आज की मंगलवारीय चर्चा में आप सब का स्वागत है राजेश कुमारी की आप सब को नमस्ते , ,आप सब का दिन मंगल मय हो अब चलते हैं आपके प्यारे ब्लॉग्स पर
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ये जीवित पुतले नुमा आदमी कौन है ?प्रधानमंत्री है?
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आज की चर्चा यहीं समाप्त करती हूँ फिर चर्चामंच पर हाजिर होऊँगी कुछ नए सूत्रों के साथ तब तक के लिए शुभ विदा बाय बाय ||
पठनीय सुंदर लिंक संयोजन ,,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST... नवगीत,
हृदय से आभार राजेश जी ....
जवाब देंहटाएंइतनी सुंदर चर्चा और बढ़िया लिंक्स के बीच अपनी रचना देख बसंती सुबह खिल गई ...!!
बहुत बहुत आभार ...!!
सादर शुभकामनायें !!
अच्छे चुनिन्दा लिंकों से सजी खूबसूरत चर्चा !!
जवाब देंहटाएंVary nice link.....s
जवाब देंहटाएंप्रभावी चर्चा -
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें ।।
bahut sundar ... jaandaar-shaandaar ...
जवाब देंहटाएंराजेश कुमारी जी नमस्कार आज की मंगलवारीय चर्चा में आप ने बहुत अच्छे लिंक दिए हैं आपका बहुत बहुत आभार जिन लिंकों तक हम नहीं पहुँच पते हैं उन लिंकों को आप चर्चा मंच के माध्यम से हम तक पहुंचा देती हैं इस मंच पर मेरे ब्लॉग से भी बहुत बार लिंक दिया गया है
जवाब देंहटाएंबस एक ये ही बात कहना चाहता की चर्चा मंच मैं जितने भी लिंक किये जाते हैं वो सब लग-भग बड़े ब्लोगरो के ही ब्लॉग से होते हैं
ये बड़े बड़े ब्लोगरो के लिंकों से चर्चा मंच सजता है
मुझे इन से कोई शिकायत या ईष्या नहीं है पर क्या जो छोटे ब्लागर हैं उन तक शायद आप बहुत कम जाते हैं पर क्यूँ ?
मुझे इस बात का इल्म है
ये भी सम्भव नहीं की हर छोटे या बड़े ब्लागर के ब्लॉग पर पहुँचना सम्भव है पर छोटे और नये ब्लोगर को चर्चा मंच मिल जाये तो वो परोत्साहित तो होंगे ही कम से कम नए ब्लोगरों को कम से कम 5-6 लिंक तो दिए ही जाने चाहिए
दिनेश पारीक
मेरी नई रचना
ऐ तू वफ़ा रुसवा नहीं करना
दिनेश प्रतीक् जी आपकी प्रतिक्रिया पढ़ी बहुत अच्छा लगा हम तो चाहते हैं कि लोग चर्चा मंच के विषय में अपनी प्रतिक्रिया दें सबसे पहले मैं आपके दिल का वो खयाल दूर् करना चाहूँगी कि चर्चा मंच में नए ब्लॉगर के लिंक ही लिए जाते हैं हम तो नए ब्लोग्रो को ढूंढते रहते हैं होता क्या है जिस वक्त चर्चा लिखते हैं उस दिन सेपहले जो एग्रीगेटर पर न्यु लिंक चमकता है वो हम ले लेते हैं ,आपका सुझाव सही है मेल से भी लिंक दे सकते हैं आज मैंने आपको फॉलो कर लिया अब आपकी रचना मेरे एग्रीगेटर पर आएगी सोमवार को यदि आपनेकोई न्यु रचना लिखी होगी तो जरूर शामिल करूँगी आज भी आपकी रचना को शामिल कर रही हूँ|
हटाएंराजेश कुमारी जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद
हटाएंराजेश कुमारी जी बात मेरे लिंक की नहीं है आप मेरे तक ही सिमित तो मत रहिये आप की बातो से ऐसा लगा की अप ने मेरी कोई पोस्ट लिंक नहीं की पर ये तो मैं पहले ही साफ कह चूका हूँ की बात मेरे पोस्ट के लिंक की नहीं हैं चर्चा मंच की पोस्ट मैं हर रोज़ देखता हूँ और देखने के बाद ही मेने असा कहा की जितने भी लिंक किये जताए है वो नये ब्लोगरो के बहुत ही कम होते हैं अगर नये ब्लोगरो के लिंक होते भी हैं कभी कभार तो वो अपवाद मैं ही होते हैं
