Followers



Search This Blog

Friday, February 15, 2013

मुस्कुराहटों का वासंती रंग :चर्चा मंच 1156

1000 वें समर्थक : चर्चा मंच आप का स्वागत करता है 

''बसंत है आया''


सरिता भाटिया 

 जुड़िये --

 (600 से अधिक सदस्य हैं )
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण) 

दिल से मत तजना कभी, प्रीत-रीत उदगार।
सारस से तुम सीख लो, क्या होता है प्यार।१।
प्रेम दिवस पर लीजिए, व्रत जीवन में धार।
पल-पल-हर पल कीजिए, सच्चा-सच्चा प्यार।‍‍‍२।


Aamir Dubai 


"25 वर्षों का सफ़र एक स्वप्न-सा"
vandana gupta 
 ज़िन्दगी…एक खामोश सफ़र
आज, 15 फरवरी को 
ज़िन्दगी…एक खामोश सफ़रएक प्रयासज़ख्म…जो फूलों ने दिये वालीं
श्रीमती वन्दना गुप्ता की वैवाहिक वर्षगांठ है। 

इनका ईमेल पता rosered8flower@gmail.com है।
वन्दना गुप्ता जी
इस अवसर पर आपको और भाई साहब को बहुत-बहुत शुभकामनाएँ


dil se 

[DSC02120.JPG]

रात की स्याही का एक कतरा 

दिन के उजाले को निगल जाए 
अधरों पर खिलती मासूम मुस्कान 
कुम्हला कर रुदन बन जाए 
झूठे आरोपों की तानाशाही में 
सात परतों में सच दफ़न हो जाए 
तब हाथ की लकीर बदल देना ,ईश्वर मेरे 
एक नया सवेरा रच देना ।


 ram ram bhai
    (1)

अति मुखर की सीमा भी है मौन ,

यही क्या भाव तुम्हारा ,

तड़प लहर की कब बुझती ,

पा शांत किनारा ,

इन शांत तटों में ,

मर्यादा या उद्वेलन है ,क्या समझूं

हां समझूं या न समझूं ?




सब एक जैसे

Madan Mohan Saxena


धीरेन्द्र अस्थाना 


बुड्ढों का कैसा हो वसंत !

संतोष त्रिवेदी 

वेलेंटाइन गुरू, आप की बड़ी अनुग्रह-


प्यार के इज़हार के लिए १ ४ फरवरी ही क्यों .....????

कमलेश भगवती प्रसाद वर्मा 
चौदह "चौ-पाया" चपल, चौकठ चौकड़ छोड़ ।
दहकत दैया देह दुइ, दहड़ दहड़ दह जोड़ |
दहड़ दहड़ दह जोड़, फरकती फर फर फर फर |
*वरदा वर वरणीय, वरी क्या करता रविकर |
वेलेंटाइन गुरू, आप की बड़ी अनुग्रह |
इसीलिए फरवरी, चुनी शुभ चौदस चौदह ||
*कन्या
 Flower
Rajendra Kumar  
मिटटी डालो भूल पर, मेहनत हुई वसूल ।
हाथों पर सरसों जमे, खिलें धूल के फूल ।
खिलें धूल के फूल, मूल में प्यार निहित है ।
तेरे सत्य उसूल, जगत को सर्वविदित है ।
कहीं नजर ना लगे, लगे मस्तक पर दीठी ।
बहुत जरुरी बीज, मिले उप्जाऊ मिटटी ।।

प्रवाह  

वादी प्रतिवादी बने, बजरंगी को मोह |
बेली अलबेली मिली, जाय विराजे खोह |
जाय विराजे खोह, सोहता वेलेंटाइन |
चाकलेट डे रोज, चले कुछ वाइन-स्वाइन |
सनातनी उपदेश, देश में हुई मुनादी |
शादी की क्या फ़िक्र, मधुर यह मिलन सुवादी ||


Mere pas ...Girlfriend hai!


