चर्चा देखकर आज चर्चा आयी याद
चर्चा ने ही चर्चा करवायी आज
हम तो भूल गये थे इस बार
शनिवार की चर्चा पर है अपना अधिकार
तो शुरु करें चर्चा लेकर नयी पुरानी पोस्ट
समय बिताने के लिये पढिये कुछ उपयोगी लिंक्स
एक दिन पुस्तक मेले के नाम …………2013
आप भी कीजिये
उत्सव के परिणाम अपने नज़रिए से दें
अब आया ऊँट पहाड के नीचे
यह जिजीविषा जो कभी सितार है कभी बाँसुरी
जीने को कुछ तो चाहिये
अपाहिज (लघुकथा)
ऐसा भी होता है
जन्मदिन की बहुत-बहुत बधाई ......
डर से इज्जत कैसे होगी
पता नहीं
"बदल रहा है ढंग" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
इसमें क्या है शक
पुस्तकें और पाठक
चिरंजीवी रिश्ता
कुछ नमकीन मीठीयों वाला
कौन है वो ?
वह सृष्टि है ..
तभी सबकी अपनी दृष्टि है
अफ़साने बुनती रूहानी आवाज़
रूह में उतर गयी
रिश्वत लिए वगैर...
काम नहीं होता
1. ओ री मलाला, जगाई नारी शक्ति, स्वस्थ रहो
जो बनी मिसाल
रामायण 22 - बारात का अवध में आगमन , उत्सव
धूम मचे धूम
स्त्री
सिर्फ़ सम्बोधन तक
वक़्त की धूप में ... !!!
बहुत कुछ सूख जाता है
मन रोता सत्य देखने को आज
क्या दिखा ?
कोई नाम ना लो
-
बधाई हो
भारत माँ को नमन
हमारा भी नमन
मौनी अमावस्या: महोदय योग में होगा स्ना्न-दान
जानिये ये भी
बहुत ही मस्त हैं :)
"हैप्पी प्रपोज्ड-डे" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
खूब मनाओ रोज नये नये डे
जीवित शाहकार
आज कहाँ मिलते हैं
ग्रोथ-रेट बस पाँच की, मिले कमीशन बीस-
ये हुयी ना बात
ज्ञान का, और अन्धविश्वासों का सूत्रपात
सदियों से हो रहा है
दहेज़ :इकलौती पुत्री की आग की सेज
ये आग कब बुझेगी ?
मत तन्हा तन्हा घबराना ...!!!!
कोई साथी कहीं मिल जाना
बहुत ही बढ़िया लिनक्स चुन लायीं हैं..... आभार
जवाब देंहटाएंसंक्षिप्त टिप्पणियों के साथ सुन्दर चर्चा!
जवाब देंहटाएंआभार!
कई लिनक्स और भावपूर्ण चर्चा |
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर प्रस्तुती,आज की चर्चा कुछ खास लगी,सुंदर लिंकों का अच्छा समायोजन किये हैं।
जवाब देंहटाएंअनन्तजी की यात्रा आनन्दमय हो..शुभकामनायें..
जवाब देंहटाएंसंक्षिप्त टिप्पणियों के साथ सुंदर लिंक्स संयोजन,,,,
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को मंच में स्थान देने के लिए वन्दना जी आभार,,,
नये चर्चाकार के रूप में श्री अरुण शर्मा अनन्त जी का स्वागत है ,,,,बधाई
अच्छे लिंक,अरुण शर्मा जी का स्वागत !!
जवाब देंहटाएंआभार आदरेया-
जवाब देंहटाएंखूबसूरत चर्चा -
गुरूजी से आग्रह-
जवाब देंहटाएंफुरसत ऐसे ना मिले, हरदिन कोना एक |
करते मिलकर फिक्स हम, करें काम यह नेक |
करें काम यह नेक, चुने हर दिन दो रचना |
करें मंच पर पोस्ट, नहीं गुरुवर को बचना |
सुबह सुबह दें जोड़, यही रविकर की हसरत |
चर्चा को दें मोड़, नहीं मिलनी है फ़ुरसत ||
सुन्दर चर्चा,आकर्षक लिंक्स,मेरी रचना को स्थान देने के लिए शुक्रिया,बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत बधाई ! सुंदर चित्र ! बढ़िया रिपोर्ट!
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएँ !:)
~सादर!!!
अच्छी चर्चा, बढिया लिंक्स
जवाब देंहटाएंनए चर्चाकार अरुण जी स्वागत
मयंक का कोना सुझाव अच्छा है। शास्त्री जी इसे स्वीकार करें
बहुत बढ़िया लिंक्स -सह-चर्चा प्रस्तुति ..
जवाब देंहटाएंआभार।।
अच्छी सार्थक सूत्रों से सजी चर्चा नए चर्चाकार अरुण कुमार का हार्दिक स्वागत है
जवाब देंहटाएंमयंक का कोना सुझाव बढ़िया है
जवाब देंहटाएंनए चर्चाकार का हार्दिक स्वागत है, सुझाव अच्छा है ,बढिया लिंक्स
जवाब देंहटाएंशानदार पोस्ट्स और हां ,आभार भी , मेरे जी से मेल करने के लिए ।
जवाब देंहटाएंसारे लिंक्स बहुत खूबसूरत हैं। मेरी रचना को शामिल करने के लिए शुक्रिया...
जवाब देंहटाएं