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बुधवार, फ़रवरी 06, 2013

ये ख्याल अच्छा है ! (बुधवार की चर्चा-1147)


आप सबको प्रदीप का नमस्कार |
बिना देरी किए अब शुरू करते हैं आज की चर्चा:-
ये ख्याल अच्छा है !
- पी.सी.गोदियाल "परचेत"
@ अंधड़ !


व्यथित भीगी सी डगर, कुछ हर्षौल्लास लेते है, 
कोई परेशानी, कोई और झमेला तलाश लेते हैं।
शारदे माँ श्वेत वसने वंदना स्वीकार कर
- Anupama Tripathi
@ anupama's sukrity


शरदे माँ श्वेत वसने वंदना स्वीकार कर ....
हो रहे पद्भ्रांत सारे ...विश्व का उद्धार कर ....
.
कविता गढ़ डालूंगी ...
- Amrita Tanmay
@ Amrita Tanmay


चाटुपटु तो हमेशा से ही
कविता की बिंदी के समान है
आइये! मिल कर हम कहें -
सांगोपांग सौन्दर्य से सज्जित
हिंदी ही हमारा अभिमान है .
रात भर जागे हैं : डा० श्रीमती तारा सिंह
- yashoda agrawal
@ मेरी धरोहर


रात भर जागे हैं , नींद हमको आती नहीं
काफ़िर के आँखों की शरारत जाती नहीं
कुछ बात तो है ..
- संगीता स्वरुप ( गीत )
@ गीत.......मेरी अनुभूतियाँ


आज के दिन
तोहफे के रूप में
मैं तुम्हें देती हूँ
अपनी सारी संवेदनाएं ,
ख्वाहिशें और खुशियाँ ।
चौथा ख़त
- sushma 'आहुति'@ 'आहुति'

मुझे आज भी वो तुम्हारी आँखे याद
है जो सबसे छुपते छुपते मुझे देखती थी.
बना रहे साथ.......
- Yashwant Mathur
@ जो मेरा मन कहे


देर से ही सही जन्मदिन की शुभकामनायें |
टीस-
- रश्मि प्रभा...
@ वटवृक्ष

ऋतुराज वसंत की गलियन में
- mridula pradhan@ mridula's blog


लखि शोभा ऐसी नैनन सों
मृदु मन सबके पुलकावत हैं,
पनघट जागी, जागी चिड़िया
मेरी गुड़िया भी जागत हैं.
टुकड़ों में टूटी जिंदगी
- Divya Shukla
@ ये पन्ने ........सारे मेरे अपने


जिंदगी अब जिद नहीं करेगी
चाँद के टुकड़े बटोर के ---फिर से
नया चाँद बना देगी चमकता हुआ
सड़क
- Asha Saxena
@ Akanksha


सड़क को कम न समझो 
बड़ा महत्त्व रखती है 
सब का भार वहन करती है 
बड़ा  संघर्ष करती है 
तमसो मा ज्योतिर्गमय---
- Rekha Joshi
@ Ocean of Bliss


मेरे पड़ोस में एक बहुत ही बुज़ुर्ग महिला रहती है ,उम्र लगभग अस्सी वर्ष होगी ,बहुत ही सुलझी हुई ,मैने न तो आज तक उन्हें किसी से लड़ते झगड़ते देखा और न ही कभी किसी की चुगली या बुराई करते हुए सुना है
मौसम और वो !
- संतोष त्रिवेदी
@ बैसवारी baiswari


उसका मिजाज मौसम-सा ,
हमको हर बार दगा देता है !

मिलने को बुलाता है मुझको
गलत हर बार पता देता है ।
कमाऊ-धमाऊ
- उदय - uday
@ कडुवा सच


भाई साहब, ... सुन्दर ... गोरी ... सुशील ...
इंग्लिश पढ़ी-लिखी ...
सुन्दर नाक-नक्श ...
पांच फिट पांच-छ: इंच ऊँची ...
गृहकार्य में दक्ष ...
मिलनसार ... एक कन्या की तलाश है !
देह पीड़ा से भले लहरी नहीं
- Dr.Kavita Vachaknavee
@ वागर्थ


देह पीड़ा से भले लहरी नहीं
नाग से तो प्रीत कम ज़हरी नहीं

राज-मुद्रा ने तपोवन को छला
जबकि मर्यादा रही प्रहरी नहीं
मुहब्बत का तजुर्बा
- Rajeev Sharma
@ Do Took


