नमस्कार।
समय कितनी जल्दी बीतता है, पता ही नहीं चलता। मौसम भी रूख बदलता रहता है। सच ही कहा है किसी ने पागल होने का कोई सही मौसम नहीं होता
कौन है ये अजनबी सा
कहां खो जाती है काव्य धारा
गजब है जवां यादें
एक मस्ताना निकला है कहते
ये क्या है आधुनिक ओस्वित्ज़ केम्प
कवि मन कहता है कवि निराकार में भी आकार ...
कीजिए सैर स्काटलैंड की
कीजिए प्रण धरा को ही दे दूं ...!!
बहुत खूब कहा, मैन इज सोशल ए एनीमल.....
ये तरीका भी क्या खूब है,
उम्मीदों की उडान देखिए .... हम आसमां टटोलते हैं..
क्या कहता है कवि
चिंतन कीजिए दीवारें नहीं, पुल चाहिए .. 2
मेरी पोस्ट को अपनी चर्चा मे स्थान देने के लिए आपका बहुत बहुत आभार अतुल जी !
ReplyDeleteबढ़िया लिनक्स लिए चर्चा ......
ReplyDeleteअच्छे लिंकों के साथ बढ़िया चर्चा की है आपने!
ReplyDeleteआभार!
चर्चा मंच की सुन्दर चर्चा ,सुन्दर रचनाओं के साथ ..बधाईयाँ जी /
ReplyDeleteबढ़िया चर्चा
ReplyDeleteआभार ||
ReplyDeleteआभार अतुल जी .....बहुत बढ़िया लिंक्स चयन ....उत्कृष्ट चर्चा .....
ReplyDeleteप्रण ज़रूर लें इस वर्ष ...वर्षा के समय कुछ वृक्षारोपण ज़रूर करें ....!!
सुन्दर संयोजन..
ReplyDelete.आज आपने अखबार के बारे में नहीं बताया ..
कलमदान को स्थान देने के लिए धन्यवाद..
वाह !!
ReplyDeleteपागल बनाने के लिये भी
बादल और बरसात कहाँ चाहिये
पागल होने वाला और पागल
बनाने वाला बस एक साथ चाहिये
चर्चामंच बहुत सुंदर बनाया गया है
यहाँ कहाँ किसी को भी
अतुल ने पागल बनाया है।
और हाँ ! मेरी कविता की पंक्ति को चर्चा मंच का शीर्षक बनाने के लिए धन्यवाद..!!
ReplyDelete:)
बहुत बढ़िया अतुल जी............
ReplyDeleteशानदार चर्चा....
शुक्रिया.
अनु
नयाभिराम व रोचक चर्चा मंच
ReplyDeleteमेरी रचना को चर्चा मंच मे स्थान देने के लिए आपका बहुत बहुत आभार अतुल जी !
ReplyDeleteसभी लिंक्स बहुत ही बढ़िया है!....धन्यवाद!
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर, शालीन और सन्तुलित चर्चा... बधाई
ReplyDeleteबहुत बढ़िया लिंक्स.... अतुल जी
ReplyDeleteसुन्दर चर्चा बहुत बढ़िया लिंक्स..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर लिंक संयोजन सुन्दर चर्चा
ReplyDeleteबहुत ही अच्छी चर्चा।
ReplyDelete.बहुत बढ़िया चर्चा भाईसाहब .
ReplyDelete.बहुत बढ़िया चर्चा भाईसाहब .
ReplyDelete.बहुत बढ़िया चर्चा भाईसाहब .
ReplyDeleteबड़ी अच्छी चर्चा।
ReplyDeleteबहुत ही अच्छे लिंक्स का चयन जिनके साथ मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार ।
ReplyDeleteआज कल बहुत कार्यव्यवस्ता की वजह से नेट पर नहीं आ पा रही हूँ ... कुछ देर के लिए बस... पर यहाँ पर आ कर काफी अच्छे लिंक मिल जाते हैं...समय की बचत भी हो जाती है... मेरी पोस्ट को जगह मिली ..आपका आभार ..
ReplyDeleteबहुत प्यारे लिंक दिए अतुल भाई ....
ReplyDeleteआभार आपका !
sundar links hai atul ji aaj sare padhene wali hu
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