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बुधवार, अक्टूबर 13, 2010

"चार काँधों की जरूरत है जरा उठना ... " (चर्चा मंच-305)


आज 13 अक्टूबर को
चर्चा मंच पर प्रस्तुत है-
कुछ ब्लॉगों की चर्चा!
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आज सबसे पहले देखिए शब्दों के नगीनों से जड़ी!
गुरुदेव पंकज जी के आशीर्वाद से सजी ....
दिगम्बर नासवा जी की एक गजल
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शरद कोकास जी लेकर आये हैं
कैप्शन जोड़ें
की यह कविता
तुमसे अलग हो आज यह अनुभूति हुई
साँस लेना ही ज़िन्दगी नहीं
किन्तु
जीवन की सार्थकता बनाना
महती उद्देश्य होना चाहिये
सार्थक ?....
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अह देखिए यह मजेदार सटीक कार्टून्स!
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छेड़छाड़ की समस्या हमारे समाज की एक गम्भीर समस्या है. इसके बारे में बातें बहुत होती हैं,
परन्तु इसके कारणों को लेकर गम्भीर बहस नहीं हुयी है.
अक्सर इसको लेकर महिलाएँ पुरुषों पर दोषारोपण करती रहती हैं और पुरुष सफाई देते रहते हैं,
पर मेरे विचार से बात इससे आगे बढ़नी चाहिये....
आप भी देख लीजिए नारी ब्लॉग पर-
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  • पत्‍थर का बाजार गर्म है।
    पत्‍थर में धंधे ही धंधे हैं जो अभी भी बेरोजगार हैं,
    समझ लीजिए, वे अंधे हैं।
    खबर आपने पढ़ी होगी कि
    पत्‍थरबाजी के लिए एक दिन के 800 रुपये दिए जा रहे हैं।
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"हाथी पहाड से जा रहे हैं."
हाथी जा रहे हैं, अपने सदियों पुराने परम्परागत अरण्य "दलमा" को छोड़कर...
विराट पहाड़ वाला अपना घर छोड़..
ब्लॉग में आप देखिए कि
क्यों जा रहे होंगे यह तो पोस्ट पढ़ने पर ही पता लगेगा!
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अपनी बेटी के बारे में सोचकर आँखें भर जाती है,
मेरी भी और उसके पापा की भी, जब भी ये गाना हम सुनते हैं...
बाबा की रानी हूँ
आँखों का पानी हूँ,
बह जाना है जिसे
दो पल कहानी हूँ!
आप भी पढ़िए जेन्नी शबनम की यह पोस्ट
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गहरी वेदना छिपी है इस रचना में!
सुनामी की बाहों में .....
.....कोशिश थी मेरी कि बच जाए महल सपनों का पर फूटा ऐसा ज्वालामुखी कि समां गया सुनामी की बाहों में.
000000

महक से
ज़िंदगी में
आज भी
बहार है |

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क्या किन्नरों को सपने देखने का हक है ?
लेकर आई हैं यह दिलचस्प पोस्ट..
- यदि होता किन्नर नरेश मैं, राजमहल में रहता।
सोने का सिंघासन होता , सर पर मुकुट चमकता .......
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आज बस इतना ही-
शेष अगले बुधवार को!

14 टिप्‍पणियां:

  1. .

    उम्दा चर्चा , आपका प्रेसेनटेशन बहुत गजब का है ।
    बेहतरीन लिंक्स के लिए आभार।

    .

    जवाब देंहटाएं
  2. meri anubhutiyon ko yahan sthan dene keliye tahedil se shukriya. beti hoti hin hai aisi ki uske bina sab soona ho jata. any charchaahye bhi padhi bahut achhi prastuti. saabhar.

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सार्थक चर्चा ...कई नए लिंक्स मिले आभार

    जवाब देंहटाएं
  4. अच्छी चर्चा के लिए बधाई |
    आशा

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत ही सुन्दर लिंक्स के साथ सार्थक चर्चा लगाई है काफ़ी लिंक्स पर हो आई हूँ ……………।बहुत बहुत आभार्।

    जवाब देंहटाएं
  6. सार्थक चर्चा नए लिंक्स मिले.

    जवाब देंहटाएं
  7. इस पोस्ट का प्रस्तुतिकरण और लिंक्स का प्लेसमेंट लाजवाब है ।

    जवाब देंहटाएं

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