देवदत्त "प्रसून"
होली आयी है
आओ खेले फाग, होली आयी है।
गायें मीठे राग, होली आयी है।।..
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*देसिल बयना – 72* *माल महाराज के मिर्ज़ा खेले होली* करण समस्तीपुरी *सा...रा...रा....रा....रा...... * *हाय जोगीजी.... सा......रा.....रा.....रा.....
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भ्रष्टाचार और महंगाई का तांडव खुद ही निपट जाती सरकार
जो पढ़ना चाहेंजहां जाना चाहें जायें क्लिक् करें और पढ़ लें...
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*मन मयूर अभी तक नाचा ही नहीं कोई चाहत कोठे चढ़ी ही नहीं कोई रंग मन को भाया ही नहीं उमंग दिल में कोई उठी ही नहीं सागर ने कोई तटबंध तोडा ही नहीं .. ======== |
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मित्रों दो लिंकों को जोड़कर बनी यह रचना देखिए!
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*घरोंदे बना -बना कर मिटाते रहे* *ख़त लिख-लिख कर जलाते रहे * *जाने क्या बैर था हमें अपने दिल से * *ओरो के लिए जिसको दुखाते रहे !!* |
मौत की नींद सुलाया होगा किन्तु न जाने कितने लोगों को जीवन व रिश्तों के बीच में से एक चुनने को मजबूर किया है... |
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22 मार्च 1931 साथियों , स्वाभाविक हैं की जीने की इच्छा मुझमे भी होनी चाहिए, मैं इसे छिपाना नहीं चाहता |लेकिन मैं एक शर्त पर जिन्दा रह सकता हूँ कि मैं क़ैद... |
टिप्पणीपुराण और विवाह व्यवहार में- भाव, अभाव व प्रभाव की समानता
विनय प्रजापति बता रहे हैं!
ज्ञान दर्पण में रतन सिंह शेखावत बता रहे हैं-
*सीधी सादी गाय* *सुन्दर प्यारी गाय* *मेरे दरवाजे पर देखो* *बंधी हुई है गाय।* *रोज सुबह उठते ही* *मुझसे चारा मांगे* *हरी घास और भूंसा* *खाती मेरी गाय।* |
अंतर्मंथन पर डॉ. टी.एस.दराल ने
लगाई है यह मार्मिक रचना!
श्रीमती वन्दना गुप्ता ने प्रस्तुत किया है-" |
श्रीमती रंजू भाटिया बता रही हैं कि - |
क्या चीखने से ?
या आंसू बहाने से ?
या हर दिन उसे कहानी की तरह सुनाने से ? ...
दर्द होता क्या है ?...
बबली (उर्मी चक्रवर्ती) ने लिखा है-
यह मुक्तक!
हर आहट एहसास हमारा दिलाएगी,
हर हवा ख़ुशबू हमारी लाएगी,
हम प्यार इस तरह निभाएँगे दिलबर,
हम न होंगे और हमारी याद तुम्हें सताएगी ..
और माधव की तो छुट्टियाँ पड़ गईं है |
कितने स्वर्ग, विदा हो गये मेरे आंगन के साये--- से
वो,फुदकती गुगुलियां वो,कौवों की पांत मुडेरों पर ...
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डॉ. हरदीप संधु कह रहीं हैं-
सत्येन्द्र झा अमीर बाप की बेटी एक गरीब के साथ भाग जाती है। सिनेमा-हाल तालियों की गरगराहट से गूंज जाता है। जमींदार साहब के तेजोमय मुखमण्डल पर... |
बोर्ड परीक्षाएं चल रही हैं पर कुछ याद नहीं रहता।
अगला पढ़ो तो लगता है कि पीछे का सब भूल गए।
कुछ पेपर में तो बीच का समय भी बहुत कम है। ...
होली का त्यौहार आपके जीवन में नए रंग लेकर आये,
आपको अपनों का प्यार मिले, ऐसी मेरी ईश्वर से कामना हैं।
इस पावन पर्व पर आपको अग्रिम शुभकामनाएं ।
सुरेन्द्र सिंह झंझट के झटके में लाए है-
नव गीत
आने को आया है मौसम मनभावन
आग राग गाती हैं मौसमी बहारें
सूखे जले पत्तों को बुहारतीं बयारें |
गालों पर फागुन है आँखों में सावन ...
