मित्रों!
आज बुधवार है!
विगत सप्ताहों की भाँति आपके अवलोकनार्थ
अपनी नजर से गुजरे कुछ ब्लॉगों को प्रस्तुत कर रहा हूँ!
मेरी नजर अनायास ही इस ब्लॉग पर पड़ी आप भी देखिए-
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अब मेरी नजर गई इस पोस्ट पर! पढ़कर शायद आपको भी अच्छा लगेगा- ब्लॉगजगत,
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अब देखिए यह मजेदार कार्टून!
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मनोज पर मनोज जी लेकर आये हैं
यह कथा!
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महात्मा गांधी को यहाँ भी लोग मानते हैं!
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Gandhi Smriti |
सुमन भी आपसे प्रतिदान में कुछ चाहता है-
जरा इस पोस्ट पर भी दृष्टिपात कर लीजिए!
ज़िन्दगी बख्शी खुदा ने माना के "नीरज" हमें
पर लगा हमको कि जैसे खीर में कंकर दिए
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मेरे मन की में आज शेयर कीजिए प्रियवर वत्सल का जन्मदिन!
पढ़ने के लिए दोनों बच्चे घर से दूर चले गए है, फ़ोन पर बातें होती रहती ...
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अलाव जलाने को कहकर
'प्रतिकार' का स्वर लिये वह गया था अन्दर, और फिर स्वीकार का स्वर लेकर बाहर आया; अलाव जल नहीं पाई तब तक
लकड़ियाँ सिली हुई थी.
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नव गीत की पाठशाला में पढ़िए -
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में आज है एक प्रश्न (?)
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धुप्प अन्धेरा भागते हुए लोग; मुट्ठी भर दिवास्वप्न लिये सारी-सारी रात जागते हुए लोग, बियाबाँ से गुजरे तो महफिल में ठहरे;…..
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कहीं मंदिर में घंटी बाजे, कहीं अजान सुनाती है, पाँच बजे पौ फटते ही, वो पानी भरने जाती है,…
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सहा न उससे झूठ गया। *
*प्यारा भइया रूठ गया।।
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रहता भावना के समुद्र में ,
जीता स्वप्नों की दुनिया में ,
गोते लगाता , ऊपर नीचे विचारों में
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मैं तो बधाई दे ही रहा हूँ ,
आप भी बधाई देना न भूलें!
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एक कार्टून यह भी तो है-
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अजन्मी बिटिया के मन की पुकार
को हम सबको सुना रही हैं।
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केदारनाथ अग्रवाल की एक कविता
मारा गया लूमर लठैत पुलिस की गोली से किया था उसने कतल उसे मिली मौत ....
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दुखी जीवन की कहानी !
यह अभावों की लपट में जल चुका जो वह नगर है, बेकसी ने जिसे घेरा, हाय यह वह भग्न घर है,
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और अब अन्त में
खुशखबरी यह है कि
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मयंक जी बहुत ही अच्छी चर्चा रही...... आपने अलग अलग तरह के ब्लोग्स के लिंक
जवाब देंहटाएंउपलब्ध करवाए...... आभार
चर्चा हर बार की तरह बहुत अच्छी और नयापन लियेहुए |बधाई और आभार |
जवाब देंहटाएंआशा
आदरणीय मयंक जी आपने चर्चा-मंच की जो महफ़िल सजाई है उसके कंटेन्ट्स तो ख़ूबसूरत और ग्यान वर्धक तो हैं ही, साथ ही उसका कलेवर लाजवाब है। मुबरकबाद के साथ शुक्रिया।
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा ...
जवाब देंहटाएंचिट्ठाजगत के लौट आने के बधाई ...!
बहुत ही अच्छी चर्चा !
जवाब देंहटाएंअच्छे लिनक्स मिले, धन्यवाद !
चर्चा हर बार की तरह बहुत अच्छी ...
जवाब देंहटाएंधन्यवाद !
बहुत सुन्दर चर्चा शास्त्री जी !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा लगाई है………………काफ़ी लिंक्स मिले हैं ………………आभार्।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा शास्त्री जी कई महत्वपूर्ण लिंक्स को समेटे ! आपका आभार एवं धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा
जवाब देंहटाएंबहुत सार्थक चर्चा ...अच्छे लिंक्स मिले ..आभार
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा...
जवाब देंहटाएंमोतियों की सी ठसाठस जमी हुई लगी आज की समीक्षा. आभार.
जवाब देंहटाएंसार्थक चर्चा.
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा
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