आपका हार्दिक अभिनन्दन
नया चर्चाकार: भूल-चूक लेनी-देनी
वर्णों का आंटा गूँथ-गूँथ, शब्दों की टिकिया गढ़ता हूँ|
समय-अग्नि में दहकाकर, मद्धिम-मद्धिम तलता हूँ||
चढ़ा चासनी भावों की, ये शब्द डुबाता जाता हूँ |
गरी-चिरोंजी अलंकार से, फिर क्रम वार सजाता हूँ ||
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प्रस्तुत है इंडियन ब्लॉग लीग का पहला मैच --
वैसे तो, आयोजन समिति से आप परिचित हैं,
फिर भी परंपरा निभाता हूँ |
आपको उनके दो बोल सुनवाता हूँ ||
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आज का मैच खेला जायगाराहुल रायल्स एवं मोहन मिनिस्टर्स के बीच :आपतो अनुमान लगाओ कि कौन एकादश बाजी मारेगी || |
राहुल रायल्स :-
२..चक्रेश
४. विश्वजीतसिंह गांधी जी नेहरू की दृष्टि में
५.सवाई सिंह राजपुरोहितसिगरेट यह बला आई कहां से? क्या है इसके कानून?६. विशउन दिनों बेवजह भी बहुत हंसी आती थी७.कविता : हरियाली आई
८.अनीता
स्वाद का सफर९. नारी ब्लॉग सेआप इसे क्या कहेंगे उच्च कोटि का बलिदान, नादानी या बेवकूफी१०. पापा जाने कहां तुम चले गए... |
मोहन मिनिस्टर्स:-
१. शालिनी कौशिक
सभी धर्म एक हैं-ये जानो२ अनुराग शर्माशहीदों को तो बख्श दो - भाग 1. भूमिका३. भ्रष्ट आचरण४. कैलाश सी शर्माहर हाथों में एक कलम हो५. गाफिलगोया इल्जाम कभी इसके सर नहीं होता६. मनोज
१०. जाट देवता काशी (बनारस) से सारनाथ तक
११.वीरुभाई Who is walking to school . |
अतिरिक्त :- राहुल रायल्स : आज का सद़विचार '' क्षमता ''सुर और साहित्य..........केवल रामगुलेरी जयंती पर विशेष |
मोहन मिनिस्टर्स"गैस लाइटर" बनाम "माचिस"आप एक सुन्दर शीर्षक बतावें ?
दिया हुश्न तुझे, इतना क्यूँ इतराती है |
जानिब देख तेरे, कलियाँ अभी से बल खाती हैं | |
अम्पायर्स
याद आते हैं सत्यार्थी जीरिश्ते टूटते हैं प्यार नहीं टूटा करता----------------------------------------------------------------------यह रचना समालोचना हेतु प्रस्तुत है ||आप सभी महानुभावों से अनुरोध है किइस रचना पर अपनी राय अवश्य दें |
कृपया रचनाकार का नाम 6 PM से पहले न बताएं ||
अन्त में-श्री ओम व्यास जी को विनम्र श्रद्धांजलि |
"रविकर" का स्वागत और शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंआज तो केवल आपकी चर्चा रहेगी यह कौन कलाकार .......अच्छे लिंक दिए है .........
जवाब देंहटाएंपहली चर्चा के लिए बधाई |
जवाब देंहटाएंआशा
बधाई व शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंजब भी करो हो बात तो "सूरत" पे करो हो
जवाब देंहटाएंबेहतर यही है आज हो "सीरत" पे गुफ़्तगू
सुन्दर पंक्तियाँ |
रचनाकार का परिश्रम स्पष्ट दीखता है ||
आदरणीय रविकर" जी का स्वागत ..चर्चा का यह अंदाज मन को भा गया .....आपका आभार
जवाब देंहटाएंवाह चर्चा मंच मे नया साथी आया है ।
जवाब देंहटाएंआह स्तर उसने कितना उठाया है ॥
अब मेहनत करनी होगी हमे भी इतनी ।
वरना मखम्ल मे टाट का पैबंद नजर आयेंगे ॥
रविकर भाई, इस शानदार चर्चा के लिए बधाई स्वीकारें।
जवाब देंहटाएं------
जादुई चिकित्सा !
