लो जी
आभासी दुनिया
साकार हुई
मिलने को
बेताबी भी
बेक़रार हुई
पुरस्कारों की
भरमार हुई
आयोजकों की
बहार हुई
अजी इस शनिवार को ही तो आभासी दुनिया ने साकार रूप में जन्म लिया और ब्लोगरों का सम्मान किया ..........एक नए युग को जन्म दिया .........लगे रहो मुन्ना भाइयों और मुन्नी बहनों .........आपका नंबर भी आएगा .........अभी तो कल के दृश्यों का आनंद लीजिये
अब मिलिए एक खास शख्सियत से
ये हैं रामप्रसाद जी
ये हिंदी भवन के बाहर चाय बनाते हैं
लेकिन इनकी खासियत ये है कि इन्होने
इसी कार्य को करते हुए न जाने कितनी पुस्तकें लिखी हैं
जिनमे से कुछ तो विश्वविद्यालों में लगी हुयी हैं
तथा इन्होने राष्ट्रपति से पुरस्कार प्राप्त किया हुआ है
दो बेटे हैं जिनमे से एक engineering कर रहा है
और दूसरा C .A कर रहा है मगर आज भी इन्होने
अपना पेशा नहीं छोड़ा है .........नीचे के चित्र में
पीछे लगा बोर्ड इस बात का गवाह है
चलिए अब चर्चा का आनंद लीजिये
ये हैं रामप्रसाद जी
ये हिंदी भवन के बाहर चाय बनाते हैं
लेकिन इनकी खासियत ये है कि इन्होने
इसी कार्य को करते हुए न जाने कितनी पुस्तकें लिखी हैं
जिनमे से कुछ तो विश्वविद्यालों में लगी हुयी हैं
तथा इन्होने राष्ट्रपति से पुरस्कार प्राप्त किया हुआ है
दो बेटे हैं जिनमे से एक engineering कर रहा है
और दूसरा C .A कर रहा है मगर आज भी इन्होने
अपना पेशा नहीं छोड़ा है .........नीचे के चित्र में
पीछे लगा बोर्ड इस बात का गवाह है
चलिए अब चर्चा का आनंद लीजिये
- क्या?
- क्या सच ?
- कौन से?
- अपनी पहचान आप हैं
- बस सुनने के लिए ही है
- तेरी एक ही कहानी
- ये अब जाना ?
- किसकी किसके प्रति ?
- कौन ?
- आसमाँ का ख्वाब देखती है
- ज़रा रुकिए ........ठहरिये .............और सोचिये
- चहकने मेरे आँगन में
- पैसे से क्या क्या तुम खरीदोगे ?
- तेरा और न कोई छोर
- जैसे गुलाब का खिलखिला जाना
- दरस को तरसे नैन सखी री
- कभी ख़त्म नहीं होता
- नारी की आवाज़
- यहाँ तो सभी का स्वागत है
- काफी है जीने के लिए
- मगर हम कुछ और कहते हैं
प्यार तुम्हारा झाड़ू-बेलन ........अरशद अली
जय हो ऐसे प्यार की
डर के आगे जीत है!!!
इसमें क्या शक है
हैं सभी अपने ...
किसे पराया समझूं
बाट
कौन किसकी जोहे
bahut mehnat kee hai vandana ji aapne majdoor divas manane ko .bahut sarthak charcha bahut sundar links.aabhar.
जवाब देंहटाएं30 अप्रैल को हिन्दी भवन, दिल्ली में सभी ब्लॉगर साथियों से मिलना सुखद संयोग रहा।
जवाब देंहटाएंचित्रों से सजी आज की महत्वपूर्ण चर्चा को सजाने के लिए आभार!
चलिए, चर्चा के माध्यम से तस्वीरें फिर से देख लीं.
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा.
bahut sarthak charcha .Ramprasad ji ka parichay bahut achchha laga .blooger meet ke photo bahut jeevant lage .badhai .
