नमस्कार।
अपने नए अखबार की तैयारी में जुटा हूं। अखबार में हर विभाग का काम महत्वपूर्ण होता है। खबरों की खोज, इसके बाद इसका लेखन, फिर कम्प्यूटर में इसे प्रस्तुतिकरण के योग्य बनाना और फिर अखबार का छपना। अखबार के छपने के बाद सबसे महत्व का काम होता है, इसका वितरण। तमाम तरह की परिस्थियों से जूझना पड रहा है। इसी काम के बीच कुछ समय निकालकर ब्लाग जगत में सैर को निकला तो नजर पडी एक पोस्ट पर......
‘पाठक’ नहीं अब अखबारों को चाहिए सिर्फ ‘ग्राहक’...!
संजीव शर्मा जी के इस पोस्ट ने ध्यान खींचा। सच में मौजूदा दौर पर यही हालात हैं......
चर्चा मंच सजाने का दायित्व है, सो आप तक मेरी पसंद के कुछ पोस्ट सीधे बगैर किसी लाग लपेट के.......
हम लोग - सतीश सक्सेना जी
महफूज़, तुम अब फ्यूज़ हो गए हो ! - संतोष त्रिवेदी जी
आस का एक धागा .... - सदा जी
विरोधाभास क्यूँ ??? - रश्मि प्रभा जी
मेजबान
मुक्तक - ऋतु बंसल जी
बेजान पड़ते सपनो में उम्मीद की धड़कन (कहानी --7 ) - रश्मि रविजा जी
अपने नए अखबार की तैयारी में जुटा हूं। अखबार में हर विभाग का काम महत्वपूर्ण होता है। खबरों की खोज, इसके बाद इसका लेखन, फिर कम्प्यूटर में इसे प्रस्तुतिकरण के योग्य बनाना और फिर अखबार का छपना। अखबार के छपने के बाद सबसे महत्व का काम होता है, इसका वितरण। तमाम तरह की परिस्थियों से जूझना पड रहा है। इसी काम के बीच कुछ समय निकालकर ब्लाग जगत में सैर को निकला तो नजर पडी एक पोस्ट पर......
‘पाठक’ नहीं अब अखबारों को चाहिए सिर्फ ‘ग्राहक’...!
संजीव शर्मा जी के इस पोस्ट ने ध्यान खींचा। सच में मौजूदा दौर पर यही हालात हैं......
चर्चा मंच सजाने का दायित्व है, सो आप तक मेरी पसंद के कुछ पोस्ट सीधे बगैर किसी लाग लपेट के.......
हम लोग - सतीश सक्सेना जी
महफूज़, तुम अब फ्यूज़ हो गए हो ! - संतोष त्रिवेदी जी
आस का एक धागा .... - सदा जी
विरोधाभास क्यूँ ??? - रश्मि प्रभा जी
मेजबान
मुक्तक - ऋतु बंसल जी
बेजान पड़ते सपनो में उम्मीद की धड़कन (कहानी --7 ) - रश्मि रविजा जी
आखिर में महेन्द्र श्रीवास्तव जी को बधाई दे दीजिए। उनका जन्मदिन है आज..... अरे ! रूकिए पूरी बात सुन तो लीजिए, आज उनके ब्लाग आधा सच
का जन्मदिन है......
अब दीजिए अतुल श्रीवास्तव को इजाजत। फिर मुलाकात होगी........
आपने मुद्दे की गंभीरता को समझा और बिना किसी हिचक के अपने लेखकीय और रचना -कर्म का निबाह किया ,इसके लिए ह्रदय से आभारी हूँ !
जवाब देंहटाएंBahut Badhiya Charcha...
जवाब देंहटाएंचर्चामंच के माध्यम से महेंद्र जी को आधासच के जन्म दिन पर हार्दिक शुभकामनाएं |आज मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
जवाब देंहटाएंआशा
मुझे लगने लगा था ब्लाग जगत आम जगत सा ही है। पर मेरा भ्रम संतोष त्रिवेदी जी की पोस्ट को चर्चा में शामिल देख कर टूट गया । धन्यवाद !!!