दिनेश पारीक जी, हम चर्चा मंच सजाने के लिए अपने डेशबोर्ड का प्रयोग करते हैं, जिसमे उन लोगों के ब्लॉग होते हैं जिन्हे हम फॉलो कर रहे होते हैं | इसके अलावा हम कई ब्लॉग एग्रीगेटर में जाकर अच्छे पोस्ट का लिंक ढूंढते हैं | इस दौरान हमे नए पुराने जो भी ब्लॉग मिलते हैं हम शामिल करने की कोशिश करते हैं |हमारी कोशिश हमेशा से ये रहती है की मंजे हुए ब्लॉगर के उम्दा पोस्ट के साथ साथ हम नए ब्लॉगर को व आप सब तक पहुंचा सके |
हटाएंअगर आपके पास ऐसे ब्लॉग या ब्लॉगर हैं जिन तक हम नहीं पहुंच पा रहे हैं तो कृपया नीचे दिये गए ब्लॉग एग्रीगेटर में कमेंट के रूप मे उसका लिं दें ताकि हम नियमित रूप से उनके पोस्ट को शामिल कर सकें | आभार |
ब्लॉग"दीप"
बहुत ही अच्छी प्रस्तुति ... पठनीय सूत्र
जवाब देंहटाएंआभार
shukriya rajeshkumari ji , hamen bhi yahan shamil karne ke liye bahut acchi prastuti hai , badhai aapko
हटाएंसभी लिंक्स एक से बढ़कर एक..
जवाब देंहटाएंमुझे भी आखिरी समय में स्थान मिल ही गया।
आद. शास्त्री जी, राजेश कुमारी मेम आपका बहुत बहुत आभार
सुंदर चर्चा.....
जवाब देंहटाएंमैं अपवाद हूँ शायद :) ,
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच पर मेरे जैसे छोटे ब्लोगर को जगह देने का शुक्रिया |
सादर
राजेश कुमारी जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद
जवाब देंहटाएंराजेश कुमारी जी आप ने तो मुझ पर साफ - साफ दोष मड दिया की मेरी पोस्ट लिंक नहीं हवी तो मैं नाराज हूँ
पर मैंने तो बात कुछ और ही कही है
दिनेश जी खेद है आप मेरा उत्तर ठीक से समझ नही पाये वरना ये ना कहते मैंने पहले ही लिखा है कि न्यु ब्लॉगर को एक तो एग्रिगेतर में आना चाहिए दूसरे जब हम चर्चा लिख रहे हों उस वक्त उनकी लेटेस्ट पोस्ट आनी चाहिए इसमे आपके ऊपर दोष मढ़ने कि बात कहाँ से आ गई क्या मुझे आपकी पोस्ट जब मुझे आपका लिंक मिला है पोस्ट नही करनी चाहिए थी कितने ब्लॉगर मेल भी करके लिंक दे देते हैं उसे मैं बाद में भी पोस्ट कर देती हूँ क्या ग़लत है
जवाब देंहटाएंये उपर्युक्त उत्तर दिनेश पारिक जी के लिए है
हटाएंहाँ राजेस्ग कुमारी जी
हटाएंपर वो तो सम्भव तभी होगा न जब चर्चा मंच के लेखक उन लेखको को फोलो करेंगे वरना आप सब को कैसे पता चलेगा की किस - किस ने नई रचना पोस्ट की है
बेटे जी ये सब मुझे पता है इसी लिए आज 300 लोग मेरे एग्रीगेटर पर हैं और मेरे कुल 140 फोलोवर अब आप क्या कहेंगे ,मेरे ब्लॉग पर जो भी कोई न्यु टिप्पणी करता है उसे मैं तुरंत फॉलो कर अपने एग्रीगेटर में ले लेती हूँ उम्मीद करती हूँ कि आप समझ गए होंगे आगे कोई वार्तालाप नही चाहती
हटाएंसुन्दर लिंक संयोजन
जवाब देंहटाएंराजेश जी, विविधताओं से भरे सुंदर लिंक... और मुझे शामिल करने के लिए आभार !
जवाब देंहटाएंलिंक्स चुन चुनकर ... मैं हूँ तो मुस्कान लम्बी है चेहरे पर
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छे सूत्रों से सजी चर्चा .सुन्दर प्रयास अफज़ल गुरु आतंकवादी था कश्मीरी या कोई और नहीं ..... आप भी जाने संवैधानिक मर्यादाओं का पालन करें कैग
जवाब देंहटाएंबान हारे की बान न जाए ,
जवाब देंहटाएंकुत्ता मूते टांग उठाय .
