आज की चर्चा में आप सबका हार्दिक स्वागत है
चलते हैं चर्चा की ओर
कविता संग्रह क्षितिज की पहली कविता असमंजस
आदमी का भटकाव दिखा रहे हैं डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री जी
अज्ञेय जी की कविता - हथोडा अभी रहने दो
ग़ज़ल - ऐसी सूरत चांदनी की
चिक्तिसीय आधार पर सामाजिक प्रथा के दोष दिखाती पोस्ट
जब नीम-सी लगे माँ
बेचारे डॉ. साहिब और अपने कुंवर जी
दो रोटी के पड़े हैं लाले
नासमझ
अपना-सा लगता है कोई अजनबी
कम न आंकिए
विवशता नापसंद को पसंद करने की
क्या मिलेगा भेड़ चल से छुटकारा
चेहरा मासूम , शातिर दिलो-दिमाग से
जलाने लगी है गर्मी
जुगलबंदी ब्लॉग हिंदी हाइकु पर
उदंती पत्रिका का अप्रैल माह का अंक
प्यार तो होना ही था ...............
सियानी गोठ
शैलजा नरहरि जी की तीन गज़लें
मामला सी डी का
सोइए और मधुमेह से बचिए
संजय जी - अलबेला जी वार्तालाप
कलैंडर या क्लीनर ----- समस्या भाषा की
आज की चर्चा में बस इतना ही
धन्यवाद
दिलबाग विर्क
********************
चलते हैं चर्चा की ओर

कविता संग्रह क्षितिज की पहली कविता असमंजस
आदमी का भटकाव दिखा रहे हैं डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री जी

अज्ञेय जी की कविता - हथोडा अभी रहने दो

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चिक्तिसीय आधार पर सामाजिक प्रथा के दोष दिखाती पोस्ट

जब नीम-सी लगे माँ
बेचारे डॉ. साहिब और अपने कुंवर जी
दो रोटी के पड़े हैं लाले

नासमझ

अपना-सा लगता है कोई अजनबी

कम न आंकिए

विवशता नापसंद को पसंद करने की

क्या मिलेगा भेड़ चल से छुटकारा
.jpg)
चेहरा मासूम , शातिर दिलो-दिमाग से

जलाने लगी है गर्मी
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उदंती पत्रिका का अप्रैल माह का अंक

प्यार तो होना ही था ...............

सियानी गोठ
शैलजा नरहरि जी की तीन गज़लें

मामला सी डी का

सोइए और मधुमेह से बचिए

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कलैंडर या क्लीनर ----- समस्या भाषा की
आज की चर्चा में बस इतना ही
धन्यवाद
दिलबाग विर्क
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आज की चर्चा में मेरी रचना शामिल करने के लिए आभाए |चर्चा बहुरंगी है |
ReplyDeleteआशा
वाह वाह
ReplyDeleteआभार ||
बहुत बढ़िया...!
ReplyDeleteइतनी विसंगतियों और नये ब्लॉगर की परेशानियों के चलते हुए भी आपने उपयोगी लिंकों के साथ अच्छी चर्चा की है दिलवाग जी!
आपका आभार!
बिखरी हुवी बातें को
ReplyDeleteनिखारा है ला के आज
मेहनत तुम्हारे लाई है
रंग भी भाई दिलबाग ।
Nice.
ReplyDeleteविचारशील संकलन ,बहुआयामी पोस्ट लिए मनोहारी है ,श्रम और समय का बहुमूल्य उपयोग .......आभार जी विरक साहब /
ReplyDeleteअच्छा है।
ReplyDeleteसुन्दर सूत्र..
ReplyDeleteThanks for the great links Dilbag ji.
ReplyDeletedhnyavaad
ReplyDeleteअछे लिंक्स मिले.
ReplyDeleteअच्छे लिंक संयोजन के लिए बधाई,...दिलबाग जी
ReplyDeleteMY RECENT POST...काव्यान्जलि ...: गजल.....
सुन्दर रोचक लिंक्स्।
ReplyDeleteबढिया लिंक्स...सुंदर प्रस्तुति...आभार!
ReplyDeleteSARTHAK LINKS .AABHAR
ReplyDeleteबेहतरीन लिंक्स पर पहुंचने का मौका देने और मेरी ग़ज़ल शामिल करने के लिए आभार. पता नहीं क्यों चर्चा मंच का साईट थोड़ी धीमी गति से खुलता है.
ReplyDeleteसभी लिंक्स बहुत सुन्दर!...मेरी रचना शामिल की आपने...बहुत अच्छा लग रहा है...धन्यवाद!
ReplyDeleteबहुत बढ़िया लिंक्स..
ReplyDeleteसार्थक चर्चा प्रस्तुति!
आभार!
बहुत से ऐसे बेहतरीन लिंक्स मिले जिनसे गुज़रना एक सुखद अनुभव था।
ReplyDeletenice
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