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शनिवार, मार्च 26, 2011

"केवल सूचना के लिये-आज की फटाफट चर्चा" "चर्चा मंच-466"

आज शनिवार है! 
आज की चर्चा इं. सत्यम् शिवम् को लगानी थी! 
अचानक मेरी नजर फेस बुक से आये सन्देश पर गई तो पता लगा
कि वो आज चर्चा नहीं लगा पायेंगे।
अगले शनिवार तर वह बंगलुरू से लौट आयेंगे! 

सभी सदस्यों और पाठको से आग्रह हैं की अपने ब्लॉग के कंटेंट को सुरक्षित कर ले । आज कल गूगल ब्लागस्पाट के ब्लॉग स्वतः डिलीट हो रहे हैं या खो रहे हैं । अभी तो शिकायत करने पर गूगल खोज देता हैं पर कभी ना मिला तो मुश्किल भी हो सकती हैं
 मनोज कुमार जी ने प्रस्तुत किया है एक *व्यंग्य***
खुशदीप  सहगल बता रहे हैं-


 मेरी छत पर आकर सूरज , क्यों जल्दी ढल जाता है ?
* *ठिठुरते हुए पंछी * 
*टहनियो से मूँह निकाल * 
*झांकती बसंती कूप * * * 
*मदमस्त हवा के * 
*सुरूर से चलो* 
*टकरा लिया जाय* 
पर पढ़िए यह आलेख-
 नया VLC media player मुफ्त में
१ हृदय की कथा नयन कह भी न पाये , 
रहे छलछलाए , व्यथा सह न पाये , 
हुई मूक वाणी विदा के क्षणों में , 
वे रुक ना सके , पैर बढ़ भी न पाये !  
 
माटी से दीपक बनाया 
अग्नि से उसे पकाया 
सुन्दर दिखे इस प्रयास में 
कई रंगों से उसे सजाया | 
वर्ल्डकप क्वार्टर फ़ाइनल में भारत की जीत की बधाई और शुभकामनायें.
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माँ पर तीन कविताएँ
baabusha | Source: कुछ पन्ने .. 

14 टिप्‍पणियां:

  1. अच्छे लिनक्स मिले ...सुंदर चर्चा ...मुझे
    जगह देने का आभार

    जवाब देंहटाएं
  2. यह फ़टाफ़ट चर्चा तो बहुत सारे लिंक्स समेटे हुए है ..जाते हैं अब धीरे धीरे ... आभार

    जवाब देंहटाएं
  3. फ़टाफ़ट चर्चा भी बहुत बढिया रही………………सुन्दर लिंको से सजी सुन्दर चर्चा…………आभार्।

    जवाब देंहटाएं
  4. अच्छे लिंक्स से सुसज्जित चर्चा । आभार...

    जवाब देंहटाएं
  5. फटाफट लिंक्स भी गज़ब हैं. जाना पड़ेगा फटाफट अब. कार्टून भी बढ़िया हैं .

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत ही अच्‍छी चर्चा और लिंक ...आभार इस बेहतरीन प्रस्‍तुति के लिये ।

    जवाब देंहटाएं
  7. आज की फटाफट चर्चा में भी कुछ बात है. धन्यवाद.

    जवाब देंहटाएं
  8. फटाफट चर्चा -
    बहुत बढ़िया चर्चा है -
    बहुत अछे लिनक्स हैं और कार्टून भी बढ़िया हैं -
    मुझे इस चर्चा में शामिल करने के लिए बहुत बहुत आभार आपका -

    जवाब देंहटाएं
  9. आभार इस चर्चा के लिए , अच्छे लिनक्स मिले .

    जवाब देंहटाएं
  10. शास्त्रीय संगीत जैसा आनंद देने वाली चर्चा के लिेए आभार...

    जय हिंद...

    जवाब देंहटाएं

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