सुबह से ही दीपक मशाल जी की
चर्चा देखने लगा परन्तु निराशा ही हाथ लगी!
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इसलिए आज 16 अक्टूबर को
नवरात्र के अवसर पर
चर्चा मंच पर प्रस्तुत कर रहा हूँ!
कुछ ब्लॉगों की चर्चा!
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शून्य ह्दय से मैं
उध्वस्त भीड़ के
रोते हुए खोए - खोए चेहरों में
ओ मेरे देश !
तुम्ही को ढूँढती फिर रही हूँ ।
- जया मित्र
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अह देखिए यह मजेदार सटीक कार्टून्स!
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लगे हाथ यहाँ भी नजर डाल लीजिए!
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(नवरात्र आरंभ हो चुका है. देवी-माँ की मूर्तियाँ सजने लगी हैं. चारों तरफ भक्ति-भाव का बोलबाला है.
दशहरे की उमंग अभी से दिखाई देने लगी है. इस पर क्रमश: प्रस्...
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- देकर एक दिन की आजादीअपनी होशियारी पर इतराते होकरके धर्म के ठेकेदारों से सांठ-गांठअपनी-अपनी दुकानें चलाते हो,दिन में तो दिखते हो अलग-अलगरात को मयखाना साथ जाते हो।....
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नेताजी सोवियत संघ में ही थे!
जैसा कि पहले ही कहा जा चुका है कि जब तक भारत सरकार खुद प्रधानमंत्री कार्यालय, गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय की गोपनीय आलमारियों में कैद नेताजी से जुड़े दस्तावेजों को सार्वजनिक नहीं करती और रूस तथा जापान सरकारों से ऐसा ही करने का अनुरोध नहीं करती, तब तक बहुत-सी बातें स्पष्ट नहीं होंगी, और तब तक हमें परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर ही घटनाक्रमों का ‘अनुमान’ लगाना पड़ेगा।
वैसे, इस मामले में अब ज्यादा भरोसा......
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anupam yatra....ki suruwat...
जीवन की भाग दौड़ हमारे बाल मन पर शुष्कता की परत चढ़ाती चली जाती है; जीवन में चाहे कुछ भी घटित हो...लेकिन अपने बाल मन को बचाने का उपक्रम तो चलते ही रहना चाह..
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प्रिय बहणों और भाईयों, भतिजो और भतीजियों सबको शनीवार सबेरे की घणी राम राम. ताऊ पहेली *अंक 96 *में मैं ताऊ रामपुरिया, सह आयोजक सु. अल्पना वर्मा के साथ आपका ...
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लाल्लालाला ssssssssssssआ...लालालालाआssssssssssss ज़ूज़ूज़ूज़ूऊऊऊऊऊज़ूज़ूज़ूज़ूज़ूज़ू--हा हा हा हा - करना तो था श्री महिषासुर मर्दिनी स्त्रोत्र...................पर माईक काम नहीं कर रहा ......पहले रिकार्ड कर चुकी कोई प्रार्थना ढूंढी....................नहीं..
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- देव सुन कर क्या करोगे दुखी जीवन की कहानी ! यह अभावों की लपट में जल चुका जो वह नगर है, बेकसी ने जिसे घेरा, हाय यह वह भग्न घर है ! लुट चुका विश्वास जिसका, तड़...
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काव्य मंजूषा
- मौसम फिर से बदला है, हमसफ़र लौट ही आए खुशियों का अब सिलसिला, देखें फिर कहाँ जाए शजर सब्ज़ सा लागे, नज़ारे फिर से मुस्काये मगर जो उड़ गए पंछी, कहाँ वो ल...
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और अन्त में देखिए
आज फटाफट चर्चा में बस इतना ही-
शेष अगले बुधवार को!
badhiya charcha!
जवाब देंहटाएंgot many links....
going through them....
regards,
vijayadashmi ki dher sari shubhkamnayen!!!
behad sundar aur umda charcha.........achche links lagaye hain......aabhaar.
जवाब देंहटाएंbahut badhiya charcha .
जवाब देंहटाएंसार्थक चर्चा ! आभार एवं दशहरे की शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंदशहरे की शुभ कामनाएं |चर्चा मंच पर मम्मी की
जवाब देंहटाएंकविता उन्मना लिंक पर देखी |अच्छी चर्चा के लिए बधाई
आशा
दशहरे की शुभकामनाएं..!
जवाब देंहटाएंकिसी की अचानक अनुपस्थिति सच में बहुत मुश्किलें पैदा कर देती है और फिर सब मुश्किलों को नज़र-अंदाज़ करके इस तरह से मेहनत कर अपना कर्म करते जाना ही सच में काबिले तारीफ है...जो आप कर रहे है.
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा.
शुक्रिया.
अच्छी चर्चा ...
जवाब देंहटाएंआभार ...!
आपने मुझे शामिल कर मेरा मान बढाया उसके लिये धन्यबाद
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