जवाब देंहटाएंचर्चा 885 की तारीख मंगलवार 10 अप्रैल होनी चाहिये। सोमवार 9 अप्रैल छपा है?
जवाब देंहटाएंसंतोष जी एवं महेंद्र जी की पोस्ट को शामिल करके
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच की शान बढा दी,..अतुल जी आपको बहुत२ बधाई,...
RECENT POST...काव्यान्जलि ...: यदि मै तुमसे कहूँ.....
बढ़िया चर्चा | काम की अधिकता के बीच समय निकालना, आपके ब्लॉग जगत की और जागृत प्रेम को दर्शाता है |
जवाब देंहटाएंअभी-अभी टिप्स हिंदी में अब आप "टिप्स हिंदी में" ब्लॉग पर अपनी टिप्पणी के साथ किसी भी तस्वीर को भी पोस्ट कर सकते हैं |
बढ़िया चर्चा...अतुल जी
जवाब देंहटाएंबधाई |
जवाब देंहटाएंव्यस्तता में भी चर्चा आई |
समाचार पत्र लोगों तक सच और सही समाचार लोगों तक पहुंचाता है ..आजकल को समाचार पत्र बिक चुके हैं ..
जवाब देंहटाएंआशा करते हैं की आपका पत्र इमानदारी से लोगों तक अपनी बात पहुंचाएगा ..
कलमदान को स्थान देने के लिए धन्यवाद ..
सभी लिनक्स पर जाना होगा .
.मेरा कंप्यूटर जो ठीक हो गया है अब ..:)
kalamdaan
हमेशा की तरह सुंदर और सार्थक चर्चा.....
जवाब देंहटाएंआभार
सादर.
हमेशा की तरह सुंदर और सार्थक चर्चा.....
जवाब देंहटाएंआभार
सादर.
सुशील जी आपने बारीकी से गौर किया। दरअसल में रात में मैंने पोस्ट लगाई थी, मेरी घडी और सिस्टम की घडी में कुछ मिनटों का फर्क था इसलिए यह गलती हो गई। मुझे लगा कि 12 बज गए हैं जबकि बारह बजने में दो चार मिनट कम थे, इसलिए तारीख नहीं बदल पाई। इसके लिए क्षमाप्रार्थी हूं।
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा
जवाब देंहटाएंबधाई अतुल जी ,अच्छी रचनाओं से रूबरू करानें के लिये.
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा,
जवाब देंहटाएंहर तरह के रंग है इस मंच पर,
इसी में मेरे ब्लाग भी शामिल है, आभार
बड़ी सुन्दर चर्चा।
जवाब देंहटाएंशुक्रिया अतुल जी,
जवाब देंहटाएंकाफी बढ़िया लिंक समेट लाए हैं..
मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए धन्यवाद
sarthak links sanjoye hain atul ji .aabhar
जवाब देंहटाएंLIKE THIS PAGE ON FACEBOOK AND WISH INDIAN HOCKEY TEAM FORLONDON OLYMPIC
चर्चा मंच के मार्फ़त चर्चे और चरखे बढ़िया रहे .
जवाब देंहटाएं...चर्चामंच सुन्दर प्रस्तुतियों से सुसज्ज है!...आभार!
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया लिंक्स के साथ सुन्दर सार्थक चर्चा प्रस्तुति..आभार
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंacchi links hai atul ji.aapki newspaper ke lie badhaai..aap itne kaam ke beech samy nikaal rahe hai jaankr khushi hoti hai
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद चर्चा मंच में शामिल करने के लिए....
जवाब देंहटाएंआज की चर्चा वाकई कुछ अलग हट कर है.बहुत ही अच्छे लिंक्स मिले ...इतनी सुंदर चर्चा प्रस्तुत करने के लिए आपको बधाई...
बहुत सारे लिंक भी दिए हैं और ब्लॉग बहुत आकर्षक है.
जवाब देंहटाएंघुघूतीबासूती
धन्यवाद मित्रवर अतुल जी!
जवाब देंहटाएंकल रात को देहरीदून से लोट आया हूँ।
अब नियमित हो गया हूँ।
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चर्चा बहुत अच्छी लग रही है।