Bamulahija dot Com 



   sushma 'आहुति' 

 'आहुति' 

नखत गगन पर दिख रहे, गुजर गई बरसात |
लिखी आज ही सात-ख़त, खता कर रही बात |
खता कर रही बात, लिखाती ख़त ही जाती |
बीते जब भी रात, बुझे आशा की बाती |
आओ हे घनश्याम, चुके अब स्याही रविकर |
हुई अनोखी भोर, चुके अब नखत गगन पर ||



Yashwant Mathur 

होता हूँ नि:शब्द मैं, सुन बातें यशवन्त |
छोटी छोटी पंक्तियाँ, भरते भाव अनन्त |

भरते भाव अनन्त, प्यार का भरा समन्दर |
करता रविकर पैठ, उतरकर पूरा अन्दर |

प्रियवर है आशीष, लगाओ तुम भी गोता |
प्यार प्यार ही प्यार, सत्य यह शाश्वत होता || 

बसंत पंचमी हाइकु


sushila 


राज चतुर्दिक काम का, हर वीथी गुलजार |
नित बढ़ता सौन्दर्य है, पसरे प्यार अपार |

पसरे प्यार अपार, पढ़ी जीवन्त पंक्तियाँ |
हर्षित यह संसार, काम की बढ़ी शक्तियां |

बस में नहीं बसंत, करे काया को यह दिक् |
उड़ता मगन अनंत, दिखे ऋतुराज चतुर्दिक ||

Tushar Raj Rastogi 

सीधी साधी पंक्तियाँ, भाव दिखे हैं गूढ़ |
साधुवाद स्वीकारिये, देता रविकर मूढ़  | 

लो आया प्‍यार का मौसम, गुले गुलज़ार का मौसम - अविनाश वाचस्‍पति



 भैया मारे प्यार के, 'हग' मारे इंसान ।

चाकलेट दे रोज डे, देता वचन बयान ।



देता वचन बयान, मुहब्बत ना बलात हो ।

 दिखे प्यार ही प्यार, प्रेममय मुलाक़ात हो । 



कोना कोनी पार्क, चलो वन उपवन सैंया ।

जहाँ मिले ना शत्रु, नहीं बजरंगी भैया । 

नीतीश राज में मीडिया का कत्ल !


महेन्द्र श्रीवास्तव 

 जू ना रेंगे कान पर, विगड़ रही सरकार ।

जैसी भी हो मीडिया, है इसकी दरकार ।

है इसकी दरकार, व्यर्थ ना इसे दबाएँ ।

विज्ञापन सरकार, नहीं देकर ललचाये । 

रक्खो फर्क नितीश, कहें क्या आज काटजू ।

आँख कान ले खोल, रेंगने दे ये जू जू । 

 My Photo

बरगद का बूढ़ा पेड़


KAVYA SUDHA (काव्य सुधा)
गदगद बरगद गुदगुदा, हरसाए संसार |

कई शुभेच्छा का वहन, करता निश्छल भार |


करता निश्छल भार, बांटता प्राणवायु नित |

झुकते कंधे जाँय, जिए पर सदा लोक हित |


कैसा मानव स्वार्थ, पार कर जाता हर हद |

इक लोटा जल-ढार, होय बरगद भी गदगद

इसीलिए फरवरी, चुनी शुभ चौदस चौदह-

 चौदह "चौ-पाया" चपल, चौकठ चौकड़ छोड़ ।
दहकत दैया देह दुइ, दहड़ दहड़ दह जोड़ |
दहड़ दहड़ दह जोड़, फरकती फर फर फर फर |
*वरदा वर वरणीय, वरी क्या करता रविकर |
वेलेंटाइन गुरू, आप की बड़ी अनुग्रह |
इसीलिए फरवरी, चुनी शुभ चौदस चौदह ||
*कन्या

मयंक का कोना

बसंती रंग छा गया

Orkut Myspace Thinking of You Graphics and Comments
शाखाओं पर आ गयेनवपल्लव परिधान।
मौसम है मधुमास कापंछी गाते गान।


आखिरी ख़त .......
happy Valentine's day......


