मेरे अरमान.. मेरे सपने.. पर यह भावप्रणव रचना!
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पत्नीजी थी डाटती,पतिजी थे भयभीत
अस्थि चर्म मम देह मह,तामे इसी प्रीत तामे इसी प्रीत.. ...
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संगीता स्वरूप जी बता रहीं है इस रचना के माध्यम से
सिद्धार्थ -
कौन से ज्ञान की खोज में किया था तुमने पलायन जीवन से ? ... .... |
समयचक्र पर महेन्द्र मिश्र बता रहे हैं-
फाड़ कर लिख दिया है ॥
जरा स्वाद लें . जब वे लिखते हैं तो छप्पर फाड़ कर लिखते हैं... ...
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Beji Jaison
Meri Katputliyaan पर लेकर आईं हैं-
होता है ना ऐसा
कोई दिन बहता हुआ इकट्ठा होने लगता है किसी कीचड़ भरे डबरे की तरह रुका हुआ ......... |
समालोचन पर देखिए!
कहानी संवाद है
राजेंद यादव राजेद्र यादव अपने लेखन के कारण प्रशंसित,
संपादन के कारण चर्चित और अपने जीवन के कारण विवादित रहे हैं
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वन्दना जी को मुशायरा में देखकर बहुत अच्छा लगा!
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क्या आपने कभी सोचा है कि हम सारी उम्र २४ घंटे साँस लेते रहते हैं
और हमें पता भी नहीं चलता ।...
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Coral जी बता रहीं हैं!
हर तरफ गर्मी की छुट्टियों की तैयारियाँ चल रही है।
मुझे भी अपनी बचपन के वो दिन याद आ गए जब मैं स्कूल जाती थी।....
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गुटखा ये पाउच वाला,
जिसने भी मुंह में डाला गुटखा ले लेगा उसकी जान कर दो सभी को सावधान....................... कितने ही मर गए इससे, कितने ही मिट गए इससे... अलबेला खत्री जी कर रहे हैं सावधान! |
माँ जुटी हुई हैं संघर्ष में। रसोई की टोटी आज फिर से बहने लगी है शायद। घर चाहे कितना भी बड़ा हो। घर का मालिक भी चाहे जितना बड़ा हो।
पिट्सबर्ग में एक भारतीय लेकर आये हैं एक कहानी
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भारतीय नागरिक-Indian Citizen बता रहे हैं!
कुछ कह नहीं सकता. शायद ही इससे अधिक बर्बर कृत्य कोई और हो.
ये जानवर बोल नहीं सकते, लेकिन महसूस तो कर ही लेते हैं.
कटने वाले किसी पशु-पक्षी को उस समय देखिये...
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स्वास्थ्य के क्षेत्र में विज्ञान ने बहुत तरक्की कर ली है ...
देश में बुजुर्गों की बढती संख्या और औसत आयु
इसे प्रमाणित भी करती है ...आज चिकित्सकों के पास...
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भारत में महिलाओं का बिंदी लगाना एक बहुत ही आम बात है।
विवाहित महिलाओं के लिए यह सुहाग की निशानी मानी जाती है।
वैसे भी इसे लगाने से ललाट की शोभा बढ जाती है।...
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कै. गोपीनाथ कौन ?
यह बता रहे हैं
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अन्त में राष्ट्रकवि स्व. मैथिलीशरण गुप्त जी की ये पंक्तियाँ!
"एक समय जो ग्राह्य दूसरे समय त्याज्य होता है! ऊष्मा में हिम के कम्बल का भार कौन ढोता है?" |
Kuchh din baahar rahne ke kaaran kai post chhoot gayi thien, unki jankari bhi mili. Dhanyavaad.
जवाब देंहटाएंविस्तृत चर्चा ...
जवाब देंहटाएंचर्चा में शामिल किये जाने का बहुत आभार !
bahut sarthak charcha .aabhar
जवाब देंहटाएंअच्छे लिनक्स की चर्चा .....धन्यवाद्
जवाब देंहटाएंहम तो बेकरार रहतें हैं की आप हमारे पोस्ट चर्चा मंच मैं शामिल करें /और हमें अच्छे-अच्छे सन्देश पढने को मिले /.इतने बदिया पोस्ट चर्चामंच मैं शामिल करने के लिए आपको बहुत-बहुत बधाई /
जवाब देंहटाएंकई पढ़ लिये हैं कई पढ़ने हैं।
जवाब देंहटाएंsarthak charcha.
