दोस्तो ,
विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएं .................आज के दिन अगर हम सब अपने आप से एक वादा कर ले कि हम सभी अपने अन्दर के रावण का नाश कर देंगे तभी आज का दिन सार्थक होगा ...........अपने अन्दर की कलुषता को मिताने के लिए हमें ही आगे बढ़ना होगा तभी जीवन सार्थक है और तभी समाज का नव निर्माण संभव है ..........दूसरे को हम सभी उपदेश दे सकते हैं मगर जिस दिन से हम सभी अपने आप पर आजमाने लगेंगे तभी से रावण का अंत होने लगेगा............चलिए अब चलते हैं चर्चा की ओर ............कोशिश की है काफी लिंक्स लेने की क्योंकि आज थोड़ी जल्दी है ...........घर में मेहमान आने वाले हैं इसलिए जितने लिंक्स दिए हैं उन्ही से काम चला लेना ..............
भ्रष्टाचारी रुपी रावण कब हमारे भारत देश से विदा होगा, कब हम इस रावण को जलायेंगे …
हो जायेगा जब हम खुद आगे बढ़ेंगे और कदम बढ़ाएंगे इस दिशा में
तुम अगर दो साथ...
तो हम चलें आसमां के पार तक ...........
(गीत) नज़रबंद है सच की सीता !
बिलकुल सही कहा आज कौन ताड़का को नज़रबंद कर सकता है सच ही नज़रबंद होता है ..........
प्रति प्रसव -- पूर्व जन्म पुनरागमन -- past life regression.
ऐसा भी होता है क्या ..............
कहानी ऐसे बनी– 8 :: न कढी बना न बड़ी!
ये तो यहीं जाकर पता चलेगा ............
वह औरत
कौन सी ............
बिन आँखों वाली जिंदगी
कैसी होती है ये तो तभी पता चलेगा जब यहाँ आओगे ...........
कितने रावण !
कोई गिनती नहीं ...........आज तो हर और रावण ही रावण हैं ............अन्दर भी और बाहर भी ...........कैसे कोई गिनती करे
चुप किया जाना एक सजा है तुम्हारी खातिर
सच कहा ..........कुछ सजाएं खामोश होती हैं
एक और अहल्या...
राम तू कब आओगे इस अहल्या को तारने ...........अब तो हर ओर ना जाने कितनी अहल्या पड़ी हैं
दर्शन कीजिये नीलकंठ का ,अपना दिन शुभ कीजिये!
बगावत
बिलकुल जी ...........जय हो!
लोर्ड्स के साथ डेटिंग-------->>>
ऐसा भी हो सकता है क्या ................अगले दिन अखबार में
क्या होगा ??????????पोस्ट पढ़कर जान लीजिएगा!
ज़िन्दगी एक पल है
जी हाँ ...........सारा एक पल का ही तो खेल है और सामान बरसों का जोड़ रहे हैंमैं दीया हूँ.
हमेशा जलते रहना फितरत है दूसरों को रौशनी देने के लिए ..............बुराई का शतशिख रावण उर्फ ‘शतानन’
जिस दिन इसका अंत होगा तभी रामराज्य होगा ...........रामायण का तात्विक अर्थ
ये तो जानना बहुत जरूरी है ..........बिना जाने ही दुनिया क्या क्या कह जाती हैकितना आसान होता है --उंच नीच और छोटे बड़े का भेद भाव मिटाने की बात करना--
कथनी और करनी में दुनिया की हमेशा ही फर्क रहा है ............बगावत
ये भी करके देख लो
“आओ ज्ञान बढ़ाएँ, पहेली-52” (अमर भारती)
ये तो खुद ही बूझिये
मैं और बचपन का वो इन्द्रधनुष
इन्ही रंगो मे एक रंग अपना भी छुपा होता है…………
व्यंग्य - रावण का दुख
आखिर कब तक दुखी होगा ?
"तुम"
इंसाफ़ अगर लोग इंसाफ़ के लिए तैयार न हों।
यही तो मुश्किल हैहम बच्चे ही अच्छे थे ..
सच कहा ...........काश ! ऐसा हो पाता .तेरा चेहरा और गुलाब हुआ
दिल मेरा आफताब हुआ ..................“आओ ज्ञान बढ़ाएँ, पहेली-52” (अमर भारती)
ये तो खुद ही बूझिये
मैं और बचपन का वो इन्द्रधनुष
इन्ही रंगो मे एक रंग अपना भी छुपा होता है…………
व्यंग्य - रावण का दुख
आखिर कब तक दुखी होगा ?
"तुम"
बस यही तो पता नहीं चल पाता ..........एक कसक ही रह जाती है दिल में
लो जी दोस्तों हो गयी आज की चर्चा ...........जेट की स्पीड से ...........टाइम कम है इसलिए आज के लिए बस इतना ही.............अब अगले सोमवार फिर मिलूंगी एक नए रंग के साथ तब तक विजयादशमी मनाएं और सच में रावण का अंत करें .
लो जी दोस्तों हो गयी आज की चर्चा ...........जेट की स्पीड से ...........टाइम कम है इसलिए आज के लिए बस इतना ही.............अब अगले सोमवार फिर मिलूंगी एक नए रंग के साथ तब तक विजयादशमी मनाएं और सच में रावण का अंत करें .
nice
जवाब देंहटाएंयह स्पीडी चर्चा तो बहुत ही बढ़िया रही!
