आज बुधवार है! होली बीत गई है मगर नेट आँखमिचौली खेल रहा है! देखता हूँ कि यह अंक प्रकाशित होता भी है या नहीं! नेट की समस्या के कारण कल भरपूर टिप्पणियाँ भी नहीं दे पाया था! आज सबसे पहले देखिए- |
अब देखिए
ताऊ डाट इन में-
ब्लाग भौजी सुंदरी प्रतियोगिता - 2011 शुरू हो गई है-
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पिछले दिनों वन्दना जी का ईमेल आया
कि देर से इत्तला करने की माफी
और जल्दी से जल्दी अपनी कोई ऐसी बेवकूफी का प्रसंग भज दें,
जो यादगार बन गई हो
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काव्य मंजूषा में पढ़िए यह शानदार ग़ज़ल-
बोल मेरी ज़िन्दगी, क्यूँ इतनी तू बेज़ार है
चल रही साँस पर, लग रही तलवार है
बिक रहे हैं लोग यहाँ, सुबहो-शाम
हर तरफ ये जन्नते-आदम नहीं, बस चोर-बाज़ार है
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hindi sahitya paheli में-
- *प्रिय चिट्ठाकारों * * इस बार का प्रश्न है बहुत ही आसान -* *''प्रेमचंद जी की प्रसिद्ध कहानी 'मन्त्र' का एक प्रमुख पात्र डॉ. चड्ढा किस खेल का शौक़ीन थे...
मुझे तो पता है मगर मैं इसका उत्तर यहाँ नहीं दूँगा!
आप सीधे पहेली पर जाएँ और-
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मुझे भी अपना बना लेना
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तुमसे प्यार करना चाहती हूँ मैं ।
सुषमा " आहुति "
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मुझे भी अपना बना लेना
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तुमसे प्यार करना चाहती हूँ मैं ।
सुषमा " आहुति "
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*बचपन में शायद हम सभी ने एक चित्र जरूर बनाया होगा जिसमें होता था - पहाड़ों के पार्श्व से उदित होता सूर्य, बहती हुई नदी, नदी में नाव... |
** ई-मेल से एक फोटो मुझे मिली...देखी तो मैं हैरान रह गया...
ई-मेल में दी गई जानकारी के मुताबिक ये फोटो 1918 में खींची गई थी...
इस अद्भुत फोटो को हाल ही में ...
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ड्यूल कोर प्रोसेसर और 2 जीबी रैम होने के बाद भी आपका पीसी बूटअप होने मे 60 सेकेंड से ज्यादा का टाइम लेता है तो ये समस्या अक्सर टेंप फाइल्सश् वायरस एक्टीव...
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होली पर कविता हंसी की लिखूं जरा न गंभीर दिखूं
होली है तो हंसना जरूरी है
होली है तो रंग हो रंग को खून तो होने दूं पर उसे पानी की तरह न बहने दूं।
आज मुझे फिर तेरी याद आई ,
दिल में बस तुम ही तुम समाई !
जिधर देखूं आये नज़र तेरी ही परछाई ,
इश्क में हमने ये कैसी सजा पायी !
आज मुझे फिर तेरी याद..... आई
हेमकुंड वासी,दुष्ट दमन सर्वस्व दानी श्री गुरु गोविन्दसिंह जी को समर्पित---! ---------------- |
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नज़रें मिलाकर नज़रें मत चुरा लेना,
प्यार करके हमें यूँ न भुला देना,
हम रहेंगे तुम्हारे न बेगाना समझना,
तुमसे दूर रहने की सज़ा हमें न देना !
ये अभिलाषाएं कभी भी सुप्त नहीं होती
नदियां सूखी हों कितनी भी विलुप्त नहीं होती
इनके पत्थरों पर जमी काई सूखकर
हरी से सफेद जरूर हो जाती है .....
बहुत दिन हुए
तुम नही उतरे मेरे धरातल पर
देखो तुम्हारे इंतज़ार मे मौसम भी ठहर गया है
मधुमास अभी बीता नही है
पनघट अभी रीता नही है
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अपने बारे में कहना कुछ लोगों के लिए बहुत आसान । तो कुछ के लिए बहुत मुश्किल । और मेरे लिए तो नामुमकिन । फिर भी कुछ तो लिखना ही पड़ेगा । तो सुनिए... |
23 मार्च शहीद भगत सिंहए सुखदेव और राजगुरु का शहादत दिवस है। इन तीन नौजवान क्रांतिकारियों को अंग्रेजों ने फांसी दी थी...
सत्येन्द्र झा साइकिल कार से सट गयी थी।
कार को तो कुछ नहीं हुआ मगर साइकिल के परखच्चे उड़ गए थे।
साइकिल की यह पहली गलती थी कि उसे...
*सब से * *बुद्धिमान हो तुम * *सब से ज्यादा * *आता तुम्हें * *सारी अच्छाई * *तुम में है * *सब से श्रेष्ठ हो तुम* |
*उन्होंने शुरू किया * *अपना टेक्नीकल भाषण *
*और समझाने लगे *
*परमाणु ऊर्जा का महत्त्व* *सारे नेता होने लगे*
*झपकी लेने में व्यस्त* *जैसे - जैसे विषय गहराने ...
------------------ जमघट है आज ...... शब्दों का * *किसे उठाऊ किसको छोड़ू* *लेखन के इस मेले में * *नहीं छूटता मोह लेखनी का ...* *कर्म स्थली बुला रही है * |
अन्त में देखिए-
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Kirtish Bhatt, Cartoonist |
बेहतरीन लिंक्स मिले..आभार.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर लिंक्स पढ़ने को मिले. मुझे स्थान दिया ,आभारी हूँ.
जवाब देंहटाएंshastri ji... net kee asuvidhaa ke baad bhi aapne itne l;inks diye hai...aur sajavat bhi sundar... links me shaam tak jauni... is sundar post ke liye aabhaar ..
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर और सुव्यवस्थित चर्चा...सभी लिंक्स एक से बढ़कर एक.....धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और विस्तृत चर्चा मंच सजाया है…………काफ़ी शानदार लिंक्स लगाये हैं…………आभार्।
जवाब देंहटाएंशहीद भगत सिंह को हमारा कोटि कोटि नमन्……………और इसके सिवाय हम कुछ कर भी नही सकते।
२२ तारिक को आपने मेरी रचना को यहाँ लिया ...धन्यवाद
जवाब देंहटाएंमैंने आज बहुत सरे लोगो को पढ़ा आपके द्वारा दी हुई लिंक से ...
शुभकामनाओ सहित
मंजुला
विस्तृत और उपयोगी चर्चा ...काफी लिंक्स मिले ..आभार
जवाब देंहटाएं* इस नाचीज का लिंक दे किया बहुत उपकार।
जवाब देंहटाएंबस दो शब्द हैं आपको धन्यवाद आभार॥
* तरह - तरह की पोस्ट की खुले यहाँ से राह।
ब्लॉगजगत की नदिया में उभरे नवल प्रवाह॥
charcha manch par meri rachna ko samman dene ke liye abhari hun.
जवाब देंहटाएंupyogi links mile.
बहुत सी लिंक्स और कई आयांम लिए मन भावन चर्चा |मेरी रचना सम्मिलित करने के लिए आभार |
जवाब देंहटाएंआशा