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गुरुवार, मार्च 03, 2011

खज़ाना है आज तो लूट सको तो लूट लो…………………चर्चा मंच ………

 दोस्तों

महाशिवरात्रि के पावन  अवसर पर सबसे पहले कुछ पोस्ट 

महादेव को समर्पित हैं ....................उसके बाद आ जाइये 

अपने रोज की दिनचर्या पर ...............मगर यहाँ भी आज 

काफी कुछ नया है ...........देखिये ब्लोगिंग कैसे नए मुकाम 

बना रही है ..............न सिर्फ देश में बल्कि विदेशों में भी

हिंदी ब्लोगिंग अपना स्थान बना रही है जो हम सब ब्लोगर

के लिए बहुत ही गर्व और सम्मान की बात है.

तो चलिए ..........ब्लोगिंग की दुनिया में 

चर्चा मंच के संग  

 




हर हर महादेव 
एक अनुभव 

 शिवरात्रि को सार्थक कर दिया 


ब्लोगिंग को सार्थक करता एक ब्लॉग

जो सबके दिलों की धड़कन है 

 

गर्व की बात है 


बस तुम नहीं हो 
कैसे?
खुद ही पढ़िए 

कब रुकता है 
 ओये-होए 

 क्या बात है ताऊ
ताव दे ले मूंछों पर
कौन ?
जरूर मिलेगा 
किससे?

 हाय मेरा दिल 

तेरी भी वही कहानी 
 
स्वागत है 

क्या हुआ?

कैसा?
और खुद से मिलना 



अनवरत 
 चलते रहो 

 देख यही तेरा अंजाम होगा 

आईने में खुद को देख लो 
एक तलाश 
जिसमे तुम थे और मैं 


पालनहार  




कौन है?

तो दोस्तों ..........कैसी रही आज की चर्चा 
बताइयेगा जरूर ...........हम इंतज़ार कर 
रहे हैं

31 टिप्‍पणियां:

  1. Bhut hi sundar charcha hai aaj ki..shivratri ke agle din bhore me bade hi manohari linkso ka darshan hua...dhanyawaad.

    जवाब देंहटाएं
  2. बढ़िया लिंक्स..सुन्दर चर्चा...
    मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  3. अच्छी प्रस्तुति वंदना जी ! हार्दिक शुभकामनायें !

    जवाब देंहटाएं
  4. बढ़िया लिंक्स सुन्दर चर्चा.............
    मेरी पोस्ट (अब आएगा कमेंट्स देने का मजा कमेंट्स दे नए स्टाइल में) को शामिल करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  5. अच्छी प्रस्तुति ...
    महाशिवरात्रि की बहुत शुभकामनायें !

    जवाब देंहटाएं
  6. बेहतरीन लिंक्स मिले पढने के लिए.... धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत ही रंग बिरंगी चर्चा है । क्या बात है वन्दना दी ? जैसे जैसे होली नजदीक आती जा रही है चर्चा मँच नये नये रंगोँ से सजता जा रहा है । आज की चर्चा दिल को छू गई । महाशिवरात्रि की शुभकामनायेँ ।

    जवाब देंहटाएं
  8. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत ही रंग बिरंगी चर्चा है । क्या बात है वन्दना दी ? जैसे जैसे होली नजदीक आती जा रही है चर्चा मँच नये नये रंगोँ से सजता जा रहा है । आज की चर्चा दिल को छू गई । महाशिवरात्रि की शुभकामनायेँ ।

    " इक दिल के उसने हजार टुकड़े किये.........गजल "

    जवाब देंहटाएं
  10. :tc
    बहुत सुन्दर चर्चा!
    हर-हर महादेव!
    सभी उपयोगी लिंकों का चयन है आज की चर्चा में!

    जवाब देंहटाएं
  11. अच्छी चर्चा और लिंक्स |
    धन्यवाद

    आशा

    जवाब देंहटाएं
  12. ब्लाग्स पर इतनी ढेर सारी सामग्री पढ़ना और उनमे से उपयुक्त विषयों को सिलसिलेवार संजो कर लिंक्स देना भी वाकई काफी धैर्य ,मनोयोग और परिश्रम का कार्य है. यह भी अपने आप में एक कला है. इस बार के चर्चामंच पर भी विषय वस्तु के चयन में आपकी यह मेहनत साफ़ झलक रही है. आभार .

