* *किस मोम से बना है तू * *जो मेरे ताप से पिघलता ही नही...
Love Everybody
विद्या की कविता - मेरी अम्मा एक पिटारी यादों की मीठी लोरी लाड-प्यार की बातों की। मैं सूरज हूं उसका, चांद-सितारा हूं झड़ी लगाती हर दम आशीर्वादों की। वक्त झुका है हर दम जिसके...
अंतर्मंथन
इसे पढ़कर आप भी डॉक्टर बन सकते हैं ---. - एक समाचार से पता चला की दिल्ली में हर तीसरा व्यक्ति इन दिनों* वाइरल बुखार*से ग्रस्त है .हालाँकि हालात इतने बुरे भी नहीं हैं , लेकिन यह सच है की बरसात के दिन...
**संजीदा **
चिराग-ए-लियाकत ,कदम रहबरी के ,
जुदा  तुमको  दिल से नहीं कर सकेंगे --
रहोगे   सदा    तुम   दिलों   में  हमारे ,
रुसवा   तुम्हें   हम  नहीं   कर  सकेंगे -
रचना जी का शुक्रिया -नारी ब्लॉग से हटाने के लिए
|  शिखा कौशिक |  vicharon ka chabootra
रचना जी का शुक्रिया -नारी ब्लॉग से हटाने के लिए
अरुण कुमार निगम (हिंदी कवितायेँ)
पीड़ा होगी.... - **** *रजकण हूँ आंगन में बिखरा रहने दो*** *नयनों में तुम नहीं बसाना – पीड़ा होगी.*** *क्रंदन हूँ कोयल की पंचम तानो का*** *अधरों पर तुम मुझे न लाना – पीड़ा होग...
अंधड़ !
भ्रष्ट-तंत्र की नौ-टंकियों पर टिकी पुण्य-भूमि की बुनियाद ! - लालच और भोग-विलासिता की दौड़ में अंधे होकर, मानवीय मूल्यों की परख और पहचान तो खैर हम लोग सदियों पहले ही खो चुके थे, कितुं अपने सांस्कृतिक परिवेश को भी पश्च...
अनुपमांश
"प्यारी साइकिल" - *"प्यारी साइकिल"* मेरी साइकिल मुझे बहुत प्यारी. ढोटी बोझ सभी का बारी बारी, मेरी साइकिल मुझे बहुत प्यारी, ढोटी बोझ सभी का भारी भारी, इश साइकिल की बात निरा...
प्रेमवाणी

हदीस और आधुनिक विज्ञान - आज से चौदह शाताब्दि पूर्व मुहम्मद सल्ल0 ने कुछ ऐसे तथ्य की ओर संकेत किया था जिनका समर्थन आज के आधुनिक युग में विज्ञान पूर्ण रूप में करता है। इस लेख में ...
prerna ki kalpanayen
यह कैसी निराली रीत - *यह कैसी निराली रीत * *दो साल से देश के बाहर रहने के कारण काफी परिवार के कार्यक्रमों में शामिल नहीं हो पाई /जिसका मुझे हमेशा अफ़सोस रहेगा ,और उस समय मुझ...
बरसात उदास - कैसी अजीब / यह बरसात की हवा / जैसी सूनी और सपाट / उदास खुद यह बरसात / ना कोई झोँका / केशों को उलझाता / चेहरे पर / ना फुहारों में भीगता / कोई चेहरा ही /...
“उन दोनों में कहाँ प्यार था....?” - *समय परिवर्तनशील है पर यह अपने साथ सबको बदलता है. एकला नहीं चलता. आपचाहो ना चाहो उसकी इसे परवाह नहीं. मायने भी बदल देता है ये चीजों के और चीजें तोबदल देता...
शहीदों को तो बख्श दो - 5. यही बाकी निशाँ होगा - बहे बहरे-फ़ना में जल्द या रब लाश "बिस्मिल" की कि भूखी मछलियाँ हैं जौहरे-शम्शीर क़ातिल की समझकर फूंकना इसकी ज़रा ए दागे नाकामी बहुत से घर भी हैं आबाद इस उजड़े...
नाकामयाबी हिस्सा ज़िन्दगी का - अंजाम से बेखबर निरंतर ख्वाब देखता नए अरमान संजोता ख्वाइशों की दुनिया में रहता था अब पछताता हूँ लम्हा लम्हा मरता हूँ खुद से लड़ता हूँ हसरत के न...
कविता-एक कोशिश
तू ही तो जीना सिखाती है ... - तू ही तो मुझे सुलाती है ,तू ही तो मुझे जगाती है हर पल तू संग संग रहती है ,तू ही तो जीना सिखाती है जब पूरब से सूरज...
Akanksha
विशवास किस पर करें - है दिखावे से भरपूर दुनिया कुछ स्पष्ट नजर नहीं आता अति वादी अक्सर मिलते हैं कोइ तथ्य नजर नहीं आता आँखें तक धोखा खा जाती हैं अंजाम नजर नहीं आता ...

