आज की चर्चा में आप सबका स्वागत है
चर्चा आरम्भ करने से पूर्व क्रिकेट प्रेमियों के लिए समाचार .
खेल पत्रकार शैलेन्द्र जी ने हिंदी में क्रिकेट से जुडी बेवसाईट लांच की है . अब क्रिकेट स्कोर , क्रिकेट से जुड़े समाचार ,क्रिकेट पर लेख और इस खेल से जुडी रोचक घटनाओं की जानकारी आप एक साथ क्रिकेट कंट्री पर देख सकते हैं .
अब आगे बढ़ते हैं चर्चा की और
सबसे पहले बात करते हैं गद्य रचनाओं की
गद्य में लघु कथा वर्तमान काल की प्रमुख विधा है दोहे की तरह बड़ी मारक क्षमता है इस विधा में . तो चलिए मिलते हैं कुछ लघुकथाकारों से उनकी लघुकथाओं के माध्यम से
- सबसे पहले बात करते है लघुकथा विधा के प्रमुख हस्ताक्षर प्रो. रूप देवगुण की . पढ़िए इनकी चार लघुकथाएं
- एक युवा हस्ताक्षर की नजर से देखिए हैसियत वाले भिखारी को
- दो लघुकथाएं यहाँ भी
गद्य में डायरी लेखन , संस्मरण , जीवन अनुभव ,विचार विमर्श ब्लॉग जगत के प्रिय विषय हैं .आइए देखते हैं कुछ ऐसी ही रचनाओं को -
- सबसे पहले ढूंढिए डॉ. दिव्या ( ZEAL ) के प्रश्नों के उत्तर
- अब आगे देखते हैं सुशील बाकलीवाल के नजरिये को .
- लगे हाथ रश्मि जी का आत्म-चिन्तन भी देख लिया जाए .
- कालेज के दिनों को याद कर रहे हैं केवल राम पढ़िए जो आज़ भी याद है वर्षों बाद
- गाँधी और गांधीवाद पर विचार प्रस्तुत कर रहे हैं मनोज जी
- IIT&IIM पर पर्यावरणमंत्री जयराम रमेश का बयान और प्रतिक्रिया को पेश कर रहे हैं प्रवीन शाह
जब लिखने की बात होती है तब कविता सबसे पहले आती है . दुःख में , सुख में , मिलन में , जुदाई में कविता का जन्म अपने आप ही होता है .भावों से विह्वल हो ब्लोगर बन्धु भी अनेक कविताओं , छंदों का सृजन कर रहे हैं . आइए नजर डालते हैं इनकी पद्य रचनाओं पर .
- सबसे पहले पढ़ते हैं मेरी बिटिया जब आई तो
- जब बात बिटिया की चल ही पड़ी तो बिटिया की जिद्द भी देखते चलें .
- बिटिया का पापा से प्यार भी न्यारा ही होता है ,अपने पापा को याद कर रही है पापा की प्यारी बिटिया वीणा श्रीवास्तव
- अब आगे बढ़ते हैं सत्यम शिवम के ब्लॉग की तरफ ,यहाँ वे कहीं दूर चले जाने की बात कर रहे हैं .
- एक जापानी विधा तांका को प्रस्तुत कर रही हैं डॉ. हरदीप संधू जी .
- पद्य में गजल का विशेष स्थान है ,तो आओ मज़ा लेते हैं देवेन्द्र गौतम की ग़ज़ल डूबने वाले को तिनके के सहारे थे बहुत का
- ग़ज़ल में ही पढिएगा उडन तश्तरी जी को .
- हास्य-व्यंग्य की रचनाएँ जो लिखी गई हैं दिल की कलम से .
- अब बात करते हैं एक गीत की .गीतकार हैं "मयंक " जी .
