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शुक्रवार, जुलाई 08, 2011

"कभी मेरे घर आना" चर्चा -मंच : 569

आपका हार्दिक अभिनन्दन
नया चर्चाकार: भूल-चूक लेनी-देनी
वर्णों का आंटा गूँथ-गूँथ, शब्दों की टिकिया गढ़ता हूँ|
समय-अग्नि में दहकाकर, मद्धिम-मद्धिम तलता हूँ||
चढ़ा चासनी भावों की, ये शब्द डुबाता जाता हूँ |
गरी-चिरोंजी अलंकार से, फिर क्रम वार सजाता हूँ ||
प्रस्तुत है इंडियन ब्लॉग लीग का पहला मैच --
वैसे तो, आयोजन समिति से आप परिचित हैं,
फिर भी परंपरा निभाता हूँ |
आपको उनके दो बोल सुनवाता हूँ ||

"ताजमहल की वास्तविकता" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)

जरा इन नए ब्लॉगर्स की भी सोचें …. !!!!

शिरडी वाले साईं हमारे

ये तेरा बिल ये मेरा बिल ------- ये बिल बहुत हसीन है

‘मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे मोती‘ Indian Traditions 

कश्ती

ज़ख्म…जो फूलों ने दिये

आज का मैच खेला जायगा 

राहुल रायल्स एवं मोहन मिनिस्टर्स के बीच :

आपतो अनुमान लगाओ कि कौन एकादश बाजी मारेगी ||

राहुल रायल्स :-

.सवाई सिंह राजपुरोहित

सिगरेट यह बला आई कहां से? क्या है इसके कानून?

६. विश

उन दिनों बेवजह भी बहुत हंसी आती थी

.कविता : हरियाली आई

८.अनीता

स्वाद का सफर

९. नारी ब्लॉग से

आप इसे क्या कहेंगे उच्च कोटि का बलिदान, नादानी या बेवकूफी

१०. पापा जाने कहां तुम चले गए...

अबयज़ ख़ान
मोहन मिनिस्टर्स:-
१. शालिनी कौशिक

सभी धर्म एक हैं-ये जानो

अनुराग शर्मा

शहीदों को तो बख्श दो - भाग 1. भूमिका

३. भ्रष्ट आचरण

. कैलाश सी शर्मा

हर हाथों में एक कलम हो

५. गाफिल

गोया इल्जाम कभी इसके सर नहीं होता

६. मनोज

११.वीरुभाई Who is walking to school .
अतिरिक्त :-
राहुल रायल्स :

आज का सद़विचार '' क्षमता ''

सुर और साहित्य..........केवल राम

गुलेरी जयंती पर विशेष

मोहन मिनिस्टर्स

"गैस लाइटर" बनाम "माचिस"

आप एक सुन्दर शीर्षक बतावें ?

दिया हुश्न तुझे, इतना क्यूँ इतराती है |
जानिब देख तेरे, कलियाँ अभी से बल खाती हैं |

अम्पायर्स

याद आते हैं सत्यार्थी जी

रिश्ते टूटते हैं प्यार नहीं टूटा करता

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यह रचना समालोचना हेतु प्रस्तुत है ||

आप सभी महानुभावों से अनुरोध है कि 
इस रचना पर अपनी राय अवश्य दें |
कृपया रचनाकार का नाम 6 PM से पहले न बताएं ||

छोडो, बहुत हुई है, सियासत पे गुफ़्तगू
होजाए साले-नौ में मुहब्बत पे गुफ़्तगू
बर्बाद करके जाएगा ये वक़्त देखिये
करते रहे जो हम यूँही नफ़रत पे गुफ़्तगू
जब भी करो हो बात तो "सूरत" पे करो हो
बेहतर यही है आज हो "सीरत" पे गुफ़्तगू
मुंह पे कहे है 'वाह' औ पीछे कहे है 'हुंह'
और मै करूं जो तेरी जहालत पे गुफ़्तगू?
आदर्श लोग बैठ शहीदों की क़ब्र पे
चुपचाप कर रहे हैं जी राहत पे गुफ़्तगू
उर्दू ज़ुबान और ये क़ुदरत के फ़रिश्ते
छुप छुप के करें शब में मेरी छत पे गुफ़्तगू
गर ख़ैर चाहते हैं तो घर लौट जाइए
नेता जी कर रहे हैं हिफ़ाज़त पे गुफ़्तगू
गर ये अमीर-ए-शहर है, अफ़्सोस है हमें !
ग़ुरबत से कर रहे हैं जो इस्मत पे गुफ़्तगू
मंज़िल की जब तलाश में घर से निकल पड़े
हम फिर नहीं करते हैं मुसाफ़त पे गुफ़्तगू
इस शहर में तो ख़ुद से भी जब जब हो मुलाक़ात
होती है सिर्फ़ दौलत--शोहरत पे गुफ़्तगू
उस आदमी का ज़हन तो मफ्लूज है
"हया "
करता है बेहयाई से औरत पे गुफ़्तगू
ग़ुरबत :- ग़रीबीमुसाफ़त:- सफ़रमफ्लूज:- लक़वा मारा हुआ
अन्त में-श्री ओम व्यास जी को विनम्र श्रद्धांजलि 

26 टिप्‍पणियां:

  1. "रविकर" का स्वागत और शुभकामनायें!