जवाब देंहटाएं--
रावण का अन्त हुआ हो या न हुआ हो परन्तु पुतला तो जल ही गया!
पोस्ट के साथ आपकी लाइनें काबिलेतारीफ हैं ।
जवाब देंहटाएंचर्चामंच के मंच पर मई रोज आता हूँ. यह रचनात्मक मंच रोज मुझे दिलासा देता है कि दुनिया मी आज भी हम सब, जो कि आम आदमी हैं, के अंदर वो आग बुझी नहीं है जिसे दुनिया बुझाने की कोशिशों में लगी रहती है.
जवाब देंहटाएंआप सब मानवता को रचनात्मक बनाने की दिशा में जो कार्य इस मंच के द्वारा कर रहे हैं. उसके लिए
बहुत बहट साधुवाद.
अच्छे लिंक्स ...
जवाब देंहटाएंविजयादशमी की बधाई ...!
हमें इस मंच पर स्थान देकर समानित करने के लिए आभा्र। बहुत अच्छी प्रस्तुति। राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।
जवाब देंहटाएंबेटी .......प्यारी सी धुन
बढ़िया चर्चा । रावण बार बार मरा । लेकिन अफ़सोस फिर जिन्दा हो जाता है ।
जवाब देंहटाएंbahut sundar charcha rahi... post me achhi kavitayen sankalit kee... ab bataiye dasahara kaisa rahaa... shubhdiwas..
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुतिकरण. विजयादशमी की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं .मेरे गीत 'नज़रबंद है सच की सीता 'को चर्चा मंच पर जगह देने के लिए आभार .
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुतिकरण. विजयादशमी की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं .मेरे गीत 'नज़रबंद है सच की सीता 'को चर्चा मंच पर जगह देने के लिए आभार .
जवाब देंहटाएंचर्चा बहुत ही बढ़िया रही!
जवाब देंहटाएंविजयादशमी की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं
बहुत ही अच्छी चर्चा और अच्छे लिंक्स.
जवाब देंहटाएंवंदना जी आप को विशेष शुक्रिया मेरी रचना 'मैं दीया हूँ' को स्थान देने के लिए.
sundar charcha!
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर चर्चा रही !
जवाब देंहटाएंअच्छे लिनक्स मिले धन्यवाद !
chaliye is bar charchaon kemadhyam se ravan ko yad kiya gaya/ jalaya gaya
जवाब देंहटाएंsundar charcha
वंदना जी को वंदन ॥
जवाब देंहटाएंयह शार्टकट वाली चर्चा मन को भाई, आपको इस हेतु हार्दिक बधाई।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर चर्चा !अच्छे लिन्क्स मिले.. आपकी इन्ट्रोड्क्ट्री पन्क्तिया.. पोस्ट पढ्ने को मजबूर कर देती हैं.. सुन्दर !
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छी चर्चा और अच्छे लिंक्स.
जवाब देंहटाएंवंदना जी आप को विशेष शुक्रिया 'क्यों और कैसे ब्लॉग ' को स्थान देने के लिए.
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जवाब देंहटाएंबेहद उम्दा चर्चा और सुन्दर लिंक्स --आभार वंदना जी।
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वन्दना जी !
जवाब देंहटाएंआभारी हूँ आपका जो आपने इस अपरिपक्व कलमकार की रचना को अप्नि चर्चा में स्थान दिया। बाकी के लिंक्स भी बहुत अच्छे हैं ।
आज की पोस्ट में गुरुकृपा हि केवलम http://hariomnarayan.blogspot.com को स्थान देने के लिए धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंविजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा.
हमेशा की तरह एक और बढ़िया चर्चा ... बढ़िया लिंक मिले....
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच मंडली को दशहरा पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएं ...
विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया चर्चा रही !
बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएंउठ तोड़ पीड़ा के पहाड़
bahut hee sundar post....ravan mara ja raha hai lekin mr nahi raha hai...kyoki use marne ke liye ram chahiye use kha se laya jaye..achachhee post ke liye badhai
जवाब देंहटाएंअच्छी प्रस्तुति वंदना जी को धन्यवाद व मुबारकबाद।
जवाब देंहटाएंशुक्रिया वंदना जी यहां लिंक देने के लिए। लेकिन अफसोस कि यहां से एक भी पाठक यह जानने नहीं आया कि वह औरत कौन है। बल्कि चर्चाकारों में से भी सिर्फ आप ही आईं।
जवाब देंहटाएंआभार
जवाब देंहटाएंगागर में सागर भर लाई,
जवाब देंहटाएंयह चर्चा भी हमें सुहाई।
दोबारा लें मेरी बधाई।
बहुत शुक्रिया मेरी पोस्ट बुराई का शतशिख रावण उर्फ ‘शतानन’ शामिल करने के लिए।
जवाब देंहटाएंप्रमोद ताम्बट
भोपाल
www.vyangya.blog.co.in
http://vyangyalok.blogspot.com
व्यंग्य और व्यंग्यलोक
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बढ़िया चर्चा ।
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