चर्चा मंच में आज प्रस्तुत है-
"शीर्षकों से शायरी"
जब चाँद जमीं पर उतर आया हो नजाकत आ ही जाती है!
.... जो शमशान-यात्रा से हर्षमस्त लौटा ...,
नफासत छा ही जाती है!!
ऐसे करवाचौथ मनाओ :
नवगीतों से गगन गूँजाओ!
बिज़नेस का तगड़ा अनुभव..
अपने जीवन में अपनाओ!!
नींद की हथेली पर एक ख्वाब रख गए थे तुम!
या कि मेरी उम्र का हिसाब रख गए थे तुम!!
ऐसे संयोग सबके जीवन में आते है.. ??
धन्यवाद मिहिर --..शुभकामनाएं
जुग- जुग जिए मेरा पिया ..
जब आत्मिक मिलन हो जाए.!
पथरीली राहों पर जैसे है नंगे पाँव सी जिंदगी !
मझधारों में गोते खाए है एक नाव सी जिंदगी !
हो गया मैं भी लखपति...!
..और भी फिल्में हुई हैं 50 की..!
बधाई तो ले ही लीजिए.
आपकी पोस्ट हैं बहुत काम की!!
हजारों समय काल गये बीत,
तब धरा पर सत्य आया है!
ये कैसा करवाचौथ ...था,
जिसने घिनौना चेहरा दिखाया है!!
"भारतीय संस्कृति की विशेषताओं को"
काला धब्बा लगाया है!
.......बलात्कारी से ज्यादा,
पीड़ित महिला जिम्मेदार !
आपने तो इस रहस्य के प्रति
कर दिया है खबरदार!!
गन्डमूल नक्षत्र तथा उनका,
जीवन पर पडने वाला प्रभाव!
एक थे पंडित हरि किशन,
मगर यह नहीं हैं उनके भाव!!
क्या इस वर्ष आपके सर सेहरा बंधेगा ?? ..
हाथ पीले होंगे ??
सचमुच दूल्हे राजा
बहुत रंगीले होंगे!!
फिर छिड़ी बहस......... -,
महिलाओं की बजाए पुरूष ज़्यादा झूठ बोलते हैं!
कुरआन सब के लिए है,
धर्मग्रंथ हमेशा उन्नति का मार्ग खोलते हैं!!
नारदमुनि जी! एक दिन के महाराज!
50000 किलोमीटर की रेल यात्रा,
परख लिया गाँव, नगर और समाज!
कौन किसको गंगा में फेंक रहा है ,
छींटें और बौछारें!
गाँधी को ले आए अपने गाँव,
वाह ..
जवाब देंहटाएंअलग अंदाज में सुंदर चर्चा !!
वाह! वाह!! वाह!!!
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ... सुंदर और नया अंदाज़!
बहुत खूब ... सुंदर चर्चा
जवाब देंहटाएंकरवा चौथ से सम्बंधित लिंक्स की अच्छी चर्चा ...
जवाब देंहटाएंचर्चा में शामिल किये जाने का आभार ...!
nice
जवाब देंहटाएं.
जवाब देंहटाएंयूँ वक्त नहीं है आजकल किसी के पास
पर हर कोई वक्त को गंगा में फेंक रहा है
और
नारद मुनि जी का व्यंग बहुत बढ़िया लगा।
सुन्दर चर्चा। बहुत सुन्दर मोती पिरोये आपने।
आभार।
..
धन्यवाद शास्त्री जी ... आज मेरी पोस्ट को आप यहाँ लाये... बहुत सुन्दर .. पर सर लिंक के पीछे तो पोस्ट है ही नहीं... ऐसा क्यों हुवा... शास्त्री जी धन्यवाद .. इसे आप ठीक कर देंगे..
जवाब देंहटाएंबडा मस्त अन्दाज़ रहा आज की चर्चा का तो……………मज़ा आ गया………………ये अन्दाज़ भी बहुत भाया।
जवाब देंहटाएंnice style of presentation!!!!
जवाब देंहटाएंregards,
waah !
जवाब देंहटाएंadbhut !
कोई पोस्ट ही नहीं लगाई थी
जवाब देंहटाएंतो जिक्र कहां से होता
सबका जिक्र ही बना मेरे लिए
मन की अपार खुशियों का सोता।
हिन्दी ब्लॉगिंग खुशियों का फैलाव है
बहुत खूब.
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा की आपने...
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छे लिंक दिए...आभार !!!
@डॉ. नूतन गैरौला जी!
जवाब देंहटाएंआपका लिंक तो है!
--
*मुझे एक लतीफा सुनाया है!!
ये कैसा करवाचौथ था,
जिसने घिनौना चेहरा दिखाया है!!
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पूरी पोस्ट तो लोग आपके ब्लॉग पर ही जाकर पढ़ेगे!
डॉ. नूतन जी!
जवाब देंहटाएंआज की चर्चा में जहाँ आपकी पोस्ट लिखी है,
उस पर क्लिक कीजिए ना!
आपकी पोस्ट खुल जायेगी!
Sameer Lal मुझे
जवाब देंहटाएंविवरण दिखाएँ ६:४५ अपराह्न (1 घंटे पहले)
http://charchamanch.blogspot.com/2010/10/blog-post_26.html#comments
इस पर कमेंट नहीं जा रहा, आप लगा दिजिये:
’ ये भी खूब जमा अंदाज चर्चा का शास्त्री जी, आनन्द आ गया’
बढिया चर्चा!
जवाब देंहटाएंmeri post ko charcha manch me shamil karne ke liye Shastri ji dhanyvaad..
जवाब देंहटाएंअलग अंदाज़ की चर्चा ....अच्छी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंवाह वाह गुरु का बताएं जमा दियें हैं आप तो ...
जवाब देंहटाएंधन्यवाद........
http://nithallekimazlis.blogspot.com/