दोस्तों
आज की चर्चा में
आप सभी का स्वागत है
देखो दोस्तों!
कभी कभी ये मन है न
पंगे लेने के मूड में होता है
और आज इसने आप सबसे
पंगा ले ही लिया है
तो डंडा लेकर हो जाइये तैयार
क्यूंकि सबके title पर ही आज
कमेन्ट किया है और वो भी
गुदगुदाता हुआ .......उसका आपकी
पोस्ट से कोई मतलब नहीं है
मगर आपके चेहरे पर
पतली सी लकीर मुस्कान की
जरूर बिखर जाएगी
और वो ही हमारी
आज की मजूरी होगी
हमारी नयी चर्चाकारा दर्शन कौर जी का स्वागत है
तुम्हें सलाम
मैं तो बदल ही गया हूँ
और कैसे बदलेगा ?
मिलाइए जी
दिखा दो जी ........सारा झूठ - सच
अभी पूछकर बताते हैं जी
चलो याद तो आई
हमें भी सुनवा दीजिये
क्या कहती है जी
चलो सुन लेते हैं जी .....महुवे की गंध को
जाने कब तक बेचारी बनी रहेगी
इस मुगालते में मत रहिये
अच्छा अरमानों की भी डोली होती है
हर कर्म शुद्ध
वो तो पड़ेगा ही
असर दिखेगा ही
लो आज पता चला ?
ये हुई न बात
संभल कर ..........कहीं गिर मत जाना
बस इसी की कसर रह गयी थी
कैसी जी ?
क्यों ?
महफिलें सजाइए .....तन्हाई भाग जाएगी
अरे ये कब से सुनने लगा?
इतनी दूर से बेचारा कैसे सुनेगा?
अच्छा है ........ज्यादा मिलने से परेशानियाँ बढती ही हैं
ये क्या बला है जी
क्या हुआ है .........आज भी चमक रहा है आस्मां में
ये कब किसी का हुआ है?
अपना जिस्म लहुलुहान रखते हैं .....
क्यूँ भाई .........बेचारे को इतनी तकलीफ क्यूँ देते हो ?
क्या होगा जोड़कर
भाई पढो तो काम भी आये
न बाबा .......डर लगता है ऐसी चीजों से
वो तो हमेशा से होता आया है
शुक्र है समझ तो आई ये बात
तो उन्हें भी बुला लिया होता साथ में
लो जी ऐसा प्यार भी होता है
इतने बेशर्म थोड़े हैं हम
जान होती हैं
मान होती हैं
हमारी पहचान होती हैं
इसमें क्या शक है ?
अब और क्या..........इतना काफी नहीं है क्या ?
मेरे ख्याल से आज के लिए
इतना काफी होगा ..........आखिर
झेला है तो अब अपनी नज़रें इनायत
कमेन्ट पर भी फरमा ही दीजिये
और अब हम मिलेंगे सोमवार को
तब तक के लिए इजाजत दीजिये
sanyam ke sath saheja gaya, sajaya gaya
जवाब देंहटाएंgul-dan, suvasit kar gaya manas- patal ko .sadhuvad ji.
चर्चा का यह अन्दाज भी तो निराला है
जवाब देंहटाएंबहुत बेहतरीन चर्चा...
जवाब देंहटाएंबेहतरीन लिंक्स और उनसे जुडी आपकी तुकबंदियां ...चर्चा को ख़ास बना देती हैं !
जवाब देंहटाएंआज के चर्चा ... पंगा न ले
जवाब देंहटाएंअब तो ले लिया जी
mujhse bhi panga ? hahaha panga leker kiya shaandaar charchaa
जवाब देंहटाएंबेहतरीन लिनक्स ....उम्दा चर्चा वंदनाजी ...आभार
जवाब देंहटाएंवाह वंदनाजी, बहुत सुन्दर चर्चा रही !
जवाब देंहटाएंसुश्री वंदनाजी,
जवाब देंहटाएंचर्चामंच में मेरी रचनाओं को
शामिल करने के लिए धन्यवाद
जो भी देखता हूँ या भोगता हूँ
शब्दों में पिरो देता हूँ ,
आपकी टिप्पणियाँ बड़ी सुन्दर
और सटीक होती है,
बहुत बहुत बधाई और आभार
घोटू
चर्चा का यह अन्दाज भी बहुत बेहतरीन
जवाब देंहटाएंसुश्री वंदनाजी,
जवाब देंहटाएंचर्चामंच में मेरी रचना को
शामिल करने के लिए धन्यवाद
बहुत बेहतरीन चर्चा...
nirala andaz sundar prastuti.darshan kaur ji ka hamari taraf se bhi bahut bahut swagat hai.
जवाब देंहटाएंसंयत शब्दों में की गई, विस्तृत चर्चा!
जवाब देंहटाएं--
श्रीमती दर्शन कौर धनोए जी का
स्वागत है चर्चा मंच पर!
किसकी मजाल है जो आपसे पंगा ले.:)
जवाब देंहटाएंबेहतरीन लिंक के लिए आभार
दर्शन कौर जी का स्वागत है.