bjp cartoon, congress cartoon, yediyurappa cartoon, 2 g spectrum scam cartoon, cwg cartoon, corruption in india, corruption cartoon
- [image: bjp cartoon, congress cartoon, yediyurappa cartoon, 2 g spectrum scam cartoon, cwg cartoon, corruption in india, corruption cartoon] Cartoon by Kirt...
मंगलवार 2 अगस्त को फिर भेंट होगी!
♥ उच्चारण ♥

30 टिप्‍पणियां:

  1. सभी मैनपुरी वासीयों की ओर से कारगिल युद्ध के सभी अमर शहीदों को शत शत नमन !

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत रोचक चर्चा |बहुत सी लिंक्स |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
    आशा

    जवाब देंहटाएं
  3. बढ़िया लिंकों के साथ रोचक चर्चा
    way4host

    जवाब देंहटाएं
  4. कई अच्छे लिनक्स का सराहनीय संकलन - वाह
    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    http://www.manoramsuman.blogspot.com
    http://meraayeena.blogspot.com/
    http://maithilbhooshan.blogspot.com/

    जवाब देंहटाएं
  5. रोचक चर्चा ,मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |

    जवाब देंहटाएं
  6. सुंदर चर्चा ,मेरे ब्लॉग को शामिल करने के लिए आभार
    - विवेक जैन vivj2000.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं
  7. bahut achchi rangbirangi charcha ki hai Shastri ji aabhar apka meri ghazal ko jagah dene ke liye.sabse pahle yanha se seedhe shikha ji ke link par pahunchi vanhaa rachna ji aur shikha ji ke matbhed ko padha achcha nahi laga.yanhaa yesa bhi hota hai???

    जवाब देंहटाएं
  8. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  9. .सावन सोमवार में चर्चा मंच के माध्यम से ब्लोगर मित्रों को काठमांडू के पशुपतिनाथ का दर्शन कराने के लिए आभार .

    जवाब देंहटाएं
  10. अच्छी चर्चा , सुन्दर लिन्कस, साथ ही मेरे रचना को स्थान देने हेतु मयंक जी का आभार।

    जवाब देंहटाएं
  11. बहुत-बहुत आभार ||

    सुन्दर लिन्कस ||

    जवाब देंहटाएं
  12. चर्चा मंच पर स्थान देने के लिए धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  13. गुरुजी,
    बहुत सुंदर चर्चा की है अपने चर्चा मंच पर, मे आपका दिल से सुक्रिया अदा करता हू की अपने मेरी कविता को चर्चा मंच पर स्थान दिया, ओर अपने बहुत सुंदर लिंक्क लगाए चर्चा मंच पर दिल खुश हो गया, आपको हॅमारा प्रणाम

    जवाब देंहटाएं
  14. रंग बिरंगी और सुंदर चर्चा नई जानकारी देती हुई ।

    शुक्रिया !

    जवाब देंहटाएं
  15. बहुत रोचक चर्चा |बहुत सी लिंक्स |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
    aak may aanek
    eektha, sundar aathi sundar

    जवाब देंहटाएं
  16. वाह ...बहुत ही सुन्‍दरता के साथ लिंक्‍स एवं संयोजन सभी ब्‍लॉगों का ...आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  17. yah charcha hai ya links ki bahar .meri rachnaon ko sthan dene ke liye shukriya .

    जवाब देंहटाएं
  18. बहुत सही कहा शास्त्री जी आपने यहाँ लिंक्स की बहार ही प्रस्तुत कर दी है वैसे भी मौसम ये बहार का है फिर चर्चा मंच इससे अछूता कैसे रह सकता है.मेरी दो दो पोस्ट को यहाँ स्थान देने के लिए आभार.मुझे चर्चा मंच ने जो नाम व् पहचान दी है इसके लिए मैं सदैव चर्चा मंच व् आपकी आभारी रहूंगी.

    जवाब देंहटाएं
  19. बहुत ढेर सारे सुन्दर लिंक्स वाह! और उसमें मेरी भी एक ग़ज़ल...शुक्रिया शास्त्री जी!

    जवाब देंहटाएं
  20. बढ़िया लिंक्स और सुंदर चर्चा... आभार.
    सादर,
    डोरोथी.

    जवाब देंहटाएं
  21. bahut links ! Itne ki poore parhe bhi na ja sake samay ki kami ke kaaran !
    -Abhaar

    जवाब देंहटाएं
  22. Asvasthata ke karan yahan tak der se pahunch saki...kshama prarthi hun...lekin charchamanch par akar bahut sari nayi post/naye rachnakaron se parichaya hota hai...yah bahut sukhad anubhav hai...shubhkamnayen.
    Poonam

    जवाब देंहटाएं

"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" पर

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथा सम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।