दोस्तों ग़ाफिल का नमस्कार!
प्रस्तुत हें आज की लघु चर्चा के लिए कुछ लिंक्स-
अब आज के लिए इतना ही, फिर मिलने तक नमस्कार!
प्रस्तुत हें आज की लघु चर्चा के लिए कुछ लिंक्स-
आज सबसे पहले
- बीजेपी : डूबते को तिनके का सहारा! -महेन्द्र श्रीवास्तव
- तीसरा खत -सुषमा आहुति
- किसी को सुलाता हूँ -गिरीश पाण्डेय
- आकर्षण -संजय भास्कर
- मन कहता है -‘निरन्तर’
- होता नित नया सवेरा -कविता रावत
- दो मुक्तक -डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’
- जैसे तुम -प्रतिभा सक्सेना
- खाद्य में रेशों का महत्व -वीरेन्दे कुमार शर्मा ‘वीरू भाई’
- बीस साल तक छूट, कहीं यदि रेप-खरोंचे -'रविकर'
- बन्द करके जुगुनुओं को -आशा सक्सेना
- प्यार की ख़ातिर -जॉनी समझदार
- माँ का क़र्ज़ कैसे उतार सकता है कोई -डॉ. अनवर ज़माल
- समय के घाव -अमरेन्द्र शुक्ल
- विश्वरूप और पाकिस्तान समर्थित समाज -राम राम भाई!
- अनदेखी मंज़िल -सुमन कपूर ‘मीत’
- रे महिला सुरक्षा अध्यादेश आ गया -काज़ल कुमार
अब आज के लिए इतना ही, फिर मिलने तक नमस्कार!
बहुत ही अच्छे लिंक्स......ग़ाफ़िल जी
जवाब देंहटाएंहमारी पोस्ट का लिंक शामिल करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद!
धन्यवाद भाई ग़ाफ़िल जी!
जवाब देंहटाएंइस कमेंट के द्वारा अपने सभी शुभचिन्तकों का आभार प्रकट करना चाहता हूँ!
--
आज की चर्चा संक्षिप्त नहीं अपने में बहुत कुछ समेटे है!
शुभप्रभात ॥अच्छी चर्चा गाफिल जी ...
जवाब देंहटाएंसंक्षिप्त और सुन्दर सूत्र..
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर चर्चा , मेरी रचना को शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद ************
जवाब देंहटाएंसाथ में डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री जी को जन्मदिन की बधाई हो!
Nice Links.
जवाब देंहटाएंअच्छी लिंक्स,
जवाब देंहटाएं-धन्यवाद !
बढिया चर्चा
जवाब देंहटाएंमुझे स्थान देने के लिए आभार
भले ही लघु हो किन्तु सार्थक चर्चा सभी पठनीय सूत्र बहुत बहुत बधाई गाफिल जी
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर एवं सार्थक चर्चा हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें. सादर
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत लिंक संयोजन ………उम्दा चर्चा
जवाब देंहटाएंजान बची और लाखों पाए ....बढ़िया प्रस्तुति .
जवाब देंहटाएंरे महिला सुरक्षा अध्यादेश आ गया -काज़ल कुमार
खूब सूरत से अशआर जो लिख दिया सो लिख दिया ,
जवाब देंहटाएंथा उन्हें एतबार जो लिख दिया सो लिख दिया .
चर्चा मंच मेंविश्वरूप और पाकिस्तान समर्थित समाज को बिठाने के लिए आभार .आभार आभार हृदय से आभार .
जवाब देंहटाएंनीतीश जी के लिए बेहतर है वह 2014 के चुनावों में लालू जी के सेकुलर डिब्बे में आरक्षण करा लें .ये पाकिस्तान सोच वाले लोग आज देश के लिए बड़ा खतरा है अच्छा खासा आदमी था कल तक
जवाब देंहटाएंबिहार को लालू कुराज से मुक्त कराया विकास के ऊपरले पायेदान पर लाया लेकिन अब सेकुलर हो गया है . ....बढ़िया प्रस्तुति .
बीजेपी : डूबते को तिनके का सहारा! -महेन्द्र श्रीवास्तव
जवाब देंहटाएंये इश्क है ये इश्क है तू मुझमे है मैं तुझमे हूँ .बढ़िया प्रस्तुति .
Sunday, 3 February 2013
तीसरा ख़त........ Valentine sepical........
तुम्हे याद है.....यूँ ही इक दिन चलते-चलते रस्ते में
एक बूढी भिखारिन बैठी थी.......और तुमने कुछ पैसे दिए थे.....
तुम्हे पता है......ना जाने क्यों तब से......
आज तक मैं जब भी उस राह से गुजरती हूँ.....उस बूढी भिखारिन को पैसे देने के लिए मेरे हाथ अपने आप आगे बढ़ जाते है ....पता नही कब मैं तुम बन जाती हूँ....कब तुम्हारी पसंद मेरी हो गयी....
जब से तुमसे मिली हूँ मैं खुद में तुमको जीने लगी हूँ.........
आहुति
तीसरा खत -सुषमा आहुति
बढ़िया रचना है संजय भाई .मुबारक
जवाब देंहटाएंकॉलेज को छोड़े करीब
सात साल बीत गये !
मगर आज उसे जब 7 साल बाद
देखा तो
देखता ही रह गया !
वो आकर्षण जिसे देख मैं
हमेशा उसकी और।।।।।।।।।।।।।।।।ओर
खिचा चला जाता था !...........खिंचा
आज वो पहले से भी ज्यादा
खूबसूरत लग रही थी
पर मुझे विश्वास नहीं
हो रहा था !
की वो मुझे देखते ही
पहचान लेगी !
पर आज कई सालो बाद ............सालों
उसे देखना
बेहद आत्मीय और आकर्षण लगा
मेरी आत्मा के सबसे करीब ..............!!
सुन्दर,मनोहर .
आकर्षण -संजय भास्कर
सुन्दर,मनोहर .
जवाब देंहटाएंमाशा अल्लाह बढ़िया प्रस्तुति रहते आप अपने ही खोल में हैं .बाहर नहीं निकलते अपने ब्लॉग (खोल )से .चलो एकतरफा संवाद ही सही
आप (.तुम) अपने में मगरूर रहो ,सलामत रहो .
मन कहता है
कहीं कोई मेरा
अपना तो है
उम्मीद की नकाब से
ढका कोई चेहरा तो है
मिलेगा या नहीं
ये अलग बात है
आस में
ज़िंदा रखता तो है
944-62-15-12-2012
शायरी,उम्मीद
मन कहता है -‘निरन्तर’
जवाब देंहटाएंसुन्दर,मनोहर .
माशा अल्लाह बढ़िया प्रस्तुति रहते आप अपने ही खोल में हैं .बाहर नहीं निकलते अपने ब्लॉग (खोल )से .चलो एकतरफा संवाद ही सही
आप (.तुम) अपने में मगरूर रहो ,सलामत रहो .
मन कहता है
कहीं कोई मेरा
अपना तो है
उम्मीद की नकाब से
ढका कोई चेहरा तो है
मिलेगा या नहीं
ये अलग बात है
आस में
ज़िंदा रखता तो है
944-62-15-12-2012
शायरी,उम्मीद
बढ़िया कोमल भाव की प्रेम की सात्विक आंच लिए कविता .
जवाब देंहटाएंहोता नित नया सवेरा -कविता रावत
देश के सब नागरिक, जाँबाज होने चाहिए,
जवाब देंहटाएंलक्ष्य पाने के नये आगाज़ होने चाहिए,
गैर को अपना बना सकते हैं मीठे बोल ही-
चाशनी में तर-बतर, अल्फाज़ होने चाहिए,
--बढ़िया मुक्तक है .आदमी गुड न दे गुड सी बात तो कह दे .
शब्द संभारे बोलिए ,शब्द के हाथ न पाँव ,
एक शब्द औषध करे ,एक शब्द करे घाव .
जन्म दिन मुबारक शाष्त्री जी को .रोशन तुम्ही से दुनिया ,रौनक तुम्ही जहां की सलामत रहो ...
विचार और भाव का सशक्त सम्प्रेषण .
जवाब देंहटाएंजैसे तुम -प्रतिभा सक्सेना
विचार और भाव का सशक्त सम्प्रेषण .स्वकेंद्रित आत्म मोह की सशक्त अभिव्यक्ति .हमारे वक्त की एक प्रासंगिक रचना .
जवाब देंहटाएंबन्द करके जुगुनुओं को -आशा सक्सेना
जवाब देंहटाएंसारा जग चालाक हैं, रखे पूत का ख्याल |
पहली कक्षा में दिया, चुरा लिया दो साल |
चुरा लिया दो साल, बहुत आगे की सोंचे |
बीस साल तक छूट, कहीं यदि रेप-खरोंचे |
बचे सजा से साफ़, कदाचित हो हत्यारा |
लास्ट लाउडली लॉफ़, न्याय अन्धा संसारा ||
मौजू व्यंग्य रचना .
बीस साल तक छूट, कहीं यदि रेप-खरोंचे -'रविकर'
बहुत बढ़िया लिंक्स लेकर सुन्दर चर्चा प्रस्तुति ...
जवाब देंहटाएंमेरी ब्लॉग पोस्ट शामिल करने हेतु आभार।
बढ़िया लिंक्स सुन्दर चर्चा,,,,
जवाब देंहटाएंडॉ.रूपचन्द्र शास्त्री जी(बड़े भाई ) को जन्मदिन की बहुत२ बधाई शुभकामनाए,,,,,
RECENT POST बदनसीबी,
अच्छे लिंक्स,ग़ाफ़िल जी
जवाब देंहटाएंपोस्ट का लिंक शामिल करने के लिए बहुत धन्यवाद