जवाब देंहटाएंvibhinnata bhari ,mohak prastuti ,blogaron ka chitra- darshan sarahniya
जवाब देंहटाएंhai , sarthak prayas . shubhkamnayen .
nice charcha .
जवाब देंहटाएंachhi chracha ....:)
जवाब देंहटाएंहमेशा की तरह इस बार भी कई अच्छे लिंक्स दिए हैं आपने . विशेष रूप से हिन्दी ब्लॉगरों के सम्मेलन में आभासी दुनिया के साकार होने और वहीं श्री रामप्रसाद जैसे प्रेरणादायक कलम के सिपाही से मिलने का अवसर भी आज के चर्चा मंच के जरिये प्राप्त हुआ . बहुत-बहुत धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंवाह, चित्र देख हम मुग्ध हो गये।
जवाब देंहटाएंnice charcha
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा है ... आज पढ़ने के लिए काफी लिंक मिल गए हैं ... चर्चा मंच में मेरी पोस्ट को सम्मिलित करने के लिए आभारी हूँ ...
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा है.
जवाब देंहटाएं.
जवाब देंहटाएं.
.
अच्छी चर्चा,
मेरे आलेख को शामिल करने के लिये आभार!
...
सुंदर चित्रों से सजी चर्चा! रामप्रसादजी से मिलकर बहुत अच्छा लगा, मुझे स्थान देने के लिये आभार !
जवाब देंहटाएंब्लॉगर मीट की बहुत शुभकामनायें ...अभी अभी झाजी के ब्लौग पर भी देखी तस्वीरें !
जवाब देंहटाएंलक्ष्मण राव के बारे में पहले भी कई पत्रिकाओं में पढ़ा ... प्रेरणास्पद जीवन और चरित्र !
शानदार चर्चा !
वंदना जी ...
जवाब देंहटाएंचित्रों को देख कर अच्छा लगा ..रामप्रसाद जी से मुलाकात प्रेरणादायी है ..मेरी रचना को शामिल करने के लिए आभार ..कोशिश करुँगी सभी लिंक्स देख पाऊं..शुक्रिया चुने हुए लिंक्स यहाँ शेयर करने के लिए
रामप्रसाद जी परिश्रम और लगन की आधुनिक मिसाल हैं . उपयोगी चर्चा !
जवाब देंहटाएंbahut acchi charcha aur jaankaari ..se bhari hui rachnao ka sangam
जवाब देंहटाएंइतने मेहनत का फल हमेशा मीठा होता है.
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा
मेरे आलेख को शामिल करने के लिये आभार!
adarniye bandana ji...aapki charcha hamesha ki tarh lajabab hai...bahut khubsurati se jo aaap jo manch ko sajati hai..man mugudhh hojata hai...dhanybaad...
जवाब देंहटाएंरामप्रसाद जी के बारे में जानकर अच्छा लगा।
जवाब देंहटाएंचर्चामंच पर अच्छे लिंक्स दिए हैं आपने।
मेरे ब्लॉग को सम्मिलित करने के लिए आभार।
बहुत ही अच्छे चित्र ... और खास शख्सियत श्री रामप्रसाद का परिचय और बेहतरीन लिंक्स ... इन सबके लिये आपका बहुत-बहुत आभार ।
जवाब देंहटाएंमैं भले ही इस आयोजन में शामिल नहीं रहा, पर सभी गतिविधियों को देख कर लग रहा है कि मैं ही सबसे आगे वाली कुर्सी पर बैठा हुआ था। खैर...
जवाब देंहटाएंराम प्रसाद जी जैसे लोगों से सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए, काम करते हुए अपने शौक को भी कितना बखूबी अंजाम देते हैं।
सुन्दर लिंक्स से सजी रोचक चर्चा..
