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आज सबसे पहले देखिए शब्दों के नगीनों से जड़ी!
गुरुदेव पंकज जी के आशीर्वाद से सजी ....
दिगम्बर नासवा जी की एक गजल
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की यह कविता
तुमसे अलग हो आज यह अनुभूति हुई
साँस लेना ही ज़िन्दगी नहीं
किन्तु
जीवन की सार्थकता बनाना
महती उद्देश्य होना चाहिये
सार्थक ?....
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अह देखिए यह मजेदार सटीक कार्टून्स!

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लगे हाथ यहाँ भी नजर डाल लीजिए!
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छेड़छाड़ की समस्या हमारे समाज की एक गम्भीर समस्या है. इसके बारे में बातें बहुत होती हैं,
परन्तु इसके कारणों को लेकर गम्भीर बहस नहीं हुयी है.
अक्सर इसको लेकर महिलाएँ पुरुषों पर दोषारोपण करती रहती हैं और पुरुष सफाई देते रहते हैं,
पर मेरे विचार से बात इससे आगे बढ़नी चाहिये....
आप भी देख लीजिए नारी ब्लॉग पर-
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क्या आपके पास इस प्रश्न का उत्तर है?
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- पत्थर का बाजार गर्म है।पत्थर में धंधे ही धंधे हैं जो अभी भी बेरोजगार हैं,समझ लीजिए, वे अंधे हैं।खबर आपने पढ़ी होगी किपत्थरबाजी के लिए एक दिन के 800 रुपये दिए जा रहे हैं।
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"हाथी पहाड से जा रहे हैं."
हाथी जा रहे हैं, अपने सदियों पुराने परम्परागत अरण्य "दलमा" को छोड़कर...
विराट पहाड़ वाला अपना घर छोड़..
ब्लॉग में आप देखिए कि
क्यों जा रहे होंगे यह तो पोस्ट पढ़ने पर ही पता लगेगा!
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अपनी बेटी के बारे में सोचकर आँखें भर जाती है,
मेरी भी और उसके पापा की भी, जब भी ये गाना हम सुनते हैं...
बाबा की रानी हूँ
बाबा की रानी हूँ
आँखों का पानी हूँ,
बह जाना है जिसे
दो पल कहानी हूँ!
बह जाना है जिसे
दो पल कहानी हूँ!
आप भी पढ़िए जेन्नी शबनम की यह पोस्ट
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यह रचना छोटी भले ही हो मगर
मन पर अपना प्रभाव अवश्य छोड़ती है
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गहरी वेदना छिपी है इस रचना में!
सुनामी की बाहों में .....
.....कोशिश थी मेरी कि बच जाए महल सपनों का पर फूटा ऐसा ज्वालामुखी कि समां गया सुनामी की बाहों में.
.....कोशिश थी मेरी कि बच जाए महल सपनों का पर फूटा ऐसा ज्वालामुखी कि समां गया सुनामी की बाहों में.
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क्या किन्नरों को सपने देखने का हक है ?
लेकर आई हैं यह दिलचस्प पोस्ट..
- यदि होता किन्नर नरेश मैं, राजमहल में रहता।
सोने का सिंघासन होता , सर पर मुकुट चमकता .......
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आज बस इतना ही-
शेष अगले बुधवार को!
nice
ReplyDeleteachhi charcha ... behtreen prastutiyon ko samete... aabhar
ReplyDelete.
ReplyDeleteउम्दा चर्चा , आपका प्रेसेनटेशन बहुत गजब का है ।
बेहतरीन लिंक्स के लिए आभार।
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meri anubhutiyon ko yahan sthan dene keliye tahedil se shukriya. beti hoti hin hai aisi ki uske bina sab soona ho jata. any charchaahye bhi padhi bahut achhi prastuti. saabhar.
ReplyDeleteबहुत सार्थक चर्चा ...कई नए लिंक्स मिले आभार
ReplyDeleteबेहतरीन लिंक्स...आभार.
ReplyDeleteachhi charcha
ReplyDeleteअच्छी चर्चा के लिए बधाई |
ReplyDeleteआशा
sundar charcha!
ReplyDeleteregards,
सुन्दर चर्चा
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर लिंक्स के साथ सार्थक चर्चा लगाई है काफ़ी लिंक्स पर हो आई हूँ ……………।बहुत बहुत आभार्।
ReplyDeleteसार्थक चर्चा नए लिंक्स मिले.
ReplyDeleteअच्छी चर्चा के लिए बधाई
ReplyDeleteइस पोस्ट का प्रस्तुतिकरण और लिंक्स का प्लेसमेंट लाजवाब है ।
ReplyDeletesunder rang-birangi charcha.
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