पुरानी आदत है कोंग्रेसियों की अपनी शेव बनाके साबुन दूसरे के मुंह पे फैंकना .आपका विश्लेषण सटीक था .बहरसूरत मेला स्थल से भी लोगों को लताड़ा गया था .स्टेशन पे आने न दिया गया इस
घटना के बाद .राटा कटी फुटपाथों पे .ऐसे रेल मंत्रियों को काशी करवट दिलवानी चाहिए .
बड़ा सवाल : क्या मूर्ख हैं रेलमंत्री ?
♥ सादर ♥
"ज्यादातर तो मूर्ख ही, बनते यहाँ वजीर।
पंक सरोवर में भरा, नहीं अमल है नीर।।"
बहुत सुन्दर और उपयोगी चर्चा!
जवाब देंहटाएं--
यहाँ यह भी स्पष्ट कर देना चाहत हूँ कि हमारे चर्चाकार अपनी पसंद के लिंक ही लगाते हैं!
शास्त्री जी हार्दिक आभार
हटाएंबदलाव के इस दौर में उबलते प्रश्नों का ज़वाब मांगती है यह रचना जिसमें छटपटाहट और बे -चैनी तो है विद्रोह नहीं एक रास्ता चाहिए कारा तोड़ बाहर निकलने का .मस्त गगन में उड़ने का -पंछी
जवाब देंहटाएंबनूँ
उड़ती फिरूं मस्त गगन में ..........चर्चा मंच में हमारी रचना को शरीक करने के लिए आभार आप
सचमुच रचना में आपने -
सामाजिक मकड़ जाल ,उड़न डोले में झूलती परम्परा गत औरत की छवि मार्मिक ढंग से उकेरी है आपने .
क्या मैं स्वतंत्र हूँ?
Rajesh Kumari at HINDI KAVITAYEN ,AAPKE VICHAAR -
ये दिनेश भाई बड़ा -छोटा ,अगड़ा- पिछड़ा ब्लॉग क्या होता है ?
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी पोस्ट पर बारहा प्रतिक्रिया की है आप एक भी मर्तबा राम राम भाई पे आये हों तो बतलाएं .आपकी बात तथ्यों से परे है .आपकी
वर्तनी की अशुद्धियाँ भी बारहा शुद्ध की हैं जाओ जाके देखो फिर ये राजनीति क धंधेबाजों सी बात करना .अपुन दो टूक बोलता है बिंदास .
वीरेंद्र कुमार शर्मा जी हार्दिक आभार
हटाएंऐ तू वफ़ा रुसवा नहीं करना
जवाब देंहटाएंसुनो ऐसा नहीं करना
मैं पहले ही बहुत अकेला हूँ
मुझे और तन्हा नहीं करना
लोग कहते हैं हाथो की ........हाथों .....
लकीरे अधूरी होती हैं
पर तुम उस पर अमल मत करना
जुदाई भी अगर आये
दिल छोटा नहीं करना
बहु मश्रुफ हो जाना।।।।।।बहुत मसरूफ हो जाना .......
मुझे सोचा नहीं करना
भरोसा भी जरुरी है
मगर सबका नहीं करना
मुकद्दर फिर मुकद्दर है
कभी दावा नहीं करना
जो लिखा है जरुर होगा
कभी शिकवा नहीं करना
मेरी गुजारिश तुमसे है
मुझे आधा नहीं करना
हकीकत है मिलन अपना
इसे सपना नहीं करना
हमे (हमें )तुम याद रहते हो
हमे(हमें ) भूला नहीं करना
बहुत खूब लिखा है ऊंचे पाए की रचना दिनेश भाई .सब ब्लोगर भाई सब ब्लॉग बराबर हैं यहाँ कोई छोटा बड़ा नहीं हैं अलबत्ता उम्र में अपने से छोटों का ख्याल रखना हमारा फर्ज़ ज़रूर है .
(हमें ,मसरूफ ,हाथों )
ये मेरी वफ़ा
DINESH PAREEK at मेरा मन
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंविभिन्न प्रकार के पोस्ट रूपी पुष्पों से सजा सुंदर गुलदस्ता |
जवाब देंहटाएंsunder rachnaon mein meri sadharan se rachna ko maan dene ke liye dhanyawad
जवाब देंहटाएंshubhkamnayen
बहुत सुन्दर चर्चामंच सजाया है राजेश जी ! कई सार्थक लिंक्स मिले आज ! साभार !
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति. मुझे यहाँ शामिल करने के लिए धन्यवाद.
जवाब देंहटाएं