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गुरुवार, अप्रैल 12, 2012

चर्चा - 847

आज की चर्चा में आप सबका हार्दिक स्वागत है 
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पूनम जी प्रस्तुत कर रही हैं जावेद अख्तर जी की ग़ज़ल 

मानवाधिकार हनन की बढती घटनाएं और हमारा तन्त्र ------ लोकसंघर्ष का संघर्ष 
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यह शिकवा नहीं अरुण जी की सिफारिश है 
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स्वास्थ्य चर्चा - रत को सोते समय ध्यान रखिएगा इन कुछ उपयोगी बातों का 
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काँटों से बचो पर फूल को न छोडो - ऐसा ही कुछ है वटवृक्ष पर 

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स्वाती जी कह रही हैं ---- सुनो श्याम 
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ये है माया बाई का मुजरा 

किस तरह जीयें यहाँ हैं , यार काँच के.

मिलिए दीनदयाल जी से 

पहचानिए इस नन्हे ब्लोगर को 

अंत में 
प्यार की खुशबू फैले आओ दुआ करें 
आज के लिए बस इतना ही
धन्यवाद
दिलबाग विर्क 
***************************

23 टिप्‍पणियां:

  1. धन्यवाद मित्रवर विर्क जी!
    कल रात को देहरीदून से लोट आया हूँ।
    अब नियमित हो गया हूँ।
    --
    चर्चा बहुत अच्छी लग रही है।

    जवाब देंहटाएं
  2. जय हो चर्चाकार की चर्चा दिये बनाये
    शिक्षक जैसे कक्षा का होमवर्क दे जाये
    होम वर्क मिल जाये दिनभर काम करेंगे
    पढ़ पढ़ उत्तम लिंक्स टिप्पणी एक धरेंगें
    मेहनत आप की देख दिल बाग बाग हो जाये
    उल्लूक आप से रोज रोज कैसे टकरा जाये
    प्रेम आप का देख देख उल्लू का दिल भर आये।

    आभार !!

    जवाब देंहटाएं
  3. बड़े ही सुन्दर सूत्र पिरोये हैं।

    जवाब देंहटाएं
  4. सुन्दर लिंक्स.मुझे स्थान दिया,आभार.

    जवाब देंहटाएं
  5. दिलबाग जी ने बहुत ख़ूबसूरती से लिंक्स का चयन किया है। जिसमें साहित्य के साथ ब्लॉग जगत के ताज़ा घटनाक्रम की भी अक्कासी हो रही है।

    जवाब देंहटाएं
  6. दिलबाग जी चर्चामंच पर मेरा ब्लॉग शामिल करने के लिए बहुत-बहुत (धन्यवाद - शुक्रिया- आभार)


    अरुन शर्मा

    जवाब देंहटाएं
  7. मेरी कविता को शामिल करने के लिये दिल से शुक्रिया दोस्त . लिंक्स सभी अच्छे है .. धन्यवाद.

    जवाब देंहटाएं
  8. सुन्दर लिंक्स...बहुत रोचक चर्चा...मेरी रचना को स्थान देने के लिये आभार....

    जवाब देंहटाएं
  9. आदरणीय दिलबाग विर्क जी,

    आपने चर्चामंच पर माया बाई का मुजरा करवा कर बड़ा अच्छा काम किया है। आपका किन शब्दों में शुक्रिया करूँ। हमें दो पैसे मिल गये। और आजकल मायाबाई भी फालतू ही बैठी थी। वैसे आजकल जबसे अखिलेश बाबू दारोगा बने हैं, उन्होंने लखनऊ के सारे कोठों पर माया के मुजरे पर पाबंदी लगा दी है। और भी कहीं मौका हो मुजरा करवाना हो तो सेवा का अवसर देना। आपके लिए तो मायाबाई तो खाली बख्शीश में भी नाच लेगी।

    जवाब देंहटाएं
  10. बहुत सुन्दर लिंक्स.मुझे स्थान दिया,आभार.

    जवाब देंहटाएं
  11. सुन्दर चर्चा मंच सजाया है।

    जवाब देंहटाएं
  12. सुन्दर चर्चा मंच सजाया है।

    जवाब देंहटाएं
  13. ऐसी चर्चा हर चिट्ठाकार के लिए ऊर्जादायी होती है।

    जवाब देंहटाएं
  14. आदरणीय दिलबाग विर्क जी सुन्दर मनभावन चर्चा ..सुन्दर लिंक्स , हर तरह के रंगों को संजोती हुयी -बधाई - मेरी भी एक रचना होंठ रसीले -रस रंग भ्रमर का से आप ने चुना सुन मन खुश हुआ
    जय श्री राधे
    भ्रमर ५

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  15. dilbag ji -charchamanch se hi dr.o.p.varma ji ki post ka link mila .MAYAVATI JI par aapattijanak post prastut ki gayi hai .charcha manch par aisi post ka link ek sateek tippani ke sath yadi aap karte to o.p. ji ko pata chalta ki is manch se aisi post ko sammanit nahi balki aalochna hetu prastut kiya gaya hai .any link behtar hai .aabhar

    जवाब देंहटाएं
  16. बहुत ही अच्‍छे लिंक्‍स का चयन किया है आपने जिनके साथ मेरी रचना को शामिल करने के लिए आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  17. sundar prastuti.dilbag ji charcha manch par jis post ko sthan den uske bare me apne vichar bhi avashay vyakt karen ye main aapse pahle bhi kah chuki hoon aur aapke sath anya charcha karon se bhi yahi nivedan karti hoon kyonki o.p.varma ji jaise kutsit lekhan karne vale bloggar bhi ise apnee tareef main grahan karte hain .kripya ye charcha manch ke niyamon me shamil karayen..''manzil pas aayegi

    जवाब देंहटाएं
  18. ज़र्रा नवाज़ी के लिए शुक्रिया .

    जवाब देंहटाएं

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