चहक रहे हैं बाग मेंकलियाँ-सुमन अनेक।
धीरज और विवेक सेचुनना केवल एक।


ताऊ और ताई का वेलेंटाईन डे.... 

सुख सरिता बहती रहेधार न हो अवरुद्ध।
निशि-दिन प्रेम प्रवाह सेइसको करो समृद्ध।


21 comments:

  1. बहुत ही अच्छे लिनक्स की चर्चा , चैतन्य को शामिल करने का आभार

    ReplyDelete
  2. वसंत के रंग में पूरी पूरी डूबी चर्चा |कई लिंक्स से सजी उम्दा चर्चा |मेरी पोस्ट शामिल करने के लिए आभार |
    आशा

    ReplyDelete
  3. रविकर की कलम से निकली आज की बढ़िया चर्चा!
    मगर ये क्या बात हुई मित्रों!
    अपनी पोस्ट देखी और कमेंट दिया-खिसक लिए!
    दूसरों के लिंकों पर भी जाइए!
    --
    आज, 15 फरवरी को
    चर्चामंच की चर्चाकार श्रीमती वन्दना गुप्ता की वैवाहिक वर्षगांठ है।

    इनका ईमेल पता rosered8flower@gmail.com है।
    वन्दना गुप्ता जी
    इस अवसर पर श्रीमती वन्दना गुप्ता को
    और उनके जीवनसाथी को बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!

    ReplyDelete
  4. बहुत सुन्दर रंगीन झलकियों और पठनीय लिंकों से सजी चर्चा में अपने लिंक को पाकर बहुत खुशी हुयी ,बसंत कि हार्दिक शुभकामनाएं !

    ReplyDelete
  5. आज तो बहुत कुछ है इस पिटारे में वाह आदरणीय रविकर भाई आज तो बहुत सुंदर विस्तृत चर्चा की है बसंत पंचमी की आप सभी को बधाई,और इस सार्थक चर्चा हेतु रविकर जी का हार्दिक आभार|

    ReplyDelete
  6. वंदना जी को शादी की साल गिरह मुबारक हो आपके जीवन में खुशियाँ ही खुशियाँ हो भगवान का आप लोगों के सिर पर आशीर्वाद का हाथ हो |

    ReplyDelete
  7. बसंत के रंग में डूबी गुलाबी चर्चा के लिए रविकर जी का आभार
    वंदना जी को ढेरों शुभकामनाएँ,वैवाहिक जीवन की पचीसवीं वर्षगाँठ पर
    मेरी रचना को स्थान देने के लिए शुक्रिया जी....
    गुज़ारिश : मौसम है आशिकाना.............

    ReplyDelete
  8. रविकर जी कमाल की चर्चा है...

    वंदना जी को बहुत बहुत मुबारकबाद....

    ReplyDelete
  9. बहुत शानदार कमाल की चर्चा ,,,,रविकर जी बधाई ,,,

    मेरी पोस्ट को मंच में स्थान देने के लिए ,,,आभार शास्त्री जी,,,,

    recent post: बसंती रंग छा गया

    ReplyDelete
  10. वंदना जी को बहुत बहुत मुबारकबाद
    बसंत पंचमी की आप सभी को बधाई,मेरी पोस्ट को मंच में स्थान देने के लिए. रविकर जी का हार्दिक आभार|

    ReplyDelete
  11. basant panchmi ki hardik shubhkamnayen .sarthak charcha .meri post ko yahan sthan dene hetu ravikar ji ka hardik aabhar .vandna ji ko vaivahik varshganthh ki hardik badhai

    ReplyDelete
  12. हमारी पोस्ट शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद अंकल!

    सादर

    ReplyDelete
  13. मलाल की बात है सच मुच

    एक बे -वफा से प्यार किया ,उसे नजर से चार किया हाय रे तूने ये क्या किया ,दे गईं धोखा हमें मीठी मीठी बातें .....

