मैं मनोज कुमार एक बार फिर हाज़िर हूं। कुछ लिंक्स और एक लाइन … बस।
- अच्छा आँखे तेज कर रही है... ------------>बच्चे यह भी जान गये की आँखें तेज करना क्या होता है। जो भी लिख दे कलम दिल से.... पर NK Pandey ---
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हिंदी शोध में स्टालिनवाद ----> शिक्षा क्षेत्र में ‘तानाशाही’ प्रवृत्ति! कलम पर cmpershad ---
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लकवा ---- इलाज यदि साढ़े चार घंटे के अंदर शुरू कर दिया जाए तो उनके ठीक होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। स्वास्थ्य-सबके लिए पर कुमार राधारमण --
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(title unknown) saptak पर mahendra verma --- टाइटिल भी लगाइए – तभी तो जो खोजै सो पावै
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फिर से है ! ---सारे दरवाज़े बन्द मेरी भावनायें... पर रश्मि प्रभा... ---
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बच्चों के पालन पोषण की परंपरागत पद्धतियां ही अधिक अच्छी थी !! ---->ज्योतिषियों और मनोचिकित्सक के पास मरीजों की बढती हुई संख्या इसकी गवाह है। गत्यात्मक चिंतन पर संगीता पुरी
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संसृति के भाव ---->तड़ित वेग से चमक उठे Unmanaa पर Sadhana Vaid
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ब्रह्माण्ड की प्रथम दीपावली ------>.एकदम स्तब्ध कर देने वाली सन्नाटा -... कुहासा - कालिमा - pragyan-vigyan पर Dr.J.P.Tiwari
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बीसीसीआई इतना खेल क्यों कराती है ------>अब इतना खेल होने लगा है कि लोग सिर्फ सुर्खियों को पढना ही दिलचस्पी कहते हैं। Neeraj Express परनीरज तिवारी
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काश ! रात कल ख़त्म न होती... ------>
रात एक ही प्लेट में दोनों / खाना खाकर, सुस्ताये थे.../देर रात तक बिना बात के/ख़ूब हँसे थे, चिल्लाये थे....
आपबीती... by निखिल आनन्द गिरि -
हम तो हैं मुसाफिर.... ------> पीछे क्या छूटा उसे भूल गएजो मेरा मन कहे पर यश(वन्त)
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संरचना! -------->
ग़र फिर धराशायी होगा../तब भी हम/घुटने नहीं टेकेंगे
anupam yatra....ki suruwat... पर अनुपमा पाठक -
घर से ऑफिस के बीच ------>
जाने कितनी चीजें / भूलता है आदमी
ज़िन्दगी…एक खामोश सफ़र पर वन्दना -
संयुक्त परिवार टूटने की वजह ------>अकेले में समझाएं सीधी बात पर प्रज्ञा
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नगर भ्रमण -------> एक छोर से दूसरे छोर पहुँचने में दो घंटे तक का समय लग जाता है।न दैन्यं न पलायनम् पर praveenpandeypp@gmail.com (प्रवीण पाण्डेय)
पांच बता कर पंद्रह पोस्ट दे दिए ....महाराज ! बहुत बहुत आभार !
ReplyDeleteलगता है मेरी गिनती खराब हो गयी...५ हैं या १५...खैर १५ में से १३ तो पढ़ चुका हूँ..बाकी २ भी पढने जा रहा हूँ....बहुत ही अच्छी चर्चा है वैसे...
ReplyDelete१६ वाँ लिंक मैं दिए देता हूँ..
लानत है ऐसे लोगों पर..
बिल्कुल चुने हुए पोस्ट .. वैसे मेरे पोस्ट के लिए आभार .. बहुत अच्छी चर्चा !!
ReplyDelete@ शिवम जी ग़लती बताने के लिए शुक्रिया
ReplyDelete@ शेखर जी
ReplyDelete१६ वां लिंक चर्चाकार के लिए एक लाइना है का (!)? :)
अच्छा मिश्रण था आपकी चर्चा में . एक एक कर के सब पढ़ गया . वैसे भी रविवार का दिन चर्चा पढने के लिए सबसे माकूल होता है .
ReplyDeletesundar charcha!
ReplyDeleteregards,
सुन्दर लिंकों के लिये आभार।
ReplyDeleteये अन्दाज़ भी रास आया……………बहुत सुन्दर चर्चा।
ReplyDeleteSundar charcha hai ...
ReplyDeleteरविवारीय चर्चा अच्छी है...आभार।
ReplyDeleteतीन गुणा पांच
ReplyDeleteत्रिदेव वाद का अनुसरण करती चर्चा असाधारण है
बधाई
प्रिय जब प्रेम कुटी में आना
मनोज कुमार जी.. ! काफी सारे लिंक में गयी हूँ ...अभी देख रही हूँ.. एक दो बाकी है.. पर बहुत सुन्दर लिंक्स है.. इनकी जानकारी के लिए सादर धन्यवाद ..
ReplyDelete:) बढ़िया लिंक्स...
ReplyDeleteआज कल लगता है ऐसी चर्चाओं का ही चलन हो गया है...:)
ReplyDeleteअच्छे लिंक्स मिले.
आभार.
स्वास्थ्य-सबके लिए ब्लॉग की पोस्ट लेने के लिए आभार।
ReplyDeleteचुने हुए लिंक्स ...अच्छी चर्चा ..आभार
ReplyDeleteबहुत अच्छी चर्चा, बहुत बढ़िया लिंक्स देने के लिए घन्यवाद. आभार.
ReplyDeleteसादर
डोरोथी.
चुने हुए बेहतरीन लिंक्स बढ़िया चर्चा आभार.
ReplyDeleteबहुत बेहतरीन रही रविवार की चर्चा!
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