Arvind Mishra | आखिर एक सुन्दरी ने एक बिचारे भोले भाले सांप की जान ले ही ली ...खबर तेल अबीव से है जहां एक माडल ने सांप के साथ अपने फोटो सेशन में सांप से इतनी नजदीकियां बढ़ा लीं कि उसने उसके वक्ष पर ही अपने दांत गड़ा दिए ....अब एक साँप को प्यार प्रगट करने का यही तरीका रास आया ..हाँ बोआ प्रजाति का सांप जहरीला नहीं होता नहीं तो माडल के लिए यह मौत का चुम्बन साबित . |
: ''अपनी माटी'' वेबपत्रिका सम्पादन मंडल | माणिकनामा
तुम अब नया विचार दो कि सच को अब हम सपाट लिखें
धुंधला रहे इस वितान को यूं मिलके साफ़-साफ़ लिखें
SHANTANU SANYAL | अग्निशिखा न जाने कौन थे वो लोग जो पत्थरों में आग से लिख गए अनगिनत जिवंत कविताएं आज भी पठारों में खिलते हैं झरबेरी हल्की बूंदों से भी भरती हैं मृत मरू सरिताएं जाने क्या बात थी उनमें की गूंजती हैं आवाज़ें, मंदिर कलश को छुएं अतृप्त भावनाएं कुछ तो रहस्य था उनकी इस आत्मीयता में वो हर पल हर डगर उम्मीदों की अलख जगाएं नदी घाटों में वृन्द आरती गढ़े ... |
udaya veer singh | उन्नयन (UNNAYANA) सम्मान का ,सम्मान देने वालों , सम्मान करते हैं , सहा है दर्द बहुत , देने वालों का एहतराम करते हैं -- |
: "पलाश" | : palash "पलाश"
आज इस बात से कोई भी इंकार नही कर सकता कि वह पालीथिन का रोज प्रयोग नही करता (मैं भी करती हूँ)। आज इस पालीथिन ने हमारी जिन्दगी मे अपनी अहम जगह बना ली है । यह जानते हुये भी कि यह हानिकारक है, हम बडी सहजता से इसका प्रयोग करते हैं । प्राकृतिक विपदायें हमारी किसी एक या दो दिन की भूल का परिणाम नही होती, बरसों बरस तक प्रकति चुप चाप सब सहन करती है , और ..
अन्त में देखिए-
यह पोस्ट और दो कार्टून
यह पोस्ट और दो कार्टून
गुलाबअलग अलग रंग औरगंध लिएभिन्न भिन्न क्यारियों औरजलवायु सेचले आते हैंफूलों की मण्डी में... |
कार्टूनिस्ट इरफान ITNI SI BAAT पर लेकर आये हैं-
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नेट पर कम आने के अवसरों के चलते चर्चा मंच की महत्त मेरे लिए कहीं ज़्यादा हो जाती है. कई रोचक लिंक व कार्टून को स्थान देने के लिए आभार.
जवाब देंहटाएंBeautiful Charcha with great links.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर , उपयोगी और विस्तृत चर्चा ...
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर चर्चा आज की...होली के रंग में रंगी हुई।
जवाब देंहटाएंहोली के अवसर पर हार्दिक शुभ कामनाएं |अच्छी लिंक्स के लिए आभार
जवाब देंहटाएंआशा
होली की आप सभी को बहुत बहुत शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को आपने मंच पर लिया , धन्यवाद ।
बहुत ही शानदार लिंक्स संजोये हैं…………होली के रंगों से सजी एक बेहद उत्तम चर्चा के लिये आभार्।
जवाब देंहटाएंआपको भी होली की हार्दिक शुभकामनायें।
विस्तृत चर्चा ...
जवाब देंहटाएंholi hai bahi holi hai.
जवाब देंहटाएंcharcha ke bahane aapne chhodi rangon ki goli hai-
bahut sundar rangon se sarabor charcha.mere aalekh"aya yahi aaj ke samachar hain?"lene ke liye aabhar....
link ko prastut karne ka tarika accha laga evm jakhira ko sthan dene ke liye dhanywad
जवाब देंहटाएंशुक्रिया...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा ...लिंक्स भी बहुत सुन्दर...
जवाब देंहटाएंshaandar aur upyogi charcha. meri rachna ko sammann dene ke liye dhanywad.
जवाब देंहटाएंमेरे 'नव गीत ' को आपने चर्चामंच में स्थान दिया .......बहुत-बहुत आभार |
जवाब देंहटाएंआप सब को होली की हार्दिक शुभकामनायें ....