    शेष भारतीयों का
    विशेष वेलेंटाइन सन्देश अजीज कश्मीर की अवाम के नाम !

    डॉ शिखा कौशिक ''नूतन ''
    नेता जी क्या कहते हैं ?

    ReplyDelete
  14. भाषा टिप्पड़ी की फेसबुक पर एक नई अब आ गई
    असर सहर की भाषा का हमारे गाँव पर भी आ गया

    भारत पर इंडिया का नशा छा गया .

    एहबाब का चेहरा फेसबुक पे आ गया .

    बढ़िया प्रस्तुति .
    (मुबारक प्रेम दिवस पर प्रेम )

    हबीब का बहुवचन है अहबाब जैसे संबोधन में होता है हज़रात -हजरत से .
    65. मधु सिंह : फेसबुक

    madhu singh
    Benakab

    ReplyDelete
  15. वेलेंटाइन गुरू, आप की बड़ी अनुग्रह-

    लिखता लिंक लिख्खाड़ प्रेम की नित्य ही पाती .

    ReplyDelete
  16. बहुत सुन्दर रचना है :जीने के लिए इतना सामान बहुत है ....... रूपकात्मक अभिव्यक्ति अर्थ और भाव की (उसमें ,उड़ा शुद्ध रूप लिख

    लें ,बिंदी लगनी रह गई है दोनों स्थान पर ).

    मुबारक प्रणय की सिल्वर जुबली .डेट्रॉइट में एक डॉ सैनी हैं .सिलवर जुबली पर विवाह की उन्होंने दोबारा अपनी बारात निकाली सेहरा

    बाँध पहुंचे अपने घर द्वारे .बेहद ज़िंदा दिल इंसान हैं डॉ सैनी .

    "25 वर्षों का सफ़र एक स्वप्न-सा"
    vandana gupta
    ज़िन्दगी…एक खामोश सफ़र
    आज, 15 फरवरी को
    ज़िन्दगी…एक खामोश सफ़र, एक प्रयास, ज़ख्म…जो फूलों ने दिये वालीं
    श्रीमती वन्दना गुप्ता की वैवाहिक वर्षगांठ है।

    ReplyDelete
  17. उस तक आ ही जाती है
    कागज़ कोरा अधूरा
    रहा भी तो क्या
    सुगंध अभी तक बाकी है
    उसी में रच बस गयी है
    दिल में जगह काफी़ है |

    आस की महक बाकी है .बहुत सुन्दर रचना भाव जगत को उद्वेलित करती सी .अबके बिछुड़े शायद ,खाबों में मिलें ,जैसे सूखे हुए फूल किताबों में मिलें .

    दिया फूल गुलाब का

    Asha Saxena
    *साहित्य प्रेमी संघ*

    ReplyDelete
  18. बहुत शानदार कमाल की चर्चा ,,,,रविकर जी बधाई.

    ReplyDelete
  19. ताऊ डाट इन
    ताऊ और ताई का वेलेंटाईन डे....



    सेना भी पीछे हटे, डटे डेट पर जान |
    ताऊ ताई जान इक, ताई बड़ी महान |
    ताई बड़ी महान, पकड़ती हैं चिमटे से |
    करती छटपट जान, देह दो भाग बटे से |
    लेकिन ताऊ ठान, रहे दे उनको ठेना |
    ठना-ठनी घनघोर, पिटे सीधे सक्सेना ||


    ReplyDelete
  20. श्रीमती वन्दना गुप्ता जी को वैवाहिक वर्षगांठ पर हार्दिक बधाई। सभी लिंक और कृतियाँ भी बहुत सुंदर।
    बाहर होने के कारण चर्चा में शामिल न हो सकी इसका खेद है। मेरे हाइकु शामिल करने के लिए आभार रविकर जी।

    ReplyDelete

"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" पर

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथा सम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।