ज्ञान दर्पण में
ना मौतने रुलाया रुलाया तो ज़िन्दगीने मारा भी उसीने..
मिसफिट:सीधीबात पर पढ़िए-
विषय पर ब्लॉगिंग के पुरोधाओं के विचार
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लो क सं घ र्ष पर छपी है इस पुस्तक की समीक्षा-
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संवेदना संसार में
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नगरी-नगरी द्वारे-द्वारे में लाए हैं
श्रीमती रजनी मोरवाल की यह रचना-
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*आचार्य परशुराम राय* जी का
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आप बी गुनगुनाइए न!
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दीपक मशाल जी कह रहे हैं-
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मानो परिंदे निकले हैं तिनको कि तलाश में
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जाने-माने ब्लॉगर --- ललित शर्मा बता रहे हैं-
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पता नही क्या हो रहा था?
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- *उजाले आजकल तुम* *कहां खो गये हो*
*मुंह छुपा कर अपना* *किन वादियों में सो गये हो।
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कार्टून कुछ बोलता है- नए सीवीसी की तलाश जारी है !!कार्टून: मनमोहन सिंह ...रन आउट !!!!!![]() Cartoon by Kirtish Bhatt (www.bamulahija.com)
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दौरे-हाज़िर को मेरे यार तमाशा न समझ. ..........
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- आगत की आशंका जब मन में छिपा हुआ सत्य अप्रत्याशित रूप से सामने आ जाता है, तब न कुछ बोलते बनता है और न कहीं देखते बनता है। बस अपनी चोरी पर मुस्करा कर.........
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- .......घटनाएं होती हैं...खबर बनती हैं .........
ख़बरें छपती हैं.....ख़बरें पढ़ी जाती हैं....
खबर देखी जाती हैं...ख़बरें अंततः बीत जाती हैं......
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Saturday, March 12, 2011
"बंदे बस बंदगी की रवायत में मिला करते हैं" (चर्चा मंच-453)
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अच्छे लिंक हैं, आभार!
ReplyDeleteबढ़िया लिंक मिल गये....
ReplyDeleteबढ़िया लिनक्स मिले ...सुंदर चर्चा .....धन्यवाद आपका
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर लिनक्स से भरपूर चर्चा.आभार..
ReplyDeleteअच्छी लिंक्स के लिए आभार
ReplyDeleteआशा
मेरी कविता चर्चा मंच पर लेने के लिए आभार -
ReplyDeleteबहुत बढ़िया लिंक्स हैं ..!
bahut sarthak charcha .meree rachna ''jinke maa nahi hoti '' ko charcha me sthan dene ke liye hardik dhanywad .
ReplyDeleteसुन्दर चर्चाएँ .
ReplyDeleteमुझे स्थान दिया,आभारी हूँ.
सुन्दर चर्चा के लिए आभार शाश्त्री जी !
ReplyDeleteविस्तृत चर्चा ..
ReplyDeleteचर्चा में शामिल किये जाने का बहुत आभार !
उत्तम लिंक चयन... आभार !
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर लिंक्स संजोये है……………और काफ़ी शानदार चर्चा की है……………आभार्।
ReplyDeleteविस्तृत और सुन्दर चर्चा ....आभार
ReplyDeleteआज सत्यम जी यात्रा पर है.. सुखद यात्रा .. शास्त्री जी आपने बहुत सुन्दर चर्चा की ..
ReplyDeleteसभी लिनक्स बहुत अच्छे हैं ..ज्ञानवर्धक
ReplyDeleteachche-achche links padhne ko mile.
ReplyDeletedhanybad.
उत्तम लिंक का संयोजन।
ReplyDeleteबहुत उम्दा चर्चा
ReplyDeleteआभार भी स्वीकारिये
ReplyDeleteचर्चा मंच पर मंथन के लिए साहित्य की लगभग प्रत्येक विधा की मौजूदगी प्रसन्नता दायक है। आपका परिश्रम सहज रूप से झलकता है और नव लेखन के लिए प्रेरित भी करता है। साधुवाद ।
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