ब्लॉग समीक्षा की 23वीं कड़ी...।
मनोरम चर्चा। अच्छी लगी।
जवाब देंहटाएंसबसे पहले रविकर जी का स्वागत है चर्चा मंच पर्।
जवाब देंहटाएंपहली ही चर्चा लाजवाब लिंक्स से सुसज्जित्………शानदार चर्चा के लिये बधाई और शुभकामनायें।
बहुत-बहुत आभार इस बेहतरीन चर्चा के लिये ।
जवाब देंहटाएंरविकर जी,
जवाब देंहटाएंआनंद आ गया आज़ के ब्लोगर्स के टी-२० मैच में, आपका नया अंदाज़ आशानुरूप था.
केवल टीमों के नाम हज़म नहीं कर पा रहा हूँ... राउल रोयल्स बनाम मोहन मिनिस्टर्स .. ये तो एक ही क्षेत्र की टीमें हुईं.
आगामी टीमों के नाम रखे जा सकते हैं :
— मोहनिया ब्रदर्स बनाम अन्ना हजारे ग्रुप
— स्विस के सितारे बनाम योग के दुलारे
— कालेधन के वारिस बनाम केरलधन के दावेदार
— क्रप्शन के खिलाड़ी बनाम अनशन के पुजारी
फिर सोचता हूँ आप जिसको भी बुरे समझी जाने वाली टीम में डालेंगे ... कहीं वो आपसे नाराज़ न हो जाये. आपने अभी-अभी जिम्मेदारी ग्रहण की है... कहीं सर मुड़ाते ही ओले पड़ गये तो ... ?
बधाई रविकर जी! आपने आज बहुत अच्छी चर्चा लगाई और उसमें हमें भी शामिल कियाइसके लिए आभार
जवाब देंहटाएंbadiya links ke saath bahut achhi charcha ke liye aabhar!
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत आभार इस बेहतरीन चर्चा के लिये ।
जवाब देंहटाएंचर्चा का नया अंदाज़ बहुत अच्छा है ... अब टीम कौन सी जीती यह कैसे पता चलेगा ? .. अच्छी चर्चा के लिए रविकर जी को बधाई ..
जवाब देंहटाएंबढ़िया अंदाज अच्छे लिंक्स .
जवाब देंहटाएंआपकी चर्चा में मजा आ गया ।
जवाब देंहटाएंचर्चा के नया अंदाज बहुत अच्छा लगा..बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर और मनभावन चर्चा । अच्छे लिंक्स । धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंपहली बार इस मंच पर आया !अच्छा लगा , पर समयाभाव वश सब कुछ दर्शन से बंचित रहा ! बहुत - बहुत बधाई !
जवाब देंहटाएंरविकर जी, शुभकामनाएँ नयी शैली पर चर्चा मंच सजाने के लिए। लोगों की प्रतिक्रियाएँ उत्साह-वर्धक हैं। मनोज ब्लॉग पर प्रकाशित अर्थान्वेषण-4 को चर्चा मंच पर लेने के लिए हार्दिक साधुवाद।
जवाब देंहटाएंमेहनत से तैयार मंच और
जवाब देंहटाएंइसमें मुझे भी लपेटा गया,
रवि जी को अपना प्रकाश फ़ैलाने से कौन मना करेगा।
रविकर का उजाला यहाँ भी फैला अपने ही अंदाज़ में .
जवाब देंहटाएंगर ये आमिर -ए -शहर है अफ़सोस है हमें ,
ग़ुरबत से कर रहें जो इस्मत पे गुफ्तगू .
कल हम चूक गए थे ,यहाँ बैठे हम भारत से १० घंटा पीछे हैं .कभी कभार ऐसी चूक हो जाती है .गलती सुधार के लिए जगह दें .
आदरणीय रविकर" जी
जवाब देंहटाएंआपका आभार
बहुत ही सुन्दर और मनभावक चर्चा , अंदाज बहुत अच्छा लगा ...... आभार ।
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