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लगा आज का चर्चामंच।
जवाब देंहटाएंआपको बधाई।
मार्कण्ड दवे।
बहुत खूबसूरती से सजाया है आज का चर्चा मंच !
जवाब देंहटाएंमुझे बहुत ख़ुशी हुई जब इस गुलदान में मेरा पहला ही फूल लगा देख कर --धन्यवाद !!!
Bahut Sundar,
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा है भाई जी ! आपके दिए लिंक पढ़ रहा हूँ !
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें आपको !
sidhahast hanthon se sankalit ,sampadit
जवाब देंहटाएंmanohari srijan bahut achhe lage, aashanuru /
shukriya ji /
bahut hi badhiya charcha he,
जवाब देंहटाएंKajal Kumar ji ka cartoon bhi tak hansa raha he!
बहुत अच्छे लिंक्स मिले ...आभार
जवाब देंहटाएंdhnyavaad meri post ko shaamil karne ke liye...........
जवाब देंहटाएंcharcha manch ke sabhi pathakon ko aakhaateej ki badhaai !
bahut hi achhe link mile.thanks !
बहुत सुंदर चर्चा..
जवाब देंहटाएंbahut achchi lagi....
जवाब देंहटाएंnamaskar Shastri ji ,
जवाब देंहटाएंbahut badhia charcha hai .
आज तो बहुत सुन्दर लिंक्स संजोये हैं………सभी लिंक्स शानदार्…………बहुत सुन्दर और सारगर्भित चर्चा…………आभार्।
जवाब देंहटाएंबहुत सृजनात्मक और सुंदर लिंक्स से सजा है आज का चर्चा मंच |कई लिंक्स के लिए आभार
जवाब देंहटाएंआशा
काफी अच्छे लिंक्स मिले .आभार सुन्दर चर्चा के लिए.
जवाब देंहटाएंbahut badhiya charcha ...meri post ko shamil karne ke liye abhari hun...
जवाब देंहटाएंShashtri ji...meri rachna ko sthan dene ke liye bahut bahut shukriya.....
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा..आभार
जवाब देंहटाएंसार्थक चर्चा ....
जवाब देंहटाएंअच्छी लिंक्स...
श्रीमान जी, क्या आप हिंदी से प्रेम करते हैं? तब एक बार जरुर आये. मैंने अपने अनुभवों के आधार ""आज सभी हिंदी ब्लॉगर भाई यह शपथ लें"" हिंदी लिपि पर एक पोस्ट लिखी है. मुझे उम्मीद आप अपने सभी दोस्तों के साथ मेरे ब्लॉग www.rksirfiraa.blogspot.com पर टिप्पणी करने एक बार जरुर आयेंगे. ऐसा मेरा विश्वास है.
जवाब देंहटाएंश्रीमान जी, हिंदी के प्रचार-प्रसार हेतु सुझाव :-आप भी अपने ब्लोगों पर "अपने ब्लॉग में हिंदी में लिखने वाला विजेट" लगाए. मैंने भी कल ही लगाये है. इससे हिंदी प्रेमियों को सुविधा और लाभ होगा.
GAGAR MEN SAAGAR SA BHAR DIYA AAPNE.
जवाब देंहटाएं............
ब्लॉग समीक्षा की 13वीं कड़ी।
भारत का गौरवशाली अंतरिक्ष कार्यक्रम!
बढ़िया चर्चा
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छे लिंक्स मिले ...आभार
bahut susangathit tareeka se prastut ke gayee charcha.meri kavita ko sthan dene ke liye aapka bahut bahut aabhar.bahut sarthak links ka sanyojan badhai.
जवाब देंहटाएंशास्त्री जी आपका बहुत बहुत आभार मेरी पोस्ट 'राम जन्म-आध्यात्मिक चिंतन -३' को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए.मेरा सभी सुधिजनों से विशेष आग्रह है कि वे इस पोस्ट पर आकर अपने सुविचारों की आनंद वृष्टि कर पोस्ट को सार्थकता प्रदान करें.
जवाब देंहटाएंआपने एक से एक खूबसूरत लिंक दिए है.इसके लिए भी आपका धन्यवाद.
सुंदर चर्चा।
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा
जवाब देंहटाएंबहुत खूब , मैं ब्लॉग जगत में नया हूँ सो मेरा मार्गदर्सन करे..
जवाब देंहटाएंwww.anjaan45.blogspot.com
क्या में अपनी पोस्ट चर्चा मंच पर भेज सकता हूँ । अगर हाँ तो कैसें ।
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