नमस्कार।
चर्चा मंच में आपका स्वागत है। ब्लाग जगत भी निराला है। कोई पहली पोस्ट कर रहा है तो कोई ब्लाग लेखन समय की कमी के कारण बंद कर रहा है। इन दिनों मैं भी व्यस्त हूं। प्रिंट मीडिया में एक नया दायित्व निभाने के बाद समय ब्लाग जगत को नहीं दे पा रहा हूं। इसका असर मेरे अपने ब्लाग में भी पडा है। दूसरों के ब्लाग में पहले जैसा नहीं जा पाता सो कमेंट की संख्या मेरे ब्लाग में भी कम हो गई है। खैर यह तो चलते ही रहता है। हम शुरू करते हैं ब्लाग जगत की सैर..... यह कहते हुए कि शायद यह मेरी आखिरी चर्चा हो...... इसके बाद अपने ब्लाग में तो समय समय पर मुलाकात होते रहेगी पर चर्चा मंच पर नहीं.........
सबसे पहले चर्चा करते हैं उस ब्लाग की जो पहली बार लिखी गई है। हालांकि लगता नहीं कि पहली पोस्ट है। पहली पोस्ट में ही काफी सारी चीजें समाहित हैं। नंदिता जी की कलम से एक नजर मेरी बात पर ....
अब विक्रम जी लिख रहे हैं इस ब्लॉग की आखिरी पोस्ट ......
संजय भास्कर जी का चिंतन देखिए बेटे और बेटियो में फर्क क्या यही मॉडर्न समाज की पहचान है......?
मंगलवार को अक्षय तृतीया है। भूमिका राय जी बता रही हैं भारतीय शादियों के कुछ रोचक पहलू....
धीरेन्द्र जी की नशीली गजल
संजीव तिवारी जी बता रहे हैं अंकों का इतिहास
पल्लवी जी की स्कॉटलैंड यात्रा - तीसरा और अंतिम भाग
रश्मि रविजा जी के अंदाज में हॉस्टल की कुछ शरारतें..
अनुपमा जी बता रही हैं समझो छाँव की भाषा!
वंदना जी के शब्दों में बस नववधु द्वार से ही वापस मुड जाती है
सदा जी कहती हैं वक़्त ये बीज़ बोकर रहेगा ...
रश्मि प्रभा जी कहती हैं तथास्तु और सब ख़त्म !!!
ऋतु जी कहती हैं मन आईना
एक्सप्रेशन के शब्दों में रस्साकशी -सच और झूठ के बीच.
राजेश शर्मा जी का बेहतरीन अंदाज देखिए शाहरूख प्रकरण पर 'शाहरुख' के 'दर्द' का एहसास
महेन्द्र श्रीवास्तव जी अन्ना और रामेदव के संबंधों पर कहते हैं ये अंदर की बात है
शिखा वार्ष्णेय जी बता रही हैं डूबते सूरज की चमक ..
दिप्ती शर्मा जी कहती हैं मैं कोई किस्सा सुनाऊंगी कभी
संतोष त्रिवेदी जी की मानें तो बने रहना कठिन है !
सुषमा जी को ना जाने क्यों डर सा लगता है.....!!!
संजय महापात्रा जी के अंदाज में देखिए अन्ना गैंग का MMS
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' जी लाए हैं आज कुछ दोहे-"काहे का अभिमान"
अब दीजिए अतुल श्रीवास्तव को इजाजत।
अलविदा.............
चर्चा मंच में आपका स्वागत है। ब्लाग जगत भी निराला है। कोई पहली पोस्ट कर रहा है तो कोई ब्लाग लेखन समय की कमी के कारण बंद कर रहा है। इन दिनों मैं भी व्यस्त हूं। प्रिंट मीडिया में एक नया दायित्व निभाने के बाद समय ब्लाग जगत को नहीं दे पा रहा हूं। इसका असर मेरे अपने ब्लाग में भी पडा है। दूसरों के ब्लाग में पहले जैसा नहीं जा पाता सो कमेंट की संख्या मेरे ब्लाग में भी कम हो गई है। खैर यह तो चलते ही रहता है। हम शुरू करते हैं ब्लाग जगत की सैर..... यह कहते हुए कि शायद यह मेरी आखिरी चर्चा हो...... इसके बाद अपने ब्लाग में तो समय समय पर मुलाकात होते रहेगी पर चर्चा मंच पर नहीं.........
सबसे पहले चर्चा करते हैं उस ब्लाग की जो पहली बार लिखी गई है। हालांकि लगता नहीं कि पहली पोस्ट है। पहली पोस्ट में ही काफी सारी चीजें समाहित हैं। नंदिता जी की कलम से एक नजर मेरी बात पर ....
अब विक्रम जी लिख रहे हैं इस ब्लॉग की आखिरी पोस्ट ......
संजय भास्कर जी का चिंतन देखिए बेटे और बेटियो में फर्क क्या यही मॉडर्न समाज की पहचान है......?
मंगलवार को अक्षय तृतीया है। भूमिका राय जी बता रही हैं भारतीय शादियों के कुछ रोचक पहलू....
धीरेन्द्र जी की नशीली गजल
संजीव तिवारी जी बता रहे हैं अंकों का इतिहास
पल्लवी जी की स्कॉटलैंड यात्रा - तीसरा और अंतिम भाग
रश्मि रविजा जी के अंदाज में हॉस्टल की कुछ शरारतें..
अनुपमा जी बता रही हैं समझो छाँव की भाषा!
वंदना जी के शब्दों में बस नववधु द्वार से ही वापस मुड जाती है
सदा जी कहती हैं वक़्त ये बीज़ बोकर रहेगा ...