    जवाब देंहटाएं
  13. आपने मेरी कहानी को चर्चा मंच पर स्थान दिया इसके लिए धन्यवाद। खास यह कि चर्चा मंच ने मेरी कहानी के साथ टैग लगाया है प्रेम की अजब दास्तां...बहुत अच्छा लगा।

    साथ ही चर्चा मंच के माध्यम से हम जैसे ब्लॉग के भूखों को एक जगह अच्छी खुराक उपलब्ध कराने के लिए साधुबाद।

    जवाब देंहटाएं
  14. बहुत सार्थक व सुन्दर लिंक्स चयन
    बढ़िया रही चर्चा ... बधाई
    क्रिएटिव मंच की पोस्ट को
    शामिल करने के लिए आभार

    जवाब देंहटाएं
  15. सार्थक एवं सुंदर लिंक देने के लिए धन्यवाद और वंदना जी के श्रम को नमन। मेरे चिट्ठे की कड़ी को स्थान देने के लिए आभार।

    जवाब देंहटाएं
  16. बढ़िया लिंक्स,सुन्दर चर्चा वंदना जी !

    जवाब देंहटाएं
  17. वंदना जी महाशिवरात्रि पर आप आस्तिक के साथ नास्तिक को भी लाईं हांलांकि नास्तिक ब्लॉग पर टिप्पणि की भाषा संयत नहीं है बहरहाल आपके आज के चर्चा मंच में रंगबिरंगे फूलों का गुलदस्ता है भक्ति के सागर से लेकर कविताएं ,जीवन की रोज की किचकिच ,और भी बहुत कुछ ।वंदना जी आपकी जितनी तारीफ की जाए कम है। आप इतना समय निकाल पाती हैं और चुन चुन कर ब्लॉग सजा देती हैं । राजीव तनेजा जी के साथ ढ़ाका चलेंगी क्या ?

    जवाब देंहटाएं
  18. फागुन का रंग जैसे अभी से खिल आया रंग विरंगी चर्चा के लिए आभार.

    जवाब देंहटाएं
  19. हिन्दी ब्लॉगिंग हेतु आप सबकी निस्वार्थ सेवा स्तुत्य है।आपके हौसले को सलाम।

    जवाब देंहटाएं
  20. सर्जना जी आपने लिखा नास्तिक को......सर्जना जी नास्तिक क्या है उसमें भी तो आस्तिक छुपा है-- न आस्तिक
    आदरणीय भवानी प्रसाद मिश्र ने लिखा था
    आराम शब्द में राम छिपा जो भव बन्धन को खोता है
    आराम शब्द का ज्ञाता तो विरला योगी होता है

    जवाब देंहटाएं
  21. बढ़िया प्रस्तुति वंदना जी ! हार्दिक आभार....

    जवाब देंहटाएं
  22. श्याम सखा जी , आप जो कह रहे हैं वो भी चीक है मरा भी राम बन जाता है । लेकिन जिन भाई साहब ने सदा सिऴ के विरोध में लिखा है पहले उन्हें अपनी संस्कृति का अध्ययन करना होगा

    जवाब देंहटाएं
  23. वंदना जी 'कैलास से धरती तक' को चर्चा मंच पर लाने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद महादेव पर अन्य ओरीजनल वंदनाएं बहुत अच्छी लगीं

    जवाब देंहटाएं
  24. बहुत अच्छी लगी आज की चर्चा.
    मेरी पोस्ट को स्थान देने के लिए तहे दिल से शुक्रिया.

    सादर

    जवाब देंहटाएं
  25. बहुत बढ़िया चर्चा ...... मेरे आलेख को चर्चा में शामिल करने लिए आभारी हूँ..... बच्चों की परीक्षाएं चलने से ब्लॉग पर समय नहीं दे पा रही हूँ इसलिए ब्लॉग पर अपनी बात को आलेख के माध्यम से पोस्ट किया... मैं बचपन से ही महाशिवरात्रि का यह व्रत करती आयी हूँ ..शिव मेरे आराध्य हैं ..इसलिए जब कभी मैं धर्म के नाम पर आडम्बर देखती हूँ तो मेरा मन खिन्न हो उठता है, इसी को मैंने अपने ब्लॉग पर लिखा आप लोगों को अच्छा लगा.. इसके लिए आपकी आभारी हूँ .....सादर

    जवाब देंहटाएं
  26. आकर्षक अंदाज से सजाई गयी चर्चा ...मेरी रचना को शामिल करने के लिए आपका आभार ...!

    जवाब देंहटाएं
  27. इस बेहतरीन चर्चा के लिए आभार वंदना जी ।

    जवाब देंहटाएं
  28. मैं समय पर ना आ सकी ... मेरे लिए खजाने में कीच बचा भी है क्या... :)) बहुत सुंदर चर्चा .. आभार

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  29. सच मे बहुत ही सुन्दर ब्लॉग है.
    और तमाम अच्छे-अच्छे रचनाकारों को इक़ जगह ला 'पढ़ाने' की ये नायाब कोशिश काबिले-तारीफ़ है.
    मेरी रचना को यहाँ प्रस्तुत करने के लिए तहे-दिल से आभार व शुभकामनाएं.
    -
    व्यस्त हूँ इन दिनों

    जवाब देंहटाएं

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