आज लिंक्स का चयन पढ़ने के लिए आपके पंगे का सहारा लिया . चल कुछ किताबें जोड़ें - पर याद आया रद्दीवाला आने वाला है आज .
जवाब देंहटाएंवंदना जी,
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच में मेरी रचना शामिल करने के
लिए बहुत बहुत धन्यवाद !
बहुत बढ़िया लिंक्स के साथ सार्थक चर्चा
बहुत सुंदर .........
meri rachna ko charcha manch par sthan pradan karne ke liye sadar abhaar . charcha comments ke saath sartha roop mein ubhri hai
जवाब देंहटाएंshukriya vandna ji!
जवाब देंहटाएंचर्चा करने का अन्दाज़ मनभावन..
जवाब देंहटाएंkitni mushkil se sajayee hogi aapne ye charcha-manch....lekin aaj to dil ko jeet liya.badhayee deti hoon.
जवाब देंहटाएंविस्तृत चर्चा ...सारे लिंक्स देख लिए ... अच्छा संकलन है ... आभार
जवाब देंहटाएंबहुत सार्थक चर्चा वन्दना जी ! मेरी रचना गृहणी को आपने इसमें स्थान दिया ! आपका बहुत बहुत धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंमजेदार और सार्थक चर्चा.
जवाब देंहटाएंचर्चा का यह अन्दाज चर्चामंच में.....धन्यवाद
जवाब देंहटाएंबेहतरीन चर्चा...मजेदार
जवाब देंहटाएंवंदनाजी ...आभार
vandana ki charcha me pahli baar shamil ho kar khushi mahsoos ho rahi hai...:)
जवाब देंहटाएंbahut bahut thanx!!
" bahut bahut shukriya vandanaji ... charcha manch per vakai me dilchasp post ki charcha ho rahi hai aur jis bakhubi se aap charcha karti hai uska andaj nirala aur manbhavak hai "
जवाब देंहटाएंdhanyawad
achchhee charchaa
जवाब देंहटाएंसारे ही पंगे प्रभावशाली हैं....
जवाब देंहटाएंअलग अंदाज़ में खूबसूरत लिक्स
सादर आभार...
बेहतरीन प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंvandna ji meri rachna ko sthan dene k liye bahut bahut shukriya.....
जवाब देंहटाएंaur charcha to aapki hamesha lazwab hi hoti hai...
बेहतरीन चर्चा...
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा है,
जवाब देंहटाएंवन्दना जी किसी होंठो पर दो पल मुस्कराहट आ जये तो लगता है इस से बड़ा आज कोई दूसरा काम नही हो सकता आप ने यह बहुत बड़ा काम किया है आप हम हंस ही कहाँ सकते हैं और कोई हमे हमारी हंसी तो क्या मुस्कराहट ही लौटा दे तो क्या यह बड़ा काम नही है
जवाब देंहटाएंवास्तव में यह बड़ा काम किया है साधुवाद
आप कभी चर्चा मंच पर हास्य व व्यंग के विषय ही रखये आनन्द प्रप्त होगा
आप का मेरी रचनाओं को निरंतर स्नेह मिल रहा है हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ कृपया स्वीकार करें
वेद व्यथित
bahut badhia charcha ....!!
जवाब देंहटाएंbehtareen links ...!!
mujhe jagah dene ke liye aabhar apka -Vandana ji ...!!
Badiya saarthak charcha ke liye aabhar
जवाब देंहटाएंजायके दार पंगा |
जवाब देंहटाएंआभार |
बहुत से सुन्दर लिंक्स।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर अंदाज़ में रोचक चर्चा..आभार
जवाब देंहटाएंमेरी रचना "माँ" को चर्चा में शामिल करने के लिए धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंवन्दना जी आपने तो कमाल कर दिया, चर्चा के इस नये रुप से सबको निहाल कर दिया।
कृपया मेरे ब्लॉग में भी आयें और अपनी बहुमुल्य टिप्पणियां दें।
www.pradip13m.blogspot.com
KHOOBSOORAT RACHNAAON KAA SANKALAN.
जवाब देंहटाएंBADHAAEE AUR SHUBH KAMNA .
तन्हा तन्हा हम रह जायेंगे...
जवाब देंहटाएंक्यों ?
महफिलें सजाइए .....तन्हाई भाग जाएगी
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शीर्षकों का बहुत दुरुस्त और तंदुरुस्त प्रस्तुतीकरण, मज़ा आ गया सभी पढ़कर. सही कहा महफ़िल सजाइये, तो आज इंसानों की महफ़िल नहीं चर्चा मंच के चर्चाओं की महफ़िल जमेगी और तन्हाई दूर भगाई जायेगी.
मुझे यहाँ स्थान देने केलिए तहेदिल से आभार वंदना जी.
क्या बात है.. चर्चा मंच लगातार आकर्षक और प्रभावी बनता जा रहा है। बधाई
जवाब देंहटाएंwaah badi sundar charcha....
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