अपने जायज़ रिश्तों के प्रति वफादार रहिये |
आज प्रकृति से कर घात ,पहाड़ों के हृदय को दे भारी आघात ,बांधकर नदियों को ऊंची घाटियों में |
चलिए तो आज आपकी नाराज़गी दूर करने के लिए मैं कुछ बहुत ही रोचक प्रसंग लेकर आपके लिए ले कर आई हूँ और उम्मीद करती हूँ कि आप इसे पढ़ कर निराश नहीं होंगे. आज मैं आधुनिक हिंदी साहित्य की शुभश्री महादेवी वर्मा जी के जीवन के बारे में बताते हुए उनके जीवन के कुछ अनछुए पहलुओं को भी आपके साथ साझा करुँगी |
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भगत आजाद अशफाको की रूहे झूम जाती है, जय हिंद के उदघोष से सारा गगन काँपे तमिलनाडु से लहरे जा हिमालय चूम आती है. भगत सिह की अध्यक्षता मे मेरा अभिभाषण |
हिंदी बोला तो नौकरी नहीं मिलेगी.आज हिंदी दिवस है और हिंदी ब्लॉगजगत के लिए तो यकीनन विशेष दिन है. सभी तरफ से हिंदी दिवस कि शुभकामनाओं के लेख़ पढने को मिल रहे हैं. लोग इसकी उन्नति कि दुआएँ कर रहे हैं. लेकिन क्या हम स्वम ही अपनी राष्ट्र भाषा के साथ सौतेलेपन का व्यवहार नहीं कर रहे?हिंदी बोला तो नौकरी नहीं मिलेगी. |
खैर ब्राजील में क्या हुआ और क्या नहीं हुआ यह बहुत ज़रुरी बात नहीं है । ज़रुरी है यह समझना कि दरअसल यह सौंदर्य प्रतियोगिता होती क्या है । कई लोगों का कहना है कि ऐसी प्रतियोगिताओं में रूप-रंग, बुद्धि-विवेचना, ज्ञान, जोश, हाज़िर-जवाबी, सभी कुछ जांचा परखा जाता है |
दीपावली, संधिकाल का दूसरा त्यौहार । संधिकाल का मतलब होता है जब दो ऋतुएं आपस में मिलती हैं । ये संधिकाल हमारे जीवन में भी आते हैं । जब दो अवस्थाएं आपस में मिलती हैं । |
नया सलीका यह विकास का बेमानी हैं जब रिश्ते फटे आसमां को शब्दों से सुमन सिये जाते हैं |
आजकल टी वी पर हमारे मन पसंद कार्यक्रम --कौन बनेगा करोडपति -- की पांचवीं कड़ी चल रही है । पसंद इसलिए कि इसमें जनता के साथ साथ हमें भी अपनी औकात टेस्ट करने का अवसर मिल जाता है । कभी कभी तो लगता है कि यदि हम हौट सीट पर पहुँच गए होते तो पता नहीं कुछ जीत भी पाते या नहीं । |
मां बाप के साथ सुलूक |
अरे नहीं सर, हम लोग को तो अईसा परेसान कर देता है कि पूछीये मत. बोल देगा कि यहाँ काहे खरा किया है. परमिट, लायसेंस, ई लाओ, उ लाओ... हेन-तेन… पचास ठो नाटक है.’ ‘गांधी मैदान?… बैठिये… अरे आइये ना महाराज. केतना तो जगह है. आगे-पीछे हो जाइए थोडा-थोडा.’ एक सवारी बैठाने के बात वार्ता आगे बढ़ी: |
बहने लगे आंसू... संध्या शर्मा. फिर चोट लगी भर आई आँखे पर आंसू नहीं बहे नहीं बहने दिया उन्हें अपने सीने से लगा लिया छुपा लिया... फिर टूटे ख्वाब रोया दिल भर आई आँखे |
क्या औरत कि जिंदगी में विवाह का होना ज़रूरी है ? |
स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय के लम्बे सफर के बाद |
कहीं आप भी खुद को "गांधी" तो नहीं समझ रहे ? हाहाकार मचा हुआ है , कहीं भ्रष्टाचार पाँव पसार रहा है तो कहीं मासूम नागरिक आतंकवादी हमले का शिकार हो रहे |
कई दिन ताने सुनने के बाद मक्खन परेशान हो गया. |
मन को मनाने के अंदाज निराले है हुए नही वो हम ही उसके हवाले हैं उसने कसम दी तो न पी अभी तकहाथ में पकड़े लो खाली प्याले है |
अपने जायज़ रिश्तों के प्रति वफादार रहिये |
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शनिवार, सितंबर 17, 2011
भुलक्कड़ तो मैं भी हूँ क्यों कि एक इंसान हूँ
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मासूम साहब!