रश्मि प्रभा जी कहती हैं तथास्तु और सब ख़त्म !!!
ऋतु जी कहती हैं मन आईना
एक्सप्रेशन के शब्दों में रस्साकशी -सच और झूठ के बीच.
राजेश शर्मा जी का बेहतरीन अंदाज देखिए शाहरूख प्रकरण पर 'शाहरुख' के 'दर्द' का एहसास
महेन्द्र श्रीवास्तव जी अन्ना और रामेदव के संबंधों पर कहते हैं ये अंदर की बात है
शिखा वार्ष्णेय जी बता रही हैं डूबते सूरज की चमक ..
दिप्ती शर्मा जी कहती हैं मैं कोई किस्सा सुनाऊंगी कभी
संतोष त्रिवेदी जी की मानें तो बने रहना कठिन है !
सुषमा जी को ना जाने क्यों डर सा लगता है.....!!!
संजय महापात्रा जी के अंदाज में देखिए अन्ना गैंग का MMS
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' जी लाए हैं आज कुछ दोहे-"काहे का अभिमान"
अब दीजिए अतुल श्रीवास्तव को इजाजत।
अलविदा.............
सुव्यवस्थित चर्चा. आभार.
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को चर्चामंच में स्थान देने के लिए,..
जवाब देंहटाएंअतुल जी,...बहुत२ आभार,...
विक्रम जी, की पहली रचना,और आख़री पोस्ट लिखने की जानकर दुख हुआ,..आशा है विक्रम जी
जवाब देंहटाएंइस पर पुनः विचार करे,...
आभार आपका चर्चा मंच में पोस्ट लगाकर । इतना ही कहुँगा कि मैने कोई ब्लाग लिखा नहीं है । इस मुद्दे पर नये सिरे से सोचकर आंदोलन के पीछे छुपे चरित्र पर चर्चा जरूर होनी चाहिए और इसके लिए चर्चा मंच से बेहतर और कौन सा मंच होगा ।
जवाब देंहटाएंअतुल भाई के लिए बस इतना ही कहूँगा
जब तक बिका ना था कोई पूछता ना था
तुमने खरीदकर मुझे अनमोल कर दिया ॥
अच्छे लिनक्स लिए बढ़िया चर्चा
जवाब देंहटाएंयह जानकार दुःख हुआ कि व्यस्तताओं के चलते आपका यहाँ बने रहना कठिन है,पर दूसरी जिम्मेदारियां भी सही निभा पाने के लिए यह ज़रूरी हो गया था.
जवाब देंहटाएंआभार आपका !
ब्लाग जगत में आकर
जवाब देंहटाएंकुछ बदल जायेगा
पुराना छोड़ कुछ
नया लायेगा
आदमी मैं वोही तो हूँ
जो रोज देखती है
वो पडो़स में अखबार में
टी वी में बाजार में ।
'एक नजर मेरी बात' पर
से हुवी है बेहतरीन शुरुआत
चर्चामंच लाया है अज
नयी नयी सौगात ।
बहुत सूत्र पढ़े हैं, अतिरिक्त कम ही पढ़ने हैं।
जवाब देंहटाएंआभार ||
जवाब देंहटाएंमेरी प्रथम पोस्ट को चर्चा मंच देने के लिए अतुल जी आपका बहुत बहुत आभार ,साथ ही अच्छा संकलन
जवाब देंहटाएंसभी कार्य अनिवार्य हैं..उसी प्रकार चर्चा मंच पर भी आपकी अनुपस्थिति सभी को खलेगी...
जवाब देंहटाएंआशा है आप इस मंच पर अपनी हाजरी देते रहेंगे व समय समय पर हमें ब्लॉग जगत की नयी प्रतिभाओं से अवगत कराते रहेंगे..
'कलमदान ' को प्रस्तुत करने के लिए धन्यवाद..
बढिया चर्चा!
जवाब देंहटाएंबढ़िया.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद..
प्रशंसनीय पोस्ट , बेहतरीन चर्चा
जवाब देंहटाएंप्रिंट मीडिया में आपकी सफलता की कामना करती हूँ.........
जवाब देंहटाएंचर्चामंच में आपकी कमी खलेगी....
आशा है आप अपने ब्लॉग को साँसें देते रहेंगे....
हमारी रचना आज की चर्चा में शामिल करने का शुक्रिया अतुल जी .........
अनंत शुभकामनाये.
अनु
बहुत सुंदर मंच सजाया है भाई अतुल
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया
हर बार की तरह आपने अच्छी चर्चा सजाई है. मेरी रचना को चर्चामंच में स्थान देने के लिए,..
जवाब देंहटाएंअतुल जी,...बहुत-बहुत आभार,...
अच्छे लिंक्स का संयोजन है... शुक्रिया
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा मंच ।
जवाब देंहटाएंआभार!
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा है आज ...
जवाब देंहटाएंधन्यवाद अतुल श्रीवास्तव जी!
जवाब देंहटाएंआपका अभाव खलेगा चर्चा मंच को!
बहुत ही अच्छे लिंक्स का चयन किया है आपने ...जिनके साथ मेरी रचना को शामिल करने के लिए आभार ।
जवाब देंहटाएंबेहद प्रशंसनीय लिंक्स का चयन किया है आपने
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को चर्चामंच में स्थान देने के लिए...अतुल जी
उम्दा चर्चा है,रविवार को मेरी पोस्ट भी चर्चा मंच पर लगाई गयी पर मैं व्यस्त होने के कारण चर्चा मंच पर शामिल नहीं हो पाई,माफ़ी चाहती हूँ
जवाब देंहटाएंअतुल सर चर्चा मंच में अंकों का इतिहास को लेने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंVivek, Akaltara