Followers



Search This Blog

Thursday, April 05, 2012

आओ याद करें अज्ञेय और माखनलाल चतुर्वेदी जी को (चर्चा - 840 )

 आज की चर्चा में आप सबका हार्दिक स्वागत है 
चार अप्रैल हिंदी के एक महान साहित्यकार की पुण्यतिथि है तो दूसरे की जन्म तिथि तो शुरुआत करते हैं इन्हें याद करते हुए 

याद कीजिए अज्ञेय और माखनलाल चतुर्वेदी जी को 
 
 
मेरा फोटो
 
 
 
 
 

आज के लिए बस इतना ही 
धन्यवाद 
************************ 

20 comments:

  1. बहुत सारे अच्छे लिंक्स मिले...
    आभार!

    ReplyDelete
  2. vistrit bahut sunder links sanyojan ....
    sunder charcha ...
    shubhkamnayen.

    ReplyDelete
  3. आदम हव्वा का नंगा फोटो लगाने पर हमें ऐतराज़ है
    बोल्डनेस छोड़िए हो जाइए कूल...खुशदीप​
    के सन्दर्भ में
    खुशदीप जी की गलती दिलबाग जी ने भी दोहरा डाली . फोटो यहाँ है तो एक टिप्पणी का हक यहाँ भी वाजिब है .
    खुशदीप जी को उनकी ग़लती बताई तो मानने के बजाय हमारी टिप्पणी ही मिटा डाली .


    अथर्ववेद 11,8 बताता है कि मनु कौन हैं ?
    इस सूक्त के रचनाकार ऋषि कोरूपथिः हैं -
    यन्मन्युर्जायामावहत संकल्पस्य गृहादधिन।
    क आसं जन्याः क वराः क उ ज्येष्ठवरोऽभवत्। 1 ।

    यहां स्वयंभू मनु के विवाह को सृष्टि का सबसे पहला विवाह बताया गया है और उनकी पत्नी को जाया और आद्या कहा गया है। ‘आद्या‘ का अर्थ ही पहली होता है और ‘आद्य‘ का अर्थ होता है पहला। ‘आद्य‘ धातु से ही ‘आदिम्‘ शब्द बना जो कि अरबी और हिब्रू भाषा में जाकर ‘आदम‘ हो गया।
    स्वयंभू मनु का ही एक नाम आदम है। अब यह बिल्कुल स्पष्ट है। अब इसमें किसी को कोई शक न होना चाहिए कि मनु और जाया को ही आदम और हव्वा कहा जाता है और सारी मानव जाति के माता पिता यही हैं।
    अपने मां बाप आदम और हव्वा अलैहिस्सलाम पर मनघड़न्त चुटकुले बनाना और उनका काल्पनिक व नंगा फ़ोटो लगाना क्या उन सबकी इंसानियत पर ही सवालिया निशान नहीं लगा रहा है जो कि यह सब देख रहे हैं और फिर भी मुस्कुरा रहे हैं ?
    See
    http://blogkikhabren.blogspot.in/2012/04/manu-means-adam.html

    ReplyDelete
  4. पुरखों को पुरखे ही रहने दो |
    विज्ञापन मत बनाओ ||

    अच्छी चर्चा ||

    ReplyDelete
  5. सुन्दर संयोजन..
    kalamdaan.blogspot.in

    ReplyDelete
  6. बहुत सुंदर बना है आज का चर्खा
    कोने कोने पर हो रही है इसकी चर्चा
    बनाने बनाते भी कुछ आप भटक ही जाते हैं
    खूबसूरती पर चाँद का एक दाग लगा जाते हैं
    "उल्लूक" फिर आज दिख रहा है यहाँ
    लगता है दिन ही नहीं रात को भी आप
    कुछ खोजने के लिये लिंक ले जाते हैं।
    @@@@@@@@
    आभार !!

    ReplyDelete
  7. बढ़िया चर्चा दिलबाग जी ......

    यहाँ आकर अपनी पोस्ट देख कर खुशी हुई......
    स्ट्रोबेरी शेक तो है ही..........

    ऋता जी द्वारा सजाये हाइगा में अपने हायेकु देख भी प्रफुल्लित हूँ....
    मेरी तरह आपका दिन भी खुशगवार हो............
    :-)

    सादर

    ReplyDelete
  8. बढ़िया चर्चा दिलबाग जी ......

    यहाँ आकर अपनी पोस्ट देख कर खुशी हुई......
    स्ट्रोबेरी शेक तो है ही..........

    ऋता जी द्वारा सजाये हाइगा में अपने हायेकु देख भी प्रफुल्लित हूँ....
    मेरी तरह आपका दिन भी खुशगवार हो............
    :-)

    सादर

    ReplyDelete
  9. शु्क्रिया इन लिंकों का गुलदस्ता पेश करने के लिए।

    ReplyDelete
  10. बहुत अच्छे लिंक्स मिले.दिलबाग जी ....मेरी अभियंजना को शामिल करने के लिय आभार....

    ReplyDelete
  11. बहुत सुन्दर चर्चामंच सजाया है।

    ReplyDelete
  12. विस्तृत और सार्थक चर्चा ...आभार

    ReplyDelete
  13. बहुत सार्थक लिंक्स...रोचक चर्चा...आभार

    ReplyDelete
  14. .......बहुत अच्छे लिंक्स


    संजय भास्कर
    आदत....मुस्कुराने की
    http://sanjaybhaskar.blogspot.com

    ReplyDelete
  15. बढ़िया चर्चा दिलबाग जी

    ReplyDelete
  16. मेरी post 'सूरत से पहले उसके दिल को तो देखो" को शामिल करने के लिय आभार..

    ReplyDelete
  17. बड़ी सार्थक और पठनीय हलचल।

    ReplyDelete
  18. bahut badiya sarthak charcha prastuti hetu aabhar!

    ReplyDelete
  19. विभिन्न पोस्टों के शीर्षकों के साथ चित्रमयी झाँकी बहुत बढ़िया लग रही है!
    आभार!

    ReplyDelete

"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" पर

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथा सम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।