आज की मंगलवारीय चर्चा में आप सब का स्वागत है राजेश कुमारी की आप सब को नमस्ते , ,आप सब का दिन मंगल मय हो अब चलते हैं आपके प्यारे ब्लॉग्स पर
Velly of flower
Jatdevta
Sandeep at जाट देवता का सफर
मेरे पापा - डॉ सोनरूपा विशाल
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भाषा
MANOJ
KAYAL at RAAGDEVRAN
पढ़ाकू बच्चों का संग साथ कुशाग्र बनाता है नौनिहालों को - साथ में सेहतनामा पढ़िए
Virendra
Kumar Sharma at कबीरा खडा़ बाज़ार में -
(ग़ज़ल) ,कमी तो रहेगी
Rajesh
Kumari at HINDI KAVITAYEN
,AAPKE VICHAAR
रात से गिला क्या है....
vandana at वाग्वैभव
आज की चर्चा यहीं समाप्त करती हूँ फिर चर्चामंच पर हाजिर होऊँगी कुछ नए सूत्रों के साथ तब तक के लिए शुभ विदा बाय बाय ||
आगे है..
रविकर का कोना..
आज तो पर्याप्त सूत्र हैं पढ़ने के लिए |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार राज कुमारी जी |
जवाब देंहटाएंआशा
बहुत सुन्दर और श्रमसाध्य चर्चा!
जवाब देंहटाएंआभार!
सुन्दर चर्चा -
जवाब देंहटाएंआभार आदरेया ||
हमारी पोस्ट शामिल करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंसादर
चर्चा मंच की आज की प्रस्तुति एवं प्रस्तुतिकर्ता को शुभकामनायें ...बहुत सुन्दर प्रयास |
जवाब देंहटाएंराजेश जी, बहुत सुंदर लिंक्स से सजा है आज का चर्चा मंच..आभार !
जवाब देंहटाएंसुन्दर व्यवस्थित चर्चा लगाईं है. आभार आपका.
जवाब देंहटाएंसंयोजन सेतु चयन खूब सूरत है शुक्रिया हमारी रचना को शामिल करने के लिए .
जवाब देंहटाएंआज के हालत का आम आदमी की बे बसी का दर्द लिए है ये गजल -
जवाब देंहटाएंकैसे रुकेगा आखिर ,पूछें ये हाकिमों से ,
भारत के अस्मिता पर ,जो हमला हो रहा है .
आतंकियों से पूछें, पूछें जेहादियों से इंसानियत का जज़्बा, क्या उन का मर गया है ? यह एक प्रश्न है डॉ आज़म का जो आज की ग़ज़ल के रूप में सामने आया है ।
पंकज सुबीर at सुबीर संवाद सेवा -
शुक्रिया आपका सगम से सरगमी सोचा हमने भी था लेकिन पूरा यकीन न था खुद पर .बहुत बहुत शुक्रिया ,शब्द कोष में इजाफा किया आपने .रेशम से रेशमी सरगम से सरगमी .शर्बत से शरबती .है न
जवाब देंहटाएं(ग़ज़ल) ,कमी तो रहेगी
Rajesh Kumari at HINDI KAVITAYEN ,AAPKE VICHAAR
सुंदर लिंक्स के साथ सुंदर चित्र । मेरी रचना इस माला में पिरोने के लिये धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंसुंदर लिंकों से सजा है आज का चर्चा मंच,,,,,
जवाब देंहटाएंमेरी पोस्ट शामिल करने के लिए आपका बहुत बहुत आभार,,,
कई बार चर्चामंच फीड नही मिलता ,,,पता नही क्यू ...
सुंदर चर्चा ...
जवाब देंहटाएंसुंदर लिंक हैं सारे...सभी सराहनीय...मेरी रचना शामिल करने के लिए आपका धन्यवाद..
जवाब देंहटाएंआप सभी का हार्दिक आभार
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