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा चर्चा ....रामप्रसाद जी जैसे व्यक्तित्त्व को नमन ...३० को सबसे मिलना सुखद लगा ...चित्रों के माध्यम से एक बार फिर रु ब रु हुए ..सारे लिंक्स बहुत अच्छे लगे ...आभार
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा के लिए आभार!
जवाब देंहटाएंसभी चित्रों ने मन आनंदित कर दिया, लिंक्स कारगर हैं...
जवाब देंहटाएंमेरी पोस्ट को मंच प्रदान करने के लिए आभार!!!
बहुत ही अच्छे चित्र ... खास शख्सियत श्री रामप्रसाद जी का परिचय आज की चर्चा में चार चाँद की तरह और बेहतरीन लिंक्स ... सबके लिये आपका बहुत-बहुत आभार.......
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा, आभार!
जवाब देंहटाएंshukriya mitr
जवाब देंहटाएंफोटोग्रफ़ बहुत अच्छे है ।श्री रामप्रसाद जैसे प्रेरणादायक व्यक्ति कलम के धनी से मिलने का अवसर आज के चर्चा मंच के जरिये प्राप्त हुआ . बहुत-बहुत धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंनमस्कार ! संगीता जी आप मेरे ब्लांग में आईं .मेरा उत्साह बढा़या तथा अमूल्य सुझाव भी दिया \आगे भी आप का स्वागत है। आभार…..
जवाब देंहटाएंबहुत ही सतरंगी और विस्तृत चर्चा।
जवाब देंहटाएंवंदना जी,नमस्कार.
जवाब देंहटाएंवैसे तो सारे ही रचना पुष्प महत्वपूर्ण हैं परन्तु,मुझे रचना जी की कविता "डान" ने खास ही प्रभावित किया. चर्चा मंच पर स्थान देने के लिए आभार .
Shaandar charchaa.
जवाब देंहटाएंवंदना जी, इतनी मेहनत ... कबीले तारीफ है. सचित्र चर्चा अच्छी ही नहीं बहुत अच्छी लगी. राम प्रसाद जी के बारे में जन कर अच्छा लगा मेरी कविता को स्थान मिला उसके लिये
जवाब देंहटाएंआभार
kaliyan chun chun laaye maalin ek adbhut haar bnaane ko haar dekhkr aankhe chundhiyain, har koi lapke paane ko
जवाब देंहटाएंwaah hindi bhavan kee tasveeren dekh kar maja aa gaya.
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद संगीता जी ,
जवाब देंहटाएंआपने हमारी प्रस्तुति को अपने कयामंच पर लेकर , जो हमें सम्मान दिया है
उसके लिए हम बहुत आभारी है ............
ऐसे ही हमारे ब्लॉग पर आते रहीये और हमारा मार्गदर्शन करती रहे
धन्यवाद ....
इतने सारे लिंक कि सब जगह जाते-जाते सबसे पिछड़ गया टिप्पणी देने में।
जवाब देंहटाएंbahot achchi sajawat ki hai......
जवाब देंहटाएंवंदना जी ,
जवाब देंहटाएंआपकी मेहनत को सलाम , गागर में सागर समाना तो कोई आपसे सीखे सब कुछ समेट लिया आपने , शुक्रिया और शुभकामनाएं
30 अप्रैल को हिन्दी भवन, दिल्ली में रश्मि दीदी,रेखा दीदी, वंदना जी,अनु,ललित जी,रमण जी, केवल राम और ढ़ेरों आभासी मित्रों को साक्षात् मिलकर लगा मानों एक नई दुनियां मिल गई है मुझे.इतना अपनत्व,इतना स्नेह ,इतना मित्रवत व्यवहार-सच कहूँ तो उम्मीद नहीं थी.यह तो उस सपने जैसा था जो हकीकत में तब्दील होने का बाद भी मेरे लिए सपनों सा अहसास लिए है.यह मेरे जीवन का एक बहुत ही ख़ूबसूरत और यादगार पलों में से एक है.
जवाब देंहटाएंशुक्रिया वंदना जी!
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