जवाब देंहटाएंआपका चर्चा करने का स्टाइल बहत अच्छा है!
आभार!
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मेरा पासवर्ड चोरी हो गया है!
बार-बार रिकवरी का अनुरोध भेजने पर 24 घंटे के लिए इसको पाने में रोक लगा दी है गूगल ने!
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यदि कोई मित्र इसका कोई हल जानते हों तो कृपया मुझे बताएँ!
बढ़िया चर्चा !
जवाब देंहटाएंकाफी विविधताभरी पोस्टें आप चर्चा के लिए लाए हैं, यह देख कर अच्छा लगा।
जवाब देंहटाएं------
दूसरी धरती पर रहने चलेंगे?
उन्मुक्त चला जाता है ज्ञान पथिक कोई..
शास्त्री जी गूगल में तो पासवर्ड रिकवरी के लिए उनके सवालों के जवाब दे दें. आसानी से वापस आ जाता है पासवर्ड. मुझे मेल करें कि आप ने क्या किया?
जवाब देंहटाएंअच्छे सूत्र सजाना तो फिर भी नहीं भूले।
जवाब देंहटाएंअन्य चर्चाकारों को प्रेरित करने वाला संकलन ||
जवाब देंहटाएंबधाई ||
ख़ुशी का मन्त्र है यारो,
नहीं रोना न शर्मिंदा |
बुरी बातों को भूलो जी,
रहो बिंदास फिर जिन्दा |
बढे पेट्रोल सब्जी दुग्ध,
राशन बम इलेक्ट्रिक बिल-
पुरानी दुश्मनी भूलो,
रखो न याद आइन्दा ||
मासूम साहब!
जवाब देंहटाएंआपका चर्चा करने का स्टाइल बहुत अच्छा है!
आभार!
Bahut hi acche links diye masum ji..
जवाब देंहटाएंMy Blog: Life is Just a Life
.
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...वाह!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा है आज की मासूम भाई ! मेरी रचना को भी इसमें आपने स्थान दिया आभारी हूँ ! बहुत बहुत शुक्रिया !
जवाब देंहटाएंपोस्ट रंगारंग है और चटपटी भी .
जवाब देंहटाएंसामाजिक मुददों की तरफ़ बख़ूबी ध्यान दिलाती है ।
अच्छी चर्चा
जवाब देंहटाएंशामिल करने का शुक्रिया
सुन्दर लिंक्स से सुसज्जित सुन्दर चर्चा।
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छे लिंक्स दिये हैं आपने ...आभार ।
जवाब देंहटाएंविविधता लिए हुए,अनेक पहलुओं को छूती रोचक चर्चा.
जवाब देंहटाएंभोजपुरिया होने के नाते "मन कै अँधेरिया अँजोरिया से पूछै" में तो डूब गया.
बहुत सुन्दर चर्चा... मेरी रचना को भी आपने इसमें स्थान दिया आभारी हूँ...बहुत बहुत शुक्रिया...
जवाब देंहटाएंअलग अंदाज़ में, विस्तृत, बहुआयामी चर्चा।
जवाब देंहटाएंअनवरत को लिंकित करने के लिए आभार।
जवाब देंहटाएंसुन्दर लिंक्स से सुसज्जित सुन्दर चर्चा।
जवाब देंहटाएंमा पलायनम को लिंकित करने के लिए आभार.
बहुत सुन्दर चर्चा मासूम जी। शुक्रिया॥
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा ,आभार ।
जवाब देंहटाएं