- सृजन की परिभाषा बता रही रचना यह सृज़न तो ---
- रेत में आशियाँ न बनने की कसक को अभिव्यक्ति दे रही हैं वन्दना जी
- झंझट झटका दे रहे है नेताओं को लेकर रेडियो रोता है में , जरा संभल कर रहिएगा
अंत में बात करते हैं 21 -5 -2011 को आए अंधड़ की . इस अंधड़ से जान-माल का नुक्सान भी हुआ . गावों में तीन दिन तक बिजली गुल रही . यह बात यहाँ भारत जैसे देश की स्थिति को दर्शाती है कि कैसे मामूली-सा अंधड़ सब कुछ अस्त-व्यस्त कर देता है , वहीं यह भी बताती है कि मानव प्रकृति के आगे तुच्छ-सा प्राणी है ,लेकिन वह निरंतर प्रकृति से खिलवाड़ किये जा रहा है .मानव नहीं संभल रहा और निरंतर परिणाम भुगत रहा है . मानव से तो कुछ उम्मीद है भी नहीं . हाँ , भगवान से यह उम्मीद जरूर है कि वह विनाश को रोकेगा .
आज की चर्चा में बस इतना ही . आशा है चर्चा पसंद आई होगी . सुझावों और प्रतिक्रियाओं का इंतज़ार रहेगा .
धन्यवाद
badhiya charcha hai achcche link mile....
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा...
जवाब देंहटाएंभाई दिलबाग वर्क जी आपने बड़े दिलचस्प अंदाज़ में पेश की चर्चा...करीने से सजाये लिंक....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएं---देवेंद्र गौतम
भाई दिलबाग वर्क जी आपकी चर्चा करने का अंदाज बहुत भाया हमें ...मेरे ब्लॉग की पोस्ट को शामिल करने के लिए आपका आभार ..आशा है आप हमें यूँ ही अनुग्रहित करते रहेंगे ....आपका शुक्रिया
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा।
जवाब देंहटाएंविभिन्न रंगों से सजी खूबसूरत चर्चा.
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा.
जवाब देंहटाएंachchhi charcha......
जवाब देंहटाएंसारी रचनाओं के शीर्षक देखे अच्छे लगे और अब चलते हैं इन्हें खंगालने लेकिन ‘मां-बेटी‘ से संबंधित शीर्षक सबसे अच्छे लगे।
जवाब देंहटाएंशुक्रिया।
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मौत की आग़ोश में जब थक के सो जाती है माँ
तब कहीं जाकर ‘रज़ा‘ थोड़ा सुकूं पाती है माँ
रूह के रिश्तों की गहराईयाँ तो देखिए
चोट लगती है हमारे और चिल्लाती है माँ
bahut hi sundar charcha....
जवाब देंहटाएंachchi charcha !
जवाब देंहटाएंbahut badhiya.
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा लिंक का चयन। आपकी चर्चा मंच की टीम ज्वान करने से मंच को एक नई दिशा मिली है।
जवाब देंहटाएंsarthak charcha sankshep me bahut sundar.aabhar.
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा है.
जवाब देंहटाएंचर्चा का अंदाज़ अच्छा लगा ..
जवाब देंहटाएंअरे वाह …………बहुत ही उत्तम लिंक संयोजन्…………शानदार चर्चा…………आभार्।
जवाब देंहटाएंWonderful charchaa. Thanks Dibaag ji.
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा..अच्छे लिंक्स..आभार
जवाब देंहटाएंइतनी संतुलित चर्चा में तो
जवाब देंहटाएंसभी लिंक पढ़े जा सकते हैं!
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बहुत-बहुत आभार!
प्रचार के लिए धन्यवाद दिलबाग जी
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया लगा आज का ये चर्चा -मंच ,,,
जवाब देंहटाएंबहुत प्यारे अंदाज़ में .... संतुलित कलेवर की चर्चा
जवाब देंहटाएंबड़ी मनमोहक लगी ..
मेरी पोस्ट को भी स्थान देने का बहुत-बहुत आभार