    जवाब देंहटाएं
  2. आज तो केवल आपकी चर्चा रहेगी यह कौन कलाकार .......अच्छे लिंक दिए है .........

    जवाब देंहटाएं
  3. पहली चर्चा के लिए बधाई |
    आशा

    जवाब देंहटाएं
  4. जब भी करो हो बात तो "सूरत" पे करो हो
    बेहतर यही है आज हो "सीरत" पे गुफ़्तगू

    सुन्दर पंक्तियाँ |
    रचनाकार का परिश्रम स्पष्ट दीखता है ||

    जवाब देंहटाएं
  5. आदरणीय रविकर" जी का स्वागत ..चर्चा का यह अंदाज मन को भा गया .....आपका आभार

    जवाब देंहटाएं
  6. वाह चर्चा मंच मे नया साथी आया है ।

    आह स्तर उसने कितना उठाया है ॥

    अब मेहनत करनी होगी हमे भी इतनी ।

    वरना मखम्ल मे टाट का पैबंद नजर आयेंगे ॥

    जवाब देंहटाएं
  7. सबसे पहले रविकर जी का स्वागत है चर्चा मंच पर्।
    पहली ही चर्चा लाजवाब लिंक्स से सुसज्जित्………शानदार चर्चा के लिये बधाई और शुभकामनायें।

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत-बहुत आभार इस बेहतरीन चर्चा के लिये ।

    जवाब देंहटाएं
  9. रविकर जी,
    आनंद आ गया आज़ के ब्लोगर्स के टी-२० मैच में, आपका नया अंदाज़ आशानुरूप था.
    केवल टीमों के नाम हज़म नहीं कर पा रहा हूँ... राउल रोयल्स बनाम मोहन मिनिस्टर्स .. ये तो एक ही क्षेत्र की टीमें हुईं.

    आगामी टीमों के नाम रखे जा सकते हैं :
    — मोहनिया ब्रदर्स बनाम अन्ना हजारे ग्रुप
    — स्विस के सितारे बनाम योग के दुलारे
    — कालेधन के वारिस बनाम केरलधन के दावेदार
    — क्रप्शन के खिलाड़ी बनाम अनशन के पुजारी

    फिर सोचता हूँ आप जिसको भी बुरे समझी जाने वाली टीम में डालेंगे ... कहीं वो आपसे नाराज़ न हो जाये. आपने अभी-अभी जिम्मेदारी ग्रहण की है... कहीं सर मुड़ाते ही ओले पड़ गये तो ... ?

    जवाब देंहटाएं
  10. बधाई रविकर जी! आपने आज बहुत अच्छी चर्चा लगाई और उसमें हमें भी शामिल कियाइसके लिए आभार

    जवाब देंहटाएं
  11. बहुत-बहुत आभार इस बेहतरीन चर्चा के लिये ।

    जवाब देंहटाएं
  12. चर्चा का नया अंदाज़ बहुत अच्छा है ... अब टीम कौन सी जीती यह कैसे पता चलेगा ? .. अच्छी चर्चा के लिए रविकर जी को बधाई ..

    जवाब देंहटाएं
  13. बढ़िया अंदाज अच्छे लिंक्स .

    जवाब देंहटाएं
  14. आपकी चर्चा में मजा आ गया ।

    जवाब देंहटाएं
  15. चर्चा के नया अंदाज बहुत अच्छा लगा..बधाई

    जवाब देंहटाएं
  16. बहुत ही सुन्दर और मनभावन चर्चा । अच्छे लिंक्स । धन्यवाद ।

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  17. पहली बार इस मंच पर आया !अच्छा लगा , पर समयाभाव वश सब कुछ दर्शन से बंचित रहा ! बहुत - बहुत बधाई !

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  18. रविकर जी, शुभकामनाएँ नयी शैली पर चर्चा मंच सजाने के लिए। लोगों की प्रतिक्रियाएँ उत्साह-वर्धक हैं। मनोज ब्लॉग पर प्रकाशित अर्थान्वेषण-4 को चर्चा मंच पर लेने के लिए हार्दिक साधुवाद।

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  19. मेहनत से तैयार मंच और
    इसमें मुझे भी लपेटा गया,
    रवि जी को अपना प्रकाश फ़ैलाने से कौन मना करेगा।

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  20. रविकर का उजाला यहाँ भी फैला अपने ही अंदाज़ में .
    गर ये आमिर -ए -शहर है अफ़सोस है हमें ,
    ग़ुरबत से कर रहें जो इस्मत पे गुफ्तगू .
    कल हम चूक गए थे ,यहाँ बैठे हम भारत से १० घंटा पीछे हैं .कभी कभार ऐसी चूक हो जाती है .गलती सुधार के लिए जगह दें .

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  21. बहुत ही सुन्दर और मनभावक चर्चा , अंदाज बहुत अच्छा लगा ...... आभार ।

    जवाब देंहटाएं

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