खुद को बर्बाद करने का तजुर्बा हमसे कोई सीखे
जिंदगी खाक करने का तजुर्बा हमसे कोई सीखे
मुहब्बत की है मैंने जानता हर शख्स बस्ती का
मगर अंदाज क्या हो, ये तजुर्बा हमसे कोई सीखे
चाल ,चलन, चरित्र (दूसरा भाग )
- Kalipad "Prasad"
@ अनुभूति
अनचाहा कोई एक ख़याल
- expression
@ my dreams 'n' expressions.....याने मेरे दिल से सीधा कनेक्शन


तेरे माथे की
सलवटों पर
करवटें बदलता कोई ख़याल....
जानती हूँ,
गल्तियों को मान लेना चाहिये
- अरुण कुमार निगम
@ अरुण कुमार निगम (हिंदी कवितायेँ)


ज्ञानियों से ज्ञान लेना चाहिये
गल्तियों को मान लेना चाहिये |

स्वस्थ रहने का सरल सिद्धांत है
पेय - जल को छान लेना चाहिये |
"लगता है बसन्त आया है"
- डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक
@ उच्चारण

पेड़ों ने सब पत्र पुराने झाड़ दिये हैं,
बैर-भाव के वस्त्र सुमन ने फाड़ दिये है,
होली की रंगोली ने मन भरमाया है!
लगता है बसन्त आया है!!
अग़ज़ल - 50
- दिलबाग विर्क
Sahitya Surbhi
आज के लिए बस इतना ही | मुझे अब आज्ञा दीजिये | मिलते हैं अगले बुधवार को कुछ अन्य लिंक्स के साथ |
तब तक के लिए अनंत शुभकामनायें |
आभार |

24 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत संतुलित पठनीय सुंदर लिंक्स,,,,के लिए बधाई प्रदीप जी,,,,

    जवाब देंहटाएं
  2. आभार
    अतिशय सुन्दर सूत्रों का संयोजन
    मेरी पसंदीदा रचना ने यहाँ स्थान पाया
    आभारी हूँ
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  3. बढ़िया लिंक्स हैं आज |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
    आशा

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत आभार मेरे स्वरों को स्थान देने हेतु ...
    अन्य लिंक्स भी बढ़िया हैं .....!!

    जवाब देंहटाएं
  5. आपके चिंतन व ब्लॉग समर्पण की बहुत -२ शुभकामनाएं ,चर्चा मंच के योगदान का साधुवाद जी सहनी साहब ! सुन्दर चर्चा ...

    जवाब देंहटाएं
  6. चर्चा लगाना एक श्रमसाध्य काम है।
    आपने बहुत मेहनत की है बुधवार की चर्चा को लगाने में।
    आभार आपका!

    जवाब देंहटाएं
  7. इस अंक में मुझे स्थान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  8. सुन्दर चर्चा -
    हमें एक बढ़िया चर्चाकार मिल चुका है-
    नि:संदेह -
    आभार प्रिय प्रदीप जी ||

    जवाब देंहटाएं
  9. खूबसूरत लिंक्स संजोये हैं ………बढिया चर्चा

    जवाब देंहटाएं
  10. प्रदीप भाई बेहद सुन्दर चर्चा है, अच्छे लिंक्स संजोये हैं सादर

    जवाब देंहटाएं
  11. अच्छे लिंक मिले आज.... धन्यवाद !

    रीतेश..
    www.safarhainsuhana.blogspot.in

    जवाब देंहटाएं
  12. बहुत बढ़िया चर्चा प्रदीप जी
    सभी लिंक्स सुन्दर..
    अपनी रचना यहाँ पाकर प्रसन्न हूँ..
    आभार.

    अनु

    जवाब देंहटाएं
  13. आज की चर्चा बहुत ही सार्थक रही, सुंदर लिकों से सुसज्जित करने के लिए आभार प्रदीप जी।

    जवाब देंहटाएं
  14. अच्छे पठनीय सूत्र हैं ...आभार ...सही ही है यह श्रमसाध्य कार्य है ...

    जवाब देंहटाएं
  15. सुंदर लिकों से सुसज्जित...........

    जवाब देंहटाएं
  16. मेरी रचना को यहां स्थान देने के लिए ह्रदय से आभार

    जवाब देंहटाएं
  17. मेरी रचना को यहां स्थान देने के लिए ह्रदय से आभार

    जवाब देंहटाएं
  18. अति सुन्दर चर्चा में सम्मिलित करने के लिए आभार..

    जवाब देंहटाएं
  19. बहुत अच्छे सूत्रों से सजी चर्चा .सुन्दर प्रयास .मेरी पोस्ट को यह सम्मान देने हेतु आभारये क्या कर रहे हैं दामिनी के पिता जी ? आप भी जाने अफ़रोज़ ,कसाब-कॉंग्रेस के गले की फांस